एक गुमनाम साप्ताहिक ‘महावीर’ का सत्याग्रह अंक, लोकार्पण 26 को

रांची। देश की आजादी में पत्र-पत्रिकाओं ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उस समय के आंदोलन के दस्तावेजीकरण का काम इन पत्र-पत्रिकाओं ने बखूबी किया।...

और आखिरकार कारोबार खबर की अकाल मौत हो गयी

पत्रकार ओमप्रकाश अश्क की प्रस्तावित पुस्तक- मुन्ना मास्टर बने एडिटर- की अगली कड़ी पेश है। यह उस दौर की बात है, जब श्री अश्क...

और जब हरिनारायण सिंह के प्रभात खबर छोड़ने पर मची उथलपुथल

वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क की प्रस्तावित पुस्तक की धारावाहिक कड़ी योजनाएं बनाना आसान है, पर अमल करना-कराना बड़ा मुश्किल। धनबाद में रहते एक बार अपने...
ओमप्रकाश अश्क

और कोलकाता में सोशल वर्कर की पहचान बन गई ओमप्रकाश अश्क की

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कोलकाता में संपादकी करते ओमप्रकाश अश्क ने एक समाजसेवी की भूमिका कैसे निभायी, इसके बारे में आप ने पिछली कड़ी में पढ़ा कि एक...

एमलिन बोदरा की सादरी भाषा में लिखी कविताएं……

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उत्तर बंगाल के चाय बागानों में नयी रचनात्मक पौध खड़ी हो रही है। इसमें एमलिन बोदरा एक खास नाम है। एमलिन कविताएं लिखती हैं।...
विष्णुकांत शास्ती की पुण्यतिथि पर विशेष

विष्णुकांत शास्त्रीः आलोचना के मशहूर हस्ताक्षर

अमरनाथ विष्णुकांत शास्त्री हिन्दी के आलोचना के मशहूर हस्ताक्षर रहे हैं। हिन्दुत्ववादी  आलोचक प्रो. विष्णुकान्त शास्त्री।  वे यूपी के राज्यपाल भी रहे। राजनीति, साहित्य और...
कबीर ज्ञान और प्रेम के कवि थे। उनकी कविता हाय-हाय और हाहाकार  वाली कविता नहीं है, उल्लास की कविता है। वह दिन-रात रोना-बिसूरना नहीं जानते।

कबीर की कविता हाय-हाय और हाहाकार वाली कविता नहीं है

कबीर ज्ञान और प्रेम के कवि थे। उनकी कविता हाय-हाय और हाहाकार  वाली कविता नहीं है, उल्लास की कविता है। वह दिन-रात रोना-बिसूरना नहीं...
अलका सरावगी के उपन्यास 'कुलभूषण का नाम दर्ज़ कीजिये'- पर वरिष्ठ साहित्यकार ममता कालिया ने अपनी टिप्पणी दर्ज की है।

अलका सरावगी के उपन्यास ‘कुलभूषण का नाम दर्ज़ कीजिये’- पर ममता कालिया की टिप्पणी

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अलका सरावगी के उपन्यास 'कुलभूषण का नाम दर्ज़ कीजिये'- पर वरिष्ठ साहित्यकार ममता कालिया ने अपनी बेबाक टिप्पणी दर्ज की है। सीधे कहें तो...
फणीश्वरनाथ रेणु मानवीयता को स्थापित करने के लिए संघर्ष करने वाले लेखक हैं। वे भारतीयता का एक चेहरा हैं। एक अकेली आवाज हैं।

रूसी शोध छात्रों की टोली जब रेणु के गांव जाने की जिद पर अड़...

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रूसी शोध छात्रों की टोली फणीश्वरनाथ रेणु पर शोध कार्य करने आयी थी। इनमें दो लड़कों के साथ चार लड़कियां रेणु से मिलने पटना...

बार-बार मन पूछे मेरा, बोलो भाई- कहां गइल मोर गांव रे!

ओमप्रकाश अश्क गांव छूटा तो लगभग सब कुछ गुम हो गया। ऐसा अब लगता है। यह अलग बात है कि गांव भी किसी लोभ...