मलिकाइन के पातीः समझदार खातिर इशारा काफी होला

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पावं लागीं मलिकार। केतना दिन से एगो सवाल हमरा मन में हुड़रहो मचवले बा मलिकार। रउरा अइसन नइखे बुझात कि अपना देश में छोट-बड़...
ओमप्रकाश अश्क

साल भर लटकी रही फाइल, पर पैरवी पर दो दिन में लग गया टेलीफोन

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पत्रकारीय जीवन के उतार-चढ़ाव और विविधता भरे जीवन के बारे में वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क ने अपनी प्रस्तावित पुस्तक- मुन्ना मास्टर बने एडिटर- में...
फणीश्वरनाथ रेणु का कथा संसार दो भिन्न भारतीय स्‍वरूपों के बीच खड़ा है। प्रेमचंद के बाद फणीश्‍वर नाथ रेणु को आंचलिक कथाकार माना गया है।

कोरोना और COVID-19 सेे ऊब गये हों तो रेणु को जरूर पढ़ लें

कोरोना, कोरोना वायरस और COVID-19 या नोवेल कोरोना सुनते-सुनते अगर आप ऊब गये हैं तो थोड़ा फणीश्वर नाथ रेणु के बारे में भी पढ़...
फणीश्वरनाथ रेणु मानवीयता को स्थापित करने के लिए संघर्ष करने वाले लेखक हैं। वे भारतीयता का एक चेहरा हैं। एक अकेली आवाज हैं।

रूसी शोध छात्रों की टोली जब रेणु के गांव जाने की जिद पर अड़...

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रूसी शोध छात्रों की टोली फणीश्वरनाथ रेणु पर शोध कार्य करने आयी थी। इनमें दो लड़कों के साथ चार लड़कियां रेणु से मिलने पटना...

और गांव की गंध छोड़ चल पड़े काली के देस कामाख्या

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बहुतेरे पाठक ओमप्रकाश अश्क के वर्तमान से तो परिचित हैं, पर उनका अतीत कितना संघर्षपूर्ण रहा है, इसकी झलक उनकी प्रस्तावित पुस्तक- मुन्ना मास्टर...
जैनेन्द्र कुमार

जैनेन्द्र कुमार की जीवनी : अनासक्त आस्तिक 

प्रेमकुमार मणि  मैं जब युवा था, तब प्रेमचंद और जैनेन्द्र को लेकर मेरे मन में कभी कभार उधेड़-बुन होता था। प्रश्न उठता था कि...

राष्ट्रकवि दिनकर की धरती सिमरिया में दिसंबर में साहित्य का महा कुंभ

बेगूसराय से नंदकिशोर सिह बिहार के बेगूसराय जिला में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की धरती सिमरिया धाम के प्रांगण में 5 माह के बाद...
ओमप्रकाश अश्क

और अविनाश जी की हो गई विदाई, अश्क को मिली पटना की कमान

वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क का पटना आगमन 1997 के मध्य में हुआ और अगले पड़ाव की ओर वह जून 1999 में प्रस्थान कर गये।...

शैलेश मटियानी को हममें से कितने लोग जानते हैं?

इतनी कहियो जायि मिथिलेश कुमार सिंह शैलेश मटियानी को हममें से कितने लोग जानते हैं? सौ, दो सौ, चार सौ या हजार-दो हजार। यही न?...
विष्णुकांत शास्ती की पुण्यतिथि पर विशेष

विष्णुकांत शास्त्रीः आलोचना के मशहूर हस्ताक्षर

अमरनाथ विष्णुकांत शास्त्री हिन्दी के आलोचना के मशहूर हस्ताक्षर रहे हैं। हिन्दुत्ववादी  आलोचक प्रो. विष्णुकान्त शास्त्री।  वे यूपी के राज्यपाल भी रहे। राजनीति, साहित्य और...