ना खेलेब, ना खेलायेब, खेलवे भांड़ देब- मलिकाइन लिखले बाड़ी

खेलेब, ना खेलायेब, खेलवे भांड़ देब…………………

खेलेब ना खेलायेब, खेलवे भांड़ देब। मलिकाइन के पाती अबकियो कहाउते से शुरू भइल बा। उनकर सगरी पाती एही अंदाज में हर बेर आवेला।...
किरिया पर जाई, माई-बाप मर जाई...। मलिकाइन के पाती ढेर दिन पर आइल बा। पाती के शुरुआत अबकी एही लाइन से मलिकाइन कइले बाड़ी।

कहीं के ढोल कहीं के तासा, पल में तोला पल में मासा

कहीं के ढोल कहीं के तासा, पल में तोला पल में मासा। मलिकाइन के पाती के शुरुआत गंवई कहाउत से भइल बा-  एह कहाउत...

भोजपुरी फिल्‍म इंडस्‍ट्री की सबसे बड़ी फिल्‍म ‘नायक’, इस माह होगी रिलीज

0
रोचीश्री मूवीज के बैनर तले बनी है फिल्‍म ‘नायक’  मुंबई: सुपर स्‍टार प्रदीप पांडे चिंटू के फैंस को अब उनकी आने वाली फिल्‍म के लिए...
किरिया पर जाई, माई-बाप मर जाई...। मलिकाइन के पाती ढेर दिन पर आइल बा। पाती के शुरुआत अबकी एही लाइन से मलिकाइन कइले बाड़ी।

मलिकाइन के पाती- लोग अइसन जान देता, बुझाता घोंधा में बसल बा परान

मलिकाइन के पाती ढेर दिन बाद आइल बा। लिखले बाडी़- लोग अइसन जान देता, बुझाता घोंधा में बसल बा परान। रोज-रोज लोग के जान-परान...
गांव का दृश्य

मलिकाइन के पातीः आगरमती अगरइली त खांड़ा पर परइली  

पावं लागीं मलिकार। रउरा त इयादे होई मलिकार, माई के मौसी के इया बराबर एगो कहाउत कहस- आगरमती अगरइली त खांड़ा पर परइली। लरिकाईं...
मलिकाइन के पाती

मलिकाइन के पातीः जेतना के बबुआ ना, ओतना के झुझुना

मलिकाइन के पाती आइल बा। बाते बात में लिखले बाड़ी- जेतना के बबुआ ना, ओतना के झुनझुना। ई बात ऊ नेता लोगिन के बारे...
भिखारी ठाकुर की कल जयंती है. उनकी जयंती पर संजीव के ​उपन्यास 'सूत्रधार' के एगो अंश के भोजपुरी अनुवाद कइले बाड़े निराला​ बिदेसिया

भिखारी ठाकुर के जयंती पर उनका के एह तरे इयाद कइले निराला

0
भिखारी ठाकुर के काल्ह जयंती ह. उनका जयंती पर संजीव के ​उपन्यास 'सूत्रधार' के एगो अंश के भोजपुरी अनुवाद कइले बाड़े निराला​ बिदेसिया बबुआइन बाबू...
किरिया पर जाई, माई-बाप मर जाई...। मलिकाइन के पाती ढेर दिन पर आइल बा। पाती के शुरुआत अबकी एही लाइन से मलिकाइन कइले बाड़ी।

मार बढ़नी रे-मार बढ़नी, कोरोनवा कुलच्छनी के मार बढ़नी

मार बढ़नी रे-मार बढ़नी, कोरोनवा कुलच्छनी के मार बढ़नी। मलिकाइन के पाती एम शफी के लिखल आ रिंकू भारती के गावल गीत से शुरू...
गांव की तस्वीर बाबूलाल जी के सौजन्य से

पाती ना कवनो सनेस, कहां हेरा गइली मलिकाइन!

पांव लागीं मलिकार, रउरा त कहेब कि कहवां भुला गइली मलिकाइन। ना कवनो पाती आ ना सनेस। अइसन जनि सोचेब मलिकार। हमार देह भलहीं...
किरिया पर जाई, माई-बाप मर जाई...। मलिकाइन के पाती ढेर दिन पर आइल बा। पाती के शुरुआत अबकी एही लाइन से मलिकाइन कइले बाड़ी।

मलिकाइन के पाती- जवन होला, तवन नीमने होला….

मलिकाइन के पाती आइल बा। मलिकाइन लिखले बाड़ी- जवन होला, तवन नीमने होला मलिकार। ऊ कोरोना बेमारी के बारे में लिखले बाड़ी। उनका समझ...