प्रफुल्ला मिंज की कविताएं…..

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आज जिस कवि को हम आपके समक्ष लेकर आए हैं, उसकी कविताओं का रंग चाय के रंग में घुला हुआ है। उत्तर बंगाल के...
'गीत कभी गाता हूँ मैं, गीत कभी गाता मुझको' के बहाने गीतकार वीरेंद्र जी को याद किया है वरिष्ठ पत्रकार-साहित्यकार हरीश पाठक ने।

‘गीत कभी गाता हूँ मैं, गीत कभी गाता मुझको’ के बहाने वीरेंद्र की याद

'गीत कभी गाता हूँ मैं, गीत कभी गाता मुझको' के बहाने गीतकार वीरेंद्र जी को याद किया है वरिष्ठ पत्रकार-साहित्यकार हरीश पाठक ने। इसी...
विष्णुकांत शास्ती की पुण्यतिथि पर विशेष

विष्णुकांत शास्त्रीः आलोचना के मशहूर हस्ताक्षर

अमरनाथ विष्णुकांत शास्त्री हिन्दी के आलोचना के मशहूर हस्ताक्षर रहे हैं। हिन्दुत्ववादी  आलोचक प्रो. विष्णुकान्त शास्त्री।  वे यूपी के राज्यपाल भी रहे। राजनीति, साहित्य और...
ममता कालिया की संस्मरणात्मक पुस्तक ‘अंदाज़-ए-बयाँ उर्फ़ रवि कथा’ में ममता कालिया ने खुद को हाईलाइट होने नहीं दिया है। रवींद्र कालिया केंद्र में हैं और है उनका कथा-समय। पुस्तक केबारे में अच्छी आलोचनात्मक टिप्पणी लिखी हैं प्रो. अरुण होता ने।

ममता कालिया की पुस्तक ‘अंदाज़-ए-बयाँ उर्फ़ रवि कथा’

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ममता कालिया की संस्मरणात्मक पुस्तक ‘अंदाज़-ए-बयाँ उर्फ़ रवि कथा’ में ममता कालिया ने खुद को हाईलाइट होने नहीं दिया है। रवींद्र कालिया केंद्र में...
ओमप्रकाश अश्क

और इस तरह प्रभात खबर के कार्यकारी संपादक बने ओमप्रकाश अश्क

ओमप्रकाश अश्क ने अपने कार्यकारी संपादक बनने की रोचक कहानी आत्मकथा पर आधारित अपनी प्रस्तावित पुस्तक- मुन्ना मास्टर बने एडिटर- में बतायी है। कैसे...
यथार्थवादी उपन्यास, ’मैला आंचल’ और ‘परती परिकथा’ जैसे उपन्यासों में लोकजीवन की अनुपम छटा चित्रित करने वाले कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु हैं।

यथार्थवादी उपन्यास हैं ’मैला आंचल’ और ‘परती परिकथा’

राजेंद्र वर्मा यथार्थवादी उपन्यास, ’मैला आंचल’ और ‘परती परिकथा’ जैसे उपन्यासों में लोकजीवन की अनुपम छटा चित्रित करने वाले कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु हैं। 4.03.1921...

एक गुमनाम साप्ताहिक ‘महावीर’ का सत्याग्रह अंक, लोकार्पण 26 को

रांची। देश की आजादी में पत्र-पत्रिकाओं ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उस समय के आंदोलन के दस्तावेजीकरण का काम इन पत्र-पत्रिकाओं ने बखूबी किया।...
दया पवार की आत्मकथा अछूत महार समाज के संघर्ष की गाथा है 

दया पवार की आत्मकथा अछूत महार समाज के संघर्ष की गाथा है 

राम धनी द्विवेदी दया पवार की आत्‍मकथा अछूत पढ़ते समय ऐसा लगा कि दूसरों की पीड़ा हम उस गहराई तक अनुभव नहीं कर सकते,...

इतिहास के आईने में बिहारः सुगांव डायनेस्टी और विद्यापति 

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लेखक-पत्रकार संजय ठाकुर की अप्रकाशित इतिहास की पुस्तक- विद्यापति और सुगांव (अतीत के आईने में चम्पारण) का एक अंश  पूर्वी चम्पारण जिला के सुगौली प्रखंड के ...
ओमप्रकाश अश्क

और कोलकाता में सोशल वर्कर की पहचान बन गई ओमप्रकाश अश्क की

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कोलकाता में संपादकी करते ओमप्रकाश अश्क ने एक समाजसेवी की भूमिका कैसे निभायी, इसके बारे में आप ने पिछली कड़ी में पढ़ा कि एक...