मलिकाइन के पाती- जइसन देवता, ओइसन पूजा

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पावं लागीं मलिकार। हम एतना जल्दी पाती पठावे ना चाहत रहनी हां, बाकिर मन खौंजिया गइल रहल हा। एही से तीने दिन बाद पाती...
Rajeev Ranjan BJP Prawakta

आपसी स्वार्थ के कारण महागठबंधन में छिड़ी हुई है महाभारत: राजीव रंजन

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महागठबंधन में छिड़ी हुई है महाभारत केवल आपसी स्वार्थ के कारण पटना : महागठबंधन में फैली दरार का कारण घटक दलों के स्वार्थ को बताते...

बुद्धिजीवियों के दिलों में अब भी बसते हैं कार्ल मार्क्स

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विगत 16 से 20 जून तक ,पटना में , कार्ल मार्क्स (5 . 5 . 1818 - 14 .3 . 1883 ) के दो...
वक्त-वक्त की बात है- 2015 की दोस्ती

लालू यादव तो भ्रष्ट साबित हो चुके हैं, फिर भी उनके इतने दीवाने क्यों...

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जे.एन. ठाकुर लालू यादव के लिए पिछड़ी जाति के लोग काफी मायने रखते हैं। पिछड़ी जाति के लोगों के लिए उन्होंने सामाजिक न्याय का...
फिल्म अभिनेत्री राजदुलारी

आना मेरी जान संडे के संडे…गाना सुनें तो दुलारी जरूर दिख जाएंगी

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वीर विनोद छाबड़ा  आना मेरी जान संडे के संडे सुनें तो दुलारी दिख जाएंगी। दुलारी, कभी नाम सुना होगा या चेहरा याद होगा। कभी...

शहादत दिवस पर नमनः साहसी और प्रेरक चंद्रशेखर आजाद

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नवीन शर्मा भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में सबसे अधिक प्रभावशाली क्रांतिकारियों में चंद्रशेखर आजाद को गिना जाता है। उनका जन्म 23 जुलाई ...
गांव की संस्मरण कथा की शृंखला शुरू की है वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार अरविंद चतुर्वेद ने। गांव की संस्मरण कथा की एक कड़ी आप पढ़ चुके हैं।

गांव की संस्मरण कथा- बगुलघट्टा के बगुले उर्फ रामनरेश का घलुस्कू फार्मूला

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गांव की संस्मरण कथा की शृंखला शुरू की है वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार अरविंद चतुर्वेद ने। गांव की संस्मरण कथा की एक कड़ी आप...

प्रभाष जोशी के जन्मदिन पर विशेषः हां, मिला था आपसे मुझे याद है

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देशज और दैनिक जीवन के शब्दों को वाक्यों में पिरोकर मॉडर्न पत्रकारिता को एक नया रूप देने वाले स्व. प्रभाष जोशी का आज जन्मदिन...
चीन ने सोवियत संघ की सहमति के बाद ही 1962 में भारत पर हमला किया था। अगर जवाहरलाल नेहरू लंबी जिंदगी जीते तो भारत की विदेश नीति ही बदल जाती।

चीन से युद्ध के बाद नेहरू लंबी जिंदगी जीते तो विदेश नीति बदल जाती

सुरेंद्र किशोर चीन ने सोवियत संघ की सहमति के बाद ही 1962 में भारत पर हमला किया था। अगर जवाहरलाल नेहरू लंबी जिंदगी जीते...
कोरोना की पहुंच पेट के बाहर तक ही नहीं रही, पैठ अंदर तक हो गई है। कोरोना साथ लिए आ रहे हैं शिशु। ऐसे में सहज सवाल- कौन है कोरोना से सुरक्षित? पढ़िए, कोरोना डायरी की इक्कीसवीं किस्त वरिष्ठ पत्रकार डॉ. संतोष मानव की कलम से।

कोरोना संक्रमण शहरों से बढ़ा अब गांवों की ओर……

डॉ. संतोष मानव कोरोना संक्रमण शहरों से अगर गांवों तक पहुंच गया, तो क्या होगा? हाहाकार और क्या? इस हाहाकार के लक्ष्ण दिखने भी...