मलिकाइन के पाती- घर के लात नीमन, बाहर के सतावल बाउर

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पावं लागीं मलिकार। एने तनी अझुरा गइनी हां मलिकार, लड़िकन के बर-बेमारी में, एही से टाइम पर पाती ना लिखवा पवनी। अब नन्हका ठीक...
कोरोना की पहुंच पेट के बाहर तक ही नहीं रही, पैठ अंदर तक हो गई है। कोरोना साथ लिए आ रहे हैं शिशु। ऐसे में सहज सवाल- कौन है कोरोना से सुरक्षित? पढ़िए, कोरोना डायरी की इक्कीसवीं किस्त वरिष्ठ पत्रकार डॉ. संतोष मानव की कलम से।

कोरोना कहर के इस दौर में अब पहली चिंता मौत नहीं, पेट है

कोरोना कहर के इस दौर में अब पहली चिंता मौत नहीं पेट है। करोड़ों सड़क पर आ चुके हैं, लाखों आने वाले हैं। जैसे-जैसे...
श्रीभगवान सिंह, गाँधीवादी आलोचक का जन्म बिहार के एक गाँव निखती कलाँ, जिला- सीवान में हुआ। वे खुद को गाँधीवादी कहने में गर्व का अनुभव करते हैं।

श्रीभगवान सिंहः गाँधीवादी अध्येता और आलोचक

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अमरनाथ श्रीभगवान सिंह, गाँधीवादी आलोचक का जन्म बिहार के सीवान जिले के निखती कलाँ गांव में हुआ। वे खुद को गाँधीवादी कहने में गर्व...
फणीश्वरनाथ रेणु का कथा संसार दो भिन्न भारतीय स्‍वरूपों के बीच खड़ा है। प्रेमचंद के बाद फणीश्‍वर नाथ रेणु को आंचलिक कथाकार माना गया है।

साहित्य अकादेमी पर फणीश्वरनाथ रेणु के विचार जानिए! 

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भारत यायावर  साहित्य अकादेमी पर फणीश्वरनाथ रेणु के स्पष्ट विचार थे। 1973 में साहित्य अकादेमी का उन्हें सदस्य बनाया गया था। उन्होंने अनुभव के...
नेहरू ने जम्मू-कश्मीर को पटेल के नियंत्रण से निकालकर इसे गोपाल स्वामी अयंगर के नियंत्रणाधीन दे दिया। इससे पटेल की भावनाएं गहराई से आहत हुईं।

पटेल ने जम्मू-कश्मीर के सवाल पर इस्तीफे की पेशकश कर दी थी

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नेहरू ने जम्मू-कश्मीर को पटेल के नियंत्रण से निकालकर इसे गोपाल स्वामी अयंगर के नियंत्रणाधीन दे दिया। इससे पटेल की भावनाएं गहराई से आहत...

शहीद दिवस पर विशेषः जरा याद करो सरदार भगत सिंह की कुर्बानी 

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प्रेमकुमार मणि  23  मार्च वह दिन है, जिस रोज भगत सिंह शहीद हुए थे। 28  सितम्बर 1907  को पंजाब  सूबे के बांगा में एक...

अनुसंधानपरक आलोचना-दृष्टि का मार्क्सवादी चेहरा : वीर भारत तलवार

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अमरनाथ वीरभारत तलवार ( 20.9.1947 ) हिन्दी के गंभीर अध्येता, शोधार्थी और आलोचक हैं.  वे चुपचाप अपना काम करने में विश्वास करते हैं. प्रचार...
इमरजेंसी के दौर को समझने के लिए कविताएं, गजल आदि तो अहम दस्तावेज हैं हीं, उस दौर में जेल में लिखी गयीं डायरियां सबसे प्रामाणिक स्रोत हैं।

इमरजेंसी के दौर को समझने के लिए जेल डायरियां प्रामाणिक स्रोत हैं

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हरिवंश इमरजेंसी के दौर को समझने के लिए कविताएं, गजल आदि तो अहम दस्तावेज हैं हीं, उस दौर में जेल में लिखी गयीं डायरियां...

नहाय-खाय के साथ 1 अक्टूबर से तीन दिनों का जितिया पर्व

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जितिया का पर्व की शुरुआत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि के नहाए खाए के साथ नौवी तिथि के पारण तक होती...
चौरीचौरा कांड के शताब्दी वर्ष पर वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अरविंद पांडेय ने एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखी है, लेकिन इसके मायने काफी प्रासंगिक हैं।

चौरीचौरा कांड के शताब्दी वर्ष पर आईपीएस अरविंद पांडेय की टिप्पणी

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चौरीचौरा कांड के शताब्दी वर्ष पर वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अरविंद पांडेय ने एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखी है, लेकिन इसके मायने काफी प्रासंगिक हैं। उन्होंने...