अरुण कमल गहरे अर्थ में प्रतिबद्ध कवि हैं और उनकी प्रतिबद्धता की जड़ें ठेठ भारतीय आबोहवा और जमीन में हैं। जो सामने है, वही उनकी कविता का विषय है।

अरुण कमल गहरे अर्थ में प्रतिबद्ध कवि, बेहतर जीवन की आकुलता 

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कृपाशंकर चौबे अरुण कमल गहरे अर्थ में प्रतिबद्ध कवि हैं और उनकी प्रतिबद्धता की जड़ें ठेठ भारतीय आबोहवा और जमीन में हैं। जो सामने...
फणीश्वरनाथ रेणु का कथा संसार दो भिन्न भारतीय स्‍वरूपों के बीच खड़ा है। प्रेमचंद के बाद फणीश्‍वर नाथ रेणु को आंचलिक कथाकार माना गया है।

साहित्य अकादेमी पर फणीश्वरनाथ रेणु के विचार जानिए! 

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भारत यायावर  साहित्य अकादेमी पर फणीश्वरनाथ रेणु के स्पष्ट विचार थे। 1973 में साहित्य अकादेमी का उन्हें सदस्य बनाया गया था। उन्होंने अनुभव के...

शहर बदलते ही क्यों बदल जाती है हमारी तमीज और तहजीब

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नागेन्द्र प्रताप शहर या मुल्क बदलते ही हमारे तहजीब और तमीज बदल जाती है। ऐसा क्यों होता है, बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार नागेंद्र...
रोजेदार का प्रतीकात्मक फोटो

सांप्रदायिक सौहार्द समझने के लिए इसे जरूर पढ़िए

शंभूनाथ शुक्ला सांप्रदायिक सौहार्द समझने के लिए इसे जरूर पढ़िए। सोशल मीडिया ने सदाशयता, सांप्रदायिक सद्भाव और मेल-मिलाप की बजाय समाज में जहर ज्दाया...

जयंती पर विशेषः ओशो आधुनिक युग का  विद्रोही संन्यासी

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नवीन शर्मा आचार्य रजनीश जो बाद में ओशो के नाम से जाने जाते हैं, वे आधुनिक भारत की सबसे चर्चित और और विवादास्पद आध्यात्मिक...

जन्मदिन विशेषः शहीद ए आजम भगत सिंह को सलाम

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नवीन शर्मा ब्रिटेन से भारत को आजाद कराने में निश्चित रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस तथा इसके नेताओं, खासकर महात्मा गांधी की महत्वपूर्ण भूमिका...
हिन्दी के लिए लड़ने वाला सबसे बड़ा योद्धा : महात्मा गाँधी

हिन्दी के लिए लड़ने वाला सबसे बड़ा योद्धा : महात्मा गाँधी

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2 अक्टूबर को जन्मदिन पर विशेष अमरनाथ हिन्दी के आन्दोलन को गाँधी जी ने आजादी के आन्दोलन से जोड़ दिया था। उनका ख्याल था कि...
सुषमा स्वराज 1977 में हरियाणा सरकार में मंत्री पद का कामकाज संभालने से पहले जेपी (जयप्रकाश नारायण) का आशीर्वाद लेने पटना आई थीं।

सुषमा स्वराज जेपी का आशीर्वाद लेने जब पटना पहुंची थीं

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सुषमा स्वराज 1977 में हरियाणा सरकार में मंत्री पद का कामकाज संभालने से पहले जेपी (जयप्रकाश नारायण) का आशीर्वाद लेने पटना आई थीं। उस...
कमलेश्वर (6 जनवरी 1932- 27 जनवरी 2007), ख्यातिलब्ध साहित्यशिल्पी का प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया और सिनेमा विधा में विपुल योगदान है।

कमलेश्वर ने कहा थाः साहित्य जड़ है तो प्रिंट मीडिया तना है

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कृपाशंकर चौबे कमलेश्वर (6 जनवरी 1932- 27 जनवरी 2007), ख्यातिलब्ध साहित्यशिल्पी का प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया और सिनेमा विधा में विपुल योगदान है। उन्होंने...
काठमाण्डू नौबिसे सड़क पर जानलेवा जाम, बस में ही एक व्यक्ति की मृत्यु

काठमाण्डू नौबिसे सड़क पर जानलेवा जाम, बस में एक व्यक्ति की मृत्यु

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महंगे दामों पर लोग खरीद रहे हैं पानी की बोतलें व अन्य खाद्य पदार्थ काठमाण्डू: पड़ोसी देश नेपाल के पृथ्वी राज्यमार्ग पर पिछले दो...