मीडिया का शिक्षक हो तो पुष्पेंद्रपाल सिंह जैसा। पुष्पेंद्रपाल सिंह पिछले पांच वर्षों से मध्य प्रदेश शासन के जनसंपर्क विभाग के उपक्रम मध्यप्रदेश माध्यम के प्रधान संपादक हैं।

मीडिया का शिक्षक हो तो पुष्पेन्द्र पाल सिंह जैसा

मीडिया का शिक्षक हो तो पुष्पेंद्रपाल सिंह जैसा। पुष्पेंद्रपाल सिंह पिछले पांच वर्षों से मध्य प्रदेश शासन के जनसंपर्क विभाग के उपक्रम मध्यप्रदेश माध्यम...
दया पवार की आत्मकथा अछूत महार समाज के संघर्ष की गाथा है 

दया पवार की आत्मकथा अछूत महार समाज के संघर्ष की गाथा है 

राम धनी द्विवेदी दया पवार की आत्‍मकथा अछूत पढ़ते समय ऐसा लगा कि दूसरों की पीड़ा हम उस गहराई तक अनुभव नहीं कर सकते,...

रेखना मेरी जान : ग्लोबल वार्मिंग की पृष्ठभूमि में खिले प्रेम के फूल

नवीन शर्मा रतनेश्वर सिंह अपने उपन्यास रेखना मेरी जान ग्लोबल वार्मिंग जैसे अलार्मिंग मुद्दे को प्रमख कथा में गूंथ कर हिंदी भाषी पाठकों को...
ओमप्रकाश अश्क

और अविनाश जी की हो गई विदाई, अश्क को मिली पटना की कमान

वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क का पटना आगमन 1997 के मध्य में हुआ और अगले पड़ाव की ओर वह जून 1999 में प्रस्थान कर गये।...
ओमप्रकाश अश्क

प्रधान संपादक हरिवंश जी ने प्रभात खबर में कहां-कहां नहीं घुमाया

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वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क के संस्मरणों पर आधारित प्रस्तावित पुस्तक- मुन्ना मास्टर बने एडिटर- की धारावाहिक कड़ी  तीन राज्य, पांच शहर और नौ तबादले। पत्रकारिता...
ममता कालिया की संस्मरणात्मक पुस्तक ‘अंदाज़-ए-बयाँ उर्फ़ रवि कथा’ में ममता कालिया ने खुद को हाईलाइट होने नहीं दिया है। रवींद्र कालिया केंद्र में हैं और है उनका कथा-समय। पुस्तक केबारे में अच्छी आलोचनात्मक टिप्पणी लिखी हैं प्रो. अरुण होता ने।

ममता कालिया की पुस्तक ‘अंदाज़-ए-बयाँ उर्फ़ रवि कथा’

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ममता कालिया की संस्मरणात्मक पुस्तक ‘अंदाज़-ए-बयाँ उर्फ़ रवि कथा’ में ममता कालिया ने खुद को हाईलाइट होने नहीं दिया है। रवींद्र कालिया केंद्र में...
मलिकाइन के पाती

साहित्य में सावन का आनंद देखिए नरेश मेहता की नजर से

मित्रो! आज दूसरा सप्तक के कवि के रूप में विख्यात और मालवा निवासी श्री नरेश मेहता के एक काव्यमय गद्य से आपको परिचय करवा...
कर्मेन्दु शिशिरः नवजागरण के मार्क्सवादी व्याख्याकार

कर्मेन्दु शिशिरः नवजागरण के मार्क्सवादी व्याख्याकार

हिन्दी के आलोचक- जिनका 26 अगस्त को जन्मदिन है अमरनाथ कर्मेन्दु शिशिर हमारे समय के अत्यंत अध्ययनशील, वैज्ञानिक दृष्टि सम्पन्न और हर परिस्थिति में अपने...
मैथिली 8वीं अनुसूची में हिन्दी के पाठ्यक्रम में विद्यापति क्यों? यह सवाल उठाया है कलकत्ता यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अमरनाथ ने। उनके सवाल में दम भी है।

मैथिली 8वीं अनुसूची में हिन्दी के पाठ्यक्रम में विद्यापति क्यों?

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अमरनाथ मैथिली 8वीं अनुसूची में हिन्दी के पाठ्यक्रम में विद्यापति क्यों? यह सवाल उठाया है कलकत्ता यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अमरनाथ ने। उनके सवाल में...

रहिमन पानी राखिए………. : रमेश चंद्र की कहानी

रहिमन पानी राखिए..! यह रमेश चंद्र की कहानी का शीर्षक है। शिक्षा महकमे के अधिकारी रमेश चंद्र ग्रामीण परिवेश से आते हैं। उनकी रचनाओं...