बांग्ला में लेखन, पर हिन्दी में सर्वाधिक पढ़े गये शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय

पुण्यतिथि पर विशेष नवीन शर्मा शरत चंद्र वैसे तो मूल रूप से बांग्ला के उपन्यासकार थे, लेकिन उनकी रचनाओं के अनुवाद हिंदी भाषी लोगों में खासे...

नहीं जानते तो जान लें सुभाषचंद्र गुप्ता उर्फ मुद्राराक्षस को

शूद्रों के चित्रकार थे मुद्राराक्षस! एक चित्रकार था- बादलों का चित्रकार! वह ताजिंदगी बादलों का चित्र बनाता रहा- काले, भूरे, मटमैले बादलों का। बादलों के चित्र कभी...

राजकिशोर को लोगों ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

वरिष्ठ पत्रकार राजकिशोर निधन पर साहित्यकारों, पत्रकारों, प्राध्यापकों ने अलग-अलग तरीके से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। पेश हैं उनके उद्गार, जो सोशल मीडिया...

ओमप्रकाश अश्क की पांच कविताएं

समस्या है संगिनी समस्याओं का साथ मुझे रास आने लगा है। तभी तो मैंने इसे संगिनी स्वरूप स्वीकृति दे दी है। संज्ञा स्वरूप समस्याएं रोज साथ सोती हैं, जागती हैं,दुत्कारती तो...
कमल किशोर गोयनका

प्रेमचंद के अद्वितीय व्याख्याता : कमल किशोर गोयनका

अमरनाथ बुलंदशहर (उ.प्र.) के एक व्यवसायी परिवार में जन्मे और जाकिर हुसेन कॉलेज (साँध्य), दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे कमल किशोर गोयनका (11.10.1938 )...

कुमार जगदलवी की कविता- लड़ो या मरो………

कुमार जगदलवी सामने खतरा था मैं उससे लड़ सकता था मगर ज़ेहन ने कहा काहे को लड़ना लड़ने पर जोखिम है बेहतर है कि मैं रास्ता बदल लूं मैंने रास्ता बदल...

इतिहास के आईने में बिहारः सुगांव डायनेस्टी और विद्यापति 

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लेखक-पत्रकार संजय ठाकुर की अप्रकाशित इतिहास की पुस्तक- विद्यापति और सुगांव (अतीत के आईने में चम्पारण) का एक अंश  पूर्वी चम्पारण जिला के सुगौली प्रखंड के ...
प्रभात खबर बिकने को तैयाार था। खरीदारों का हुजूम भी उमड़ा था। आखिरकार सौदा दैनिक जागरण की कंपनी के साथ तय हुआ, पर बिकने से प्रभात खबर बच गया। बता रहे हैं ओमप्रकाश अश्क

प्रभात खबर ने बंगाल में हिन्दीभाषियों के हित की चिंता की

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आप पढ़ रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क की प्रस्तावित पुस्तक- मुन्ना मास्टर बने एडिटर- की धारावाहिक कड़ियां। आज के अंश का प्रसंग कोलकाता...

और हरिवंश जी ने सब एडिटर से सीनियर न्यूज एडिटर बना दिया

ओमप्रकाश अश्क की प्रस्तावित पुस्तक- मुन्ना मास्टर बने एडिटर- का अंश आप लगातार पढ़ रहे हैं। आज उसकी अगली कड़ी के रूप में पढ़ें,...
कविता अखबारी दायित्व नहीं निभाती जिससे उसे सामयिकता की कसौटी पर परखा जाय

कविता अखबारी दायित्व नहीं निभाती जिससे उसे सामयिकता की कसौटी पर परखा जाय

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कोर्ट भला कविता के रुप में दी गई गवाही मानता है क्या ? रविकेश मिश्रा पटना: कविता की गवाही भला कोर्ट क्यों माने ? कविता...