कोरोना बड़ा पापी है। जल्दी जाएगा नहीं। सरकारें हो या समाज सबको दबना ही पड़ेगा। रहेगा अभी-बहुत दिनों तक। चला भी गया, तो आता-जाता रहेगा।

कोरोना बड़ा पापी है, जल्दी जाएगा नहीं, सबको दबना ही पड़ेगा

कोरोना डायरी: 10    डा. संतोष मानव कोरोना बड़ा पापी है। जल्दी जाएगा नहीं। सरकारें हो या समाज सबको दबना ही पड़ेगा। रहेगा अभी-बहुत...
पं. अच्युतानंद मिश्र जब ‘जनसत्ता’ के संपादक थे तो वे महाश्वेता देवी से स्तंभ लिखवाते थे। महाश्वेता जी बांग्ला में लिखकर देतीं।

पं. अच्युतानंद मिश्र, जनसत्ता और महाश्वेता देवी का स्तंभ

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कृपाशंकर चौबे पं. अच्युतानंद मिश्र जब ‘जनसत्ता’ के संपादक थे तो वे महाश्वेता देवी से स्तंभ लिखवाते थे। महाश्वेता जी बांग्ला में लिखकर देतीं।...
मोटूरि सत्यनारायण आगरा में केंद्रीय हिदी संस्थान को भाषायी प्रयोजनीयता के केन्द्र के रूप में विकसित करना चाह रहे थे।

मोटूरि सत्यनारायण उत्तर-दक्षिण भाषा-सेतु के वास्तुकार थे

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मोटूरि सत्यनारायण आगरा में केंद्रीय हिदी संस्थान को भाषायी प्रयोजनीयता के केन्द्र के रूप में विकसित करना चाह रहे थे। वे प्रयोजनमूलक हिंदी आंदोलन...

बर्थ डे खासः स्मिता पाटिल एक संवेदनशील अभिनेत्री 

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नवीन शर्मा स्मिता पाटिल हिंदी सिनेमा की सबसे प्रतिभावान अभिनेत्रियों में से एक हैं। उन्होंने अपनी कई फिल्मों में एक से बढ़कर एक यादगार...
Sushant Singh मामले में CBI की अग्निपरीक्षा होगी। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच अब सीबीआई (CBI) करेगी तो यह सवाल वाजिब हो जाता है।

Sushant Singh मामले में CBI की होगी अग्निपरीक्षा

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Sushant Singh मामले में CBI की अग्निपरीक्षा होगी। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच अब सीबीआई (CBI) करेगी तो यह सवाल...
हरी चीटियाँ जहाँ सपने देखती हैं (Where the Green Ants Dream) पश्चिम जर्मनी के वर्नर हरिजोग (Werner Herzog) की यह चर्चित फिल्म है।

हरी चीटियाँ जहाँ सपने देखती हैं- फिल्म का संदेश तो समझें

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नारायण सिंह हरी चीटियाँ जहाँ सपने देखती हैं (Where the Green Ants Dream) पश्चिम जर्मनी के वर्नर हरिजोग (Werner Herzog) की यह चर्चित फिल्म...

रेवती नक्षत्र में शरद पूर्णिमा बुधवार को, लक्ष्मी पूजें, धन पाएं

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आश्विन माह के पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन से शरद ऋतु  का आरंभ भी माना गया है।...
सरकारी सेवाओं से मातृभाषाओं खासकर हिन्दी की विदाई होने लगी है। जाहिर है कि ऐसी स्थिति में हिन्दी के प्रति छात्रों का आकर्षण घटेगा। नौकरी न मिले तो फिर हिन्दी कोई पढ़े क्यों।

हिन्दी पढ़कर कोई करेगा क्या, रोजी-रोटी तो मिलने से रही

संजय कुमार सिंह हिन्दी पढ़कर कोई करेगा क्या, रोजी-रोटी तो मिलने से रही। वैसे तो मैंने हिन्दी नहीं पढ़ी और विज्ञान का छात्र रहा...
दाउद इब्राहिम ने बिहार में भी अपने लोगों के माध्यम से तीन दशक पहले धाक जमाने की कोशिश की थी

दाउद इब्राहिम का आदमी तब बिहार से राज्यसभा पहुंच जाता

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दाउद इब्राहिम ने अपने आदमी को बिहार से राज्यसभा भेजने की कोशिश की थी। वह भी तकरीबन तीन दशक पहले। यानी राजनीति को धंधा...

10 महीनों में 1.2 करोड़ नौकरियां हुईं सृजित, सदमे में विपक्ष: राजीव

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पटना। पिछले 10 महीनों में देश में 1.2 करोड़ नौकरियों के सृजन का दावा करते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक राजीव रंजन...