रवि यज्ञसेनी की 2 कविताएं- पापा अब परदेश न जाना/ अब ना जाओ दूर...

रवि यज्ञसेनी पापा अब परदेश ना जाना हम रूखा-सूखा खा लेंगे। दूर हुए अपने गाँवो से, दूर खेत-खलिहानों से, दूर तीज-त्योहार हुए, और बासंती मेलों से। पापा मेरी फिक्र ना...

नीरज जी को सुनने के लिए सुबह तक जमावड़ा अब भी याद आता है

राजेंद्र तिवारी नीरज जी को श्रद्धांजलि.....बचपन में मैं और मेरे बड़े भाई नीरज जी को सुनने के लिए दशहरे के मेले में सुबह तक...

सुधांशु शेखर की कविता- कब निकलेगा समाधान प्रिये !

सुधांशु शेखर इस लॉक डाउन के चंगुल से कब निकलेगा समाधान प्रिये ! तुम लॉक डाउन की बढ़ती डेट मैं वस्तु का घटता दाम प्रिये ! तुम ग्रीन...
श्यामरुद्र पाठक, जिसे कभी कोई पुरस्कार या सम्मान नहीं मिला। हाँ, लाठियां और जेल की हवा जरूर मिली किन्तु कभी हार नहीं माना।

श्यामरुद्र पाठकः हिन्दी के योद्धा, जिनका आज जन्मदिन है

श्यामरुद्र पाठक, जिसे कभी कोई पुरस्कार या सम्मान नहीं मिला। हाँ, लाठियां और जेल की हवा जरूर मिली किन्तु कभी हार नहीं माना। अमरनाथ हिन्दी...