जवाहर लाल नेहरू के आखिरी कुछ दिन काफी द्वंद्व के रहे। नास्तिक नेहरू अंतिम महीनों में आस्था और अनास्था के दरम्यान डोल रहे थे।

पंडित जवाहर लाल नेहरू को मैंने कभी नहीं देखा!

शंभूनाथ शुक्ल  पंडित जवाहर लाल नेहरू को मैंने कभी नहीं देखा! नेहरू जी जिस दिन मरे, उसी दिन मेरा रिजल्ट आया था। मैं पाँचवीं...
एक्नटर जीर हुसैन

भोजपुरी की पहली फिल्म- ‘गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो’

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वीर विनोद छाबड़ा   भोजपुरी की पहली फिल्म 'गंगा मैया तोहे पिहरी चढ़इबो' के पीछे जिनका हाथ था, वह थे नजीर हुसैन। भोजपुरी सिनेमा के...
चीनी कम खाइए, सेहतमंद रहिए

चीनी कम खाने के क्या हैं फायदे, आप जान लीजिए

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दिल्ली। चीनी कम खाने के कई हैं फायदे हैं। चीनी के अधिक सेवन से कई प्रकार की दीर्घकालीन बीमारियां शरीर में जन्म लेती हैं।...

विश्वनाथ प्रताप सिंह वही नहीं थे, जैसे अब दिखते हैं

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वीपी सिंह वही नहीं थे, जैसे अब दिखते हैं...लेकिन इस बदलाव में एक अच्छाई है...एक राजनीतिक सूत्र है... पिछले दिनों योगी आदित्यनाथ सरकार पर इधर...
वर्ष 1974 की तारीख 5 जून. यही वह दिन था, जब जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने पटना के गांधी मैदान में दो शब्दों- संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था.

जयप्रकाश जी ने कहा था- आग तो तुम्हारी कुर्सियों के नीचे सुलग रही है

जयप्रकाश जी ने कहा था- आग तो तुम्हारी कुर्सियों के नीचे सुलग रही है। वह तारीख थी 5 जून, 1974। उसी दिन उन्होंने संपूर्ण...

मोतिहारी में पैदा हुए थे मशहूर विदेशी लेखक जार्ज ओरवेल

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21 जनवरी पुण्यतिथि पर विशेष नवीन शर्मा विश्व साहित्य में अंग्रेजी के प्रसिद्ध उपन्यास 1984 व एनिमल फार्म विशिष्ट स्थान रखते हैं। इन कालजयी किताबों...
Corporate की मदद के बिना राजनीति असंभव है

धीरू भाई अंबानी और चंद्रशेखर जब कलकत्ता में एक होटल में गुपचुप मिले, जानिए...

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सच बात यही है कि कोई दल/ नेता कितना भी कॉर्पोरेट के खिलाफ बोल ले, कम्युनिस्ट पार्टियों को छोड़कर हर दल को उद्योगपतियों से...
कोरोना के बाद अनुशासित और ईमानदार प्रशासन की पड़ेगी जरूरत होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मानते हैं कि आत्मनिर्भर बनने का वक्त आ गया है।

कोरोना के बाद अनुशासित-ईमानदार प्रशासन की जरूरत होगी

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कोरोना के बाद अनुशासित और ईमानदार प्रशासन की पड़ेगी जरूरत होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मानते हैं कि आत्मनिर्भर बनने का वक्त आ गया...
सरकारी सेवाओं से मातृभाषाओं खासकर हिन्दी की विदाई होने लगी है। जाहिर है कि ऐसी स्थिति में हिन्दी के प्रति छात्रों का आकर्षण घटेगा। नौकरी न मिले तो फिर हिन्दी कोई पढ़े क्यों।

हिन्दी पढ़कर कोई करेगा क्या, रोजी-रोटी तो मिलने से रही

संजय कुमार सिंह हिन्दी पढ़कर कोई करेगा क्या, रोजी-रोटी तो मिलने से रही। वैसे तो मैंने हिन्दी नहीं पढ़ी और विज्ञान का छात्र रहा...
UNLOCK प्रक्रिया में ढिलाई के हो सकते हैं घातक परिणाम। बता रही हैं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की राजस्थान स्टेट की ब्रांड अंबेस्डर अनुपमा सोनी

UNLOCK प्रक्रिया में ढिलाई के हो सकते हैं घातक परिणाम

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अनुपमा सोनी UNLOCK प्रक्रिया में ढिलाई के हो सकते हैं घातक परिणाम। इसलिए आवश्यक है कि UNLOCK प्रक्रिया में ढिलाई बरतने से हम परहेज...