एम.ओ. मथाई की नेहरू पर लिखी पुस्तक से हटेगा प्रतिबंध?

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एम.ओ. मथाई की जवाहर लाल नेहरू पर लिखी पुस्तक से क्या प्रतिबंध हटेगा? इसकी संभावना दैनिक भास्कर के स्तंभकार डा. भरत अग्रवाल के स्तंभ...
मातृभाषाओं को रोजगार से जोड़ने वाले पहले शिक्षाविद हैं प्रो. दौलत सिंह कोठारी। दौलत सिंह कोठारी के नाम पर ही कोठारी आयोग बना था।

डी.एस. कोठारीः मातृभाषाओं को रोजगार से जोड़ने वाले शिक्षाविद

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अमरनाथ डी.एस. कोठारी मातृभाषाओं को रोजगार से जोड़ने वाले पहले शिक्षाविद हैं। दौलत सिंह कोठारी के नाम पर ही कोठारी आयोग बना था। आजादी...

नवरात्र पर विशेषः जगदम्बा मंदिर, जहां होती हैं भक्तों की मुरादें पूरी

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लखीसराय। बड़हिया का विख्यात मां बाला त्रिपुरसुन्दरी जगदम्बा मंदिर श्रद्धालुओं के आस्था और विश्वास का केन्द्र बना हुआ है। ऐसी मान्यता है कि मां...
महात्मा गांधी

दक्षिण अफ्रीका ने गांधी को राह दिखाई तो चंपारण ने मशहूर किया

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पुण्यतिथि पर विशेष नवीन शर्मा मोहनदास करमचंद गांधी सिर्फ भारतीय उपमहाद्वीप के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता नहीं हैं, बल्कि दक्षिण अफ्रीका सहित विश्व के कई अन्य...
कृषि कानून ठीक है, पर उसमें कुछ खामियां भी हैं। उनको ठीक किया जाना चाहिए, नहीं तो वे नतीजे नहीं निकलेंगे, जो निकलना चाहिए।

कृषि कानून अच्छा तो है, पर उसमें कुछ खामियां भी हैं

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कृषि कानून ठीक है, पर उसमें कुछ खामियां भी हैं। उनको ठीक किया जाना चाहिए, नहीं तो वे नतीजे नहीं निकलेंगे, जो निकलना चाहिए।...
युवा दिनों में मार्क्स के विचारों ने शायद ही किसी संवेदनशील मन पर प्रभाव न डाला हो। उन्हीं दिनों सर्वोदय दार्शनिक दादा धर्माधिकारी से सान्निध्य बढ़ा।

मार्क्स ने युवा दिनों में शायद ही संवेदनशील मन पर प्रभाव न डाला हो

मार्क्स के विचारों ने युवा दिनों में शायद ही किसी संवेदनशील मन पर प्रभाव न डाला हो। उन्हीं दिनों सर्वोदय दार्शनिक दादा धर्माधिकारी से सान्निध्य बढ़ा।...

और गांव की गंध छोड़ चल पड़े काली के देस कामाख्या

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बहुतेरे पाठक ओमप्रकाश अश्क के वर्तमान से तो परिचित हैं, पर उनका अतीत कितना संघर्षपूर्ण रहा है, इसकी झलक उनकी प्रस्तावित पुस्तक- मुन्ना मास्टर...
कोरोना का कहर, हर दिल-दिमाग रणभूमि। मौत दर मौत। सब नेगेटिव। खिन्न मन। अच्छा सोचो। अच्छा करो। अच्छा पढ़ों। अच्छा लिखो। सब ठीक होगा। कैसे होगा? धैर्य रखो।

कोरोना काल की डायरी: 7- यह बदलाव का वायरस भी है मितवा     ...

कोरोना का कहर, हर दिल-दिमाग रणभूमि। मौत दर मौत। सब नेगेटिव। खिन्न मन। अच्छा सोचो। अच्छा करो। अच्छा पढ़ों। अच्छा लिखो। सब ठीक होगा।...
नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी

नोबल विजेता अभिजीत बनर्जी व चेतन भगत के अजोब तर्क!

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सुरेंद्र किशोर नोबल विजेता अभिजीत बनर्जी और अब चेतन भगत! ये दोनों बुद्धिजीवी चाहते हैं कि भारत सरकार भ्रष्टाचार पर कोई कार्रवाई ही न...
राहत पैकेज में कितनी राहत! लाक डाउन-3 के अंत समय में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5.94 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज-2 का ब्यौरा पेश किया। इसे विस्तार से समझा रहे वरिष्ठ पत्रकार श्याम किशोर चौबे

राहत पैकेज में कितनी राहत! समझने के लिए इसे पढ़ लीजिए

श्याम किशोर चौबे राहत पैकेज में कितनी राहत! लाक डाउन-3 के अंत समय में 13 मई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5.94...