डॉ. अंबेडकर के संपादन में निकले पाक्षिक ‘समता’ में सावरकर के उस पक्ष को तरजीह दी गयी है, जिसमें उन्होंने रोटी-बेटी के संबंध का समर्थन किया है।

डॉ. अंबेडकर के पाक्षिक ‘समता’ में सावरकर के विचारों का समर्थन

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डॉ. अंबेडकर के संपादन में निकले पाक्षिक ‘समता’ में सावरकर के उस पक्ष को तरजीह दी गयी है, जिसमें उन्होंने रोटी-बेटी के संबंध का...

अर्से बाद लोकसभा की कार्यवाही 20 जुलाई को खूब चली

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अर्से बाद 20 जुलाई को लोकसभा चली और खूब चली। सुबह 11 बजे से आधी रात तक चली । भोजनावकाश भी नहीं हुआ। ऐसा...

एम.ओ. मथाई की नेहरू पर लिखी पुस्तक से हटेगा प्रतिबंध?

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एम.ओ. मथाई की जवाहर लाल नेहरू पर लिखी पुस्तक से क्या प्रतिबंध हटेगा? इसकी संभावना दैनिक भास्कर के स्तंभकार डा. भरत अग्रवाल के स्तंभ...
बेरोजगारी पर बहस नयी नहीं, लेकिन सेन्टर फ़ॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) की ताजा रिपोर्ट ने बहस को नया जीवन दे दिया है।

मीडिया की स्वतंत्रता के मामले में भारत की हालत शर्मनाक !

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मीडिया के हालात पर वरिष्ठ पत्रकार अनिल भास्कर ने संजीदा टिप्पणी की है। मीडिया की स्वतंत्रता के मामले में भारत की हालत शर्मनाक है।...

ग्रामीण संपर्क पथों को शहरों से जोड़ बिहार में विकास की नई कवायद

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प्लास्टिक के कचरे का उपयोग सड़क निर्माण में किया जा रहा है प्लास्टिक के उपयोग से सड़क में मजबूती भी आ रही है ...
लोक का सांस्कृतिक पक्ष हमेशा से संवादधर्मी रहा है। भारतीय समाज के परिप्रेक्ष्य में देखें तो तीन संस्कृतियाँ मूलतः देखने को मिलती हैं।

लोक का सांस्कृतिक पक्ष हमेशा से संवादधर्मी रहा है……………………

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लोक संवाद करता है। उसके अपने तरीक़े हैं। आप किताबी ज्ञान के ज़रिए उससे संवाद स्थापित नहीं कर सकते। उससे संवाद करने के लिए...
महात्मा गांधी को नमन। उनका स्मरण महज 02 अक्तूबर (जन्मदिन) या 30 जनवरी (पुण्यतिथि) तक के लिए ही नहीं है। उनका दर्शन जीवन के पल-पल की जरूरत बन चुका है।

गांधी का चिंतन-सोच और जीवन पद्धति ही हमारा मार्गदर्शक  है

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हरिवंश गांधी को नमन। उनका स्मरण महज 02 अक्तूबर (जन्मदिन) या 30 जनवरी (पुण्यतिथि) तक के लिए ही नहीं है। उनका दर्शन जीवन के...
क्वारंटाइन से कोरोना की बीमारी से बचाव हो सकता है। इससे इतना भय क्यों? यह काला पानी जैसी कोई सजा भी नहीं है। फिर भी इसका कई जगहों पर बेतुका विरोध हो रहा है।

क्वारंटाइन से इतना भय क्यों, यह काला पानी जैसी कोई सजा नहीं है

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क्वारंटाइन से कोरोना की बीमारी से बचाव हो सकता है। इससे इतना भय क्यों? यह काला पानी जैसी कोई सजा भी नहीं है। फिर...
मुंबई की स्काटलैंड पुलिस अब तक कहां थी! केंद्र सरकार के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एन.सी.बी.) के दस्ते इन दिनों मुंबई में प्रभावशाली लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं।

मुंबई पुलिस कहां सोई थी, अब पकड़े जा रहे नशे के बड़े सौदागर

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सुरेंद्र किशोर मुंबई की स्काटलैंड पुलिस अब तक कहां थी! केंद्र सरकार के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एन.सी.बी.) के दस्ते इन दिनों मुंबई में प्रभावशाली...
नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

भारत की सबसे बड़ी समस्या है भ्रष्टाचार, चीन से सीखने की जरूरत

भारत की सबसे बड़ी समस्या भ्रष्टाचार है। चीन भले कोरोना के कारण बदनाम हुआ है, पर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में उससे सीखना चाहिए।...