एमलिन बोदरा की सादरी भाषा में लिखी कविताएं……

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उत्तर बंगाल के चाय बागानों में नयी रचनात्मक पौध खड़ी हो रही है। इसमें एमलिन बोदरा एक खास नाम है। एमलिन कविताएं लिखती हैं।...

मारीशस  के लोग मानते हैं- भोजपुरी हिंदी की माता है

राजेश श्रीवास्तव मॉरीशस में हुए मेरे दोनों व्याख्यानों में मैंने रामकथा को गलत तरह से प्रचारित किये जाने का विरोध किया। संसार के बहुत ...

एक गुमनाम साप्ताहिक ‘महावीर’ का सत्याग्रह अंक, लोकार्पण 26 को

रांची। देश की आजादी में पत्र-पत्रिकाओं ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उस समय के आंदोलन के दस्तावेजीकरण का काम इन पत्र-पत्रिकाओं ने बखूबी किया।...
प्रभात खबर बिकने को तैयाार था। खरीदारों का हुजूम भी उमड़ा था। आखिरकार सौदा दैनिक जागरण की कंपनी के साथ तय हुआ, पर बिकने से प्रभात खबर बच गया। बता रहे हैं ओमप्रकाश अश्क

कोलकाता में कामयाबी की इबारत लिखी प्रभात खबर ने

वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क की प्रस्तावित पुस्तक का अंश आप धारावाहिक रूप में पढ़ रहे हैं। कोलकाता में प्रभात खबर की शुरुआत अश्क ने...

कहां गइल मोर गांव रे, बता रहे वरिष्ठ पत्रकार शेषनारायण सिंह

 शेष नारायण सिंह  1975 में जब मैंने संत तुलसीदास डिग्री  कालेज, कादीपुर (सुल्तानपुर) की प्राध्यापक की नौकरी छोडी थी तो एक महत्वपूर्ण फैक्टर यह...
प्रभात खबर बिकने को तैयाार था। खरीदारों का हुजूम भी उमड़ा था। आखिरकार सौदा दैनिक जागरण की कंपनी के साथ तय हुआ, पर बिकने से प्रभात खबर बच गया। बता रहे हैं ओमप्रकाश अश्क

ऐसी खबर बनवाने का बोझ ढोता रहा, जिसका सच से सरोकार न था

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वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क की प्रस्तावित पुस्तक- मुन्ना मास्टर, बने एडिटर- की यह कड़ी पुस्तक में दर्ज कुछ एक्सक्लूसिव तथ्यों-अंशों में से एक है।...

अरे रामा रिमझिम बरसे बदरिया कि नांहि घरे आए संवरिया ना

मिथिलेश कुमार सिंह सावन ने दस्तक दे दी है और हम दिमाग से मिर्जापुर में हैं। बड़े शहरों में ऐसे मौसम आनी- जानी होते...
फणीश्वरनाथ रेणु का कथा संसार दो भिन्न भारतीय स्‍वरूपों के बीच खड़ा है। प्रेमचंद के बाद फणीश्‍वर नाथ रेणु को आंचलिक कथाकार माना गया है।

फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ सार्वजनिक उपस्थिति के कलाकार थे

जन्मदिन के अवसर पर फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ को याद करते हुए फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ पैदायशी कलाकार और किस्सागो तो थे ही, वैसे ही पैदायशी आंदोलनकारी...
कविता अखबारी दायित्व नहीं निभाती जिससे उसे सामयिकता की कसौटी पर परखा जाय

कविता अखबारी दायित्व नहीं निभाती जिससे उसे सामयिकता की कसौटी पर परखा जाय

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कोर्ट भला कविता के रुप में दी गई गवाही मानता है क्या ? रविकेश मिश्रा पटना: कविता की गवाही भला कोर्ट क्यों माने ? कविता...
साहित्य के मुख्य विषय इस वर्ष क्या होंगे? अगर संवेदना साहित्य की आत्मा है तो निश्चत ही इस पर विचार होना चाहिए।

साहित्य के मुख्य विषय इस वर्ष क्या होंगे?

साहित्य के मुख्य विषय इस वर्ष क्या होंगे? अगर संवेदना साहित्य की आत्मा है तो निश्चत ही इस पर विचार होना चाहिए। कलकत्ता विश्वविद्यालय...