ओमप्रकाश अश्क

और अब प्रभात खबर का पटना संस्करण बना अगला पड़ाव

मुन्ना मास्टर बने एडिटर- पत्रकार ओमप्रकाश अश्क की प्रस्तावित पुस्तक हैं। इसे हम लगातार क्रमिक रूप से प्रकाशित कर रहे हैं। गुवाहाटी, रांची, कोलकाता...

और गांव की गंध छोड़ चल पड़े काली के देस कामाख्या

0
बहुतेरे पाठक ओमप्रकाश अश्क के वर्तमान से तो परिचित हैं, पर उनका अतीत कितना संघर्षपूर्ण रहा है, इसकी झलक उनकी प्रस्तावित पुस्तक- मुन्ना मास्टर...
ओमप्रकाश अश्क

और कोलकाता में सोशल वर्कर की पहचान बन गई ओमप्रकाश अश्क की

0
कोलकाता में संपादकी करते ओमप्रकाश अश्क ने एक समाजसेवी की भूमिका कैसे निभायी, इसके बारे में आप ने पिछली कड़ी में पढ़ा कि एक...

और जब हरिनारायण सिंह के प्रभात खबर छोड़ने पर मची उथलपुथल

वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क की प्रस्तावित पुस्तक की धारावाहिक कड़ी योजनाएं बनाना आसान है, पर अमल करना-कराना बड़ा मुश्किल। धनबाद में रहते एक बार अपने...
पहले से तय प्रोग्राम के मुताबिक रामधनी दुसाध और रामजी चेरो ने नलराजा के मेले में आधा-आधा सेर गुड़हिया जलेबी खाई, एक-एक लोटा पानी पिया।

तेरी चाहत का दिलवर बयां क्या करूं…………..

अरविंद चतुर्वेद पहले से तय प्रोग्राम के मुताबिक रामधनी दुसाध और रामजी चेरो ने नलराजा के मेले में आधा-आधा सेर गुड़हिया जलेबी खाई, एक-एक...

शैलेश मटियानी को हममें से कितने लोग जानते हैं?

इतनी कहियो जायि मिथिलेश कुमार सिंह शैलेश मटियानी को हममें से कितने लोग जानते हैं? सौ, दो सौ, चार सौ या हजार-दो हजार। यही न?...
बांग्ला उपन्यास की यात्रा उन्नीसवीं शती के उत्तरार्द्ध में आरंभ हुई। बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय से बांग्ला उपन्यास को जीवन मिला था।

बांग्ला उपन्यास की यात्रा उन्नीसवीं शती के उत्तरार्द्ध में आरंभ हुई

कृपाशंकर चौबे बांग्ला उपन्यास की यात्रा उन्नीसवीं शती के उत्तरार्द्ध में आरंभ हुई। बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय से बांग्ला उपन्यास को जीवन मिला था। उनके उपन्यास...
साहित्य के मुख्य विषय इस वर्ष क्या होंगे? अगर संवेदना साहित्य की आत्मा है तो निश्चत ही इस पर विचार होना चाहिए।

साहित्य के मुख्य विषय इस वर्ष क्या होंगे?

साहित्य के मुख्य विषय इस वर्ष क्या होंगे? अगर संवेदना साहित्य की आत्मा है तो निश्चत ही इस पर विचार होना चाहिए। कलकत्ता विश्वविद्यालय...

मारीशस  के लोग मानते हैं- भोजपुरी हिंदी की माता है

राजेश श्रीवास्तव मॉरीशस में हुए मेरे दोनों व्याख्यानों में मैंने रामकथा को गलत तरह से प्रचारित किये जाने का विरोध किया। संसार के बहुत ...
मैथिली 8वीं अनुसूची में हिन्दी के पाठ्यक्रम में विद्यापति क्यों? यह सवाल उठाया है कलकत्ता यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अमरनाथ ने। उनके सवाल में दम भी है।

मैथिली 8वीं अनुसूची में हिन्दी के पाठ्यक्रम में विद्यापति क्यों?

0
अमरनाथ मैथिली 8वीं अनुसूची में हिन्दी के पाठ्यक्रम में विद्यापति क्यों? यह सवाल उठाया है कलकत्ता यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अमरनाथ ने। उनके सवाल में...