भाजपा ने पीडीपी का साथ छोड़ अच्छा काम किया है

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जम्मू-कश्मीर में आखिरकार भाजपा और पीडीपी का बेमेल गठबंधन खत्म हो गया। बिना विचारे जो करै, सो पाछे पछताय- वाली कहावत चरितार्थ हुई। अव्वल तो...
महात्मा गांधी और कस्तूरबाई

तेरह वर्ष की उम्र में हुआ था गांधी जी और कस्तूरबा का विवाह

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राज्यवर्द्धन तेरह वर्ष की आयु में गांधी जी का ब्याह कस्तूरबा से हुआ था। गांधी जी लिखते हैं-"हम भाइयों को तो सिर्फ तैयारियों से...
कोरोना काल में ऐसी खबरें, जो भारत की ताकत का एहसास कराती हैं

कोरोना काल में ऐसी खबरें, जो भारत की ताकत का एहसास कराती हैं

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कोरोना काल में ऐसी अनेक खबरें आईं हैं,  जिसमें बताया गया कि घर में मौत हो गई, और फलां अधिकारी-कर्मचारी दूसरे दिन काम पर...
राजेंद्र माथुर

राजेंद्र माथुरः हिन्दी पत्रकारिता को नई धार देनेवाले व्यक्ति

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प्रवीण बागी राजेंद्र माथुर, हिन्दी पत्रकारिता को नई धार देनेवाले व्यक्ति की आज जयंती है। वे पत्रकारिता के मेरे गुरु रहे हैं। उनकी छत्रछाया...
भारत में घुसपैठ की समस्या (प्रतीकात्मक तस्वीर) पर बहसः आधुनिक राजनीति

आधुनिक राजनीति इसे ही कहते हैं, जिसमें देश कहीं नहीं है

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आधुनिक राजनीति इसे ही कहते हैं, जिसमें देश कहीं नहीं है। बांग्लादेशी घुसैठ की समस्या आज नासूर बनी है और इसके निदान की कोशिश...

रेखा के जन्मदिन 10 अक्तूबर पर विशेष- इन आँखों की मस्ती के…

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नवीन शर्मा उमराव जान फिल्म में रेखा पर फिल्माया गया यह गीत उन पर एकदम फिट बैठता है। वे हिंदी सिनेमा की उन चंद...
‘बहुत हुई मंहगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार।।’ नारे पर रीझे भारतीय जनमानस को शायद अब पेट्रोल-डीजल सहित अन्य उपभोक्ता सामग्री में मंहगाई नहीं सताती। इसलिए अभी और मंहगाई के लिए तैयार ही रहें श्रीमान ! यह कह रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार श्याम किशोर चौबे

राहत पैकेज में कोरोना से बाहर निकलकर आगे की सोच दिखती है

श्याम किशोर चौबे राहत पैकेज में कोरोना संक्रमण काल के दौरान उत्पन्न अप्रत्याशित आर्थिक संकट से उबरने के लिए दूरगामी सोच का स्पष्ट दर्शन...
कृषि कानून के विरोध को पश्चिम बंगाल के अकाल के परिप्रेक्ष्य में देखने की जरूरत है। अकाल में भूख से 30 लाख लोगों की तड़प-तड़प कर मौत हुई थी।

दो मजदूरों की जान जाने के बाद भी नहीं खुली हनुमान चीनी मिल

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बिहार के 89% लोग गाँव में रहते हैं और 70% लोग कृषि के कमाई पर ही निर्भर हैं। उपजाऊ मिट्टी और भरपूर पानी होने...

फिल्म समीक्षाः बैंडिट क्वीन की याद दिलाती है पान सिंह तोमर

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नवीन शर्मा पान सिंह तोमर फिल्म कई मायनों में देखने योग्य है। सबसे पहली बात तो यह एक सच्ची घटना पर आधारित है। उसके...
कृपाशंकर चौबे डॉ. अम्बेडकर ने चार फरवरी 1956 को साप्ताहिक ‘प्रबुद्ध भारत’ निकाला। हर अंक में पत्रिका के शीर्ष की दूसरी पंक्ति में लिखा होता था- डा. अम्बेडकर द्वारा प्रस्थापित।

डॉ. अम्बेडकर ने ‘प्रबुद्ध भारत’ निकाला और समाज में एकता पर दिया जोर

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कृपाशंकर चौबे डॉ. अम्बेडकर ने चार फरवरी 1956 को साप्ताहिक ‘प्रबुद्ध भारत’ निकाला। हर अंक में पत्रिका के शीर्ष की दूसरी पंक्ति में लिखा...