तब प्रभात खबर के प्रिंटलाइन में संपादकीय प्रभारी का नाम छपा

आप जहां रहते हैं, उसके इर्द-गिर्द हर दिन, हर पल कई ऐसी चीजें घटित होती हैं कि जब कभी किस्सागोई में उन्हें समेटना चाहें...

पटना की सविता मिश्रा बेंगलुरू में सम्मानित हुईं

बेंगलुरू। 17 जून 2018 अहिंदी भाषी कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरु में 'साहित्य परिवार' की ओर से भव्य काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसमें देश...
अलका सरावगी के उपन्यास 'कुलभूषण का नाम दर्ज़ कीजिये'- पर वरिष्ठ साहित्यकार ममता कालिया ने अपनी टिप्पणी दर्ज की है।

अलका सरावगी के उपन्यास ‘कुलभूषण का नाम दर्ज़ कीजिये’- पर ममता कालिया की टिप्पणी

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अलका सरावगी के उपन्यास 'कुलभूषण का नाम दर्ज़ कीजिये'- पर वरिष्ठ साहित्यकार ममता कालिया ने अपनी बेबाक टिप्पणी दर्ज की है। सीधे कहें तो...

भगवान श्रीकृष्ण अपने समय के सबसे बड़े डिप्लोमैट थे

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(अखिलेश मयंक के लखनऊ पर आधारित शीघ्र प्रकाश्य उपन्यास का एक अंश) यार शीरीन ! दुनिया में क्या ऐसा कोई तरीका नहीं कि मेरा सांवला...

कुमार जगदलवी की कविता- लड़ो या मरो………

कुमार जगदलवी सामने खतरा था मैं उससे लड़ सकता था मगर ज़ेहन ने कहा काहे को लड़ना लड़ने पर जोखिम है बेहतर है कि मैं रास्ता बदल लूं मैंने रास्ता बदल...
कमल किशोर गोयनका

प्रेमचंद के अद्वितीय व्याख्याता : कमल किशोर गोयनका

अमरनाथ बुलंदशहर (उ.प्र.) के एक व्यवसायी परिवार में जन्मे और जाकिर हुसेन कॉलेज (साँध्य), दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे कमल किशोर गोयनका (11.10.1938 )...
प्रभात खबर बिकने को तैयाार था। खरीदारों का हुजूम भी उमड़ा था। आखिरकार सौदा दैनिक जागरण की कंपनी के साथ तय हुआ, पर बिकने से प्रभात खबर बच गया। बता रहे हैं ओमप्रकाश अश्क

प्रभात खबर ने बंगाल में हिन्दीभाषियों के हित की चिंता की

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आप पढ़ रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क की प्रस्तावित पुस्तक- मुन्ना मास्टर बने एडिटर- की धारावाहिक कड़ियां। आज के अंश का प्रसंग कोलकाता...
कृष्ण बिहारी मिश्र (दायें) के साथ लेखक निराला

जब हिंदी के कमर एतना नाजुक बा, त ओकरा टूटिये जाये में भलाई बा

बुढ़उती, भोजपुरी और गांधी जी के बारे में कृष्ण बिहारी मिश्र की बेबाक बतकही  निराला केहू कहल कि भोजपुरी आठवां अनुसूची में शामिल हो जाई...

बांग्ला में लेखन, पर हिन्दी में सर्वाधिक पढ़े गये शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय

पुण्यतिथि पर विशेष नवीन शर्मा शरत चंद्र वैसे तो मूल रूप से बांग्ला के उपन्यासकार थे, लेकिन उनकी रचनाओं के अनुवाद हिंदी भाषी लोगों में खासे...
ओमप्रकाश अश्क

और अविनाश जी की हो गई विदाई, अश्क को मिली पटना की कमान

वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क का पटना आगमन 1997 के मध्य में हुआ और अगले पड़ाव की ओर वह जून 1999 में प्रस्थान कर गये।...