यथार्थवादी उपन्यास हैं ’मैला आंचल’ और ‘परती परिकथा’
राजेंद्र वर्मा
यथार्थवादी उपन्यास, ’मैला आंचल’ और ‘परती परिकथा’ जैसे उपन्यासों में लोकजीवन की अनुपम छटा चित्रित करने वाले कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु हैं। 4.03.1921...
लघु कथा- दरकती दीवारें
नेमतपुर में फज़ीर की अज़ान के साथ खुशियों ने डेरा डाल दिया। पूरे तीस रोज़ों के बाद आज ईद की नमाज़ अता की जाएगी।...
राष्ट्रकवि दिनकर की धरती सिमरिया में दिसंबर में साहित्य का महा कुंभ
बेगूसराय से नंदकिशोर सिह
बिहार के बेगूसराय जिला में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की धरती सिमरिया धाम के प्रांगण में 5 माह के बाद...
रमेश चंद्र की लघु कथाः रेप सीन देने वाली लड़की कौन थी
मुम्बई। अंधेरी की अंधेर गलियां। रात के ग्यारह बजे होंगें। मैडम स्मिता की मर्सिडीज अब तक न पहुंची थी। सेट रेडी था। कैमरे लग...
साहित्य के मुख्य विषय इस वर्ष क्या होंगे?
साहित्य के मुख्य विषय इस वर्ष क्या होंगे? अगर संवेदना साहित्य की आत्मा है तो निश्चत ही इस पर विचार होना चाहिए। कलकत्ता विश्वविद्यालय...
डॉ अरुणा “अनु” की लघु कथा- जीवन की सीख
सुनीला की बोर्ड-परीक्षा का आज अंतिम दिन था। वह बहुत खुश थी। परीक्षा अच्छी जो हुई थी। घर लौटते हुए तरह-तरह के विचार उसके...
हिन्दी भाषा के एक दुर्लभ प्रसंग का उद्घाटन- हिन्दी तेरी वह दशा !
उन्नीसवीं शताब्दी में उर्दू का इतना प्रसार और दबदबा था कि हिन्दी उसके नीचे दबी हुई थी। उसके उन्नायक तब दो ही लेखक थे-...
कुमार जगदलवी की चुनिंदा पांच कविताएं
इंसानियत ही मजहब
हम-तुम, जब भी मिलें
अपने, आपे में मिलें
तुम, तुम में ही रहो
मैं, खुद ही में रहूँ।
तुम अपने अक़ीदे में रहो
मैं, अपने यकीं...
‘दुखाँ दी कटोरी : सुखाँ दा छल्ला’- प्रो. रूपा सिंह की अद्भुत कथा-यात्रा
'दुखाँ दी कटोरी : सुखाँ दा छल्ला'- प्रो. रूपा सिंह की अद्भुत कहानी है। इस कहानी के बहाने प्रो. मंगला रानी ने रूपा के...
फणीश्वरनाथ रेणु का कथा संसार दो भारतीय स्वरूपों के बीच खड़ा है
फणीश्वरनाथ रेणु का कथा संसार दो भिन्न भारतीय स्वरूपों के बीच खड़ा है। प्रेमचंद के बाद फणीश्वर नाथ रेणु को आंचलिक कथाकार माना गया...