जन्मदिन पर विशेष- अंकुर से गॉडमदर तक शबाना का शानदार सफर

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नवीन शर्मा शबाना आजमी हिंदी सिनेमा की सबसे बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक हैं। शबाना ने 1973 में निर्देशक श्याम बेनेगल की क्लासिक फिल्म...

भाजपा को मिल गया एक और भावनात्मक मुद्दा

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जम्मू-कश्मीर में भाजपा का पीडीपी से गठबंधन तोड़ना उचित फैसला है। इसके पीछे 2019 का चुनाव वजह हो या बेकाबू सिरफिरों के साथ सख्ती...

जनमुद्दों की पत्रकारिता पर पत्रकारों ने किया मंथन

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रांची। सही मायने में जन मुद्दों से ही पत्रकारिता  का सरोकार है। पत्रकार की जिम्दामेवारी होती है कि वह उसे कितनी संजीदीगी से उठाता...
सुषमा स्वराज 1977 में हरियाणा सरकार में मंत्री पद का कामकाज संभालने से पहले जेपी (जयप्रकाश नारायण) का आशीर्वाद लेने पटना आई थीं।

सुषमा स्वराज जेपी का आशीर्वाद लेने जब पटना पहुंची थीं

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सुषमा स्वराज 1977 में हरियाणा सरकार में मंत्री पद का कामकाज संभालने से पहले जेपी (जयप्रकाश नारायण) का आशीर्वाद लेने पटना आई थीं। उस...
कोरोना के बाद अनुशासित और ईमानदार प्रशासन की पड़ेगी जरूरत होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मानते हैं कि आत्मनिर्भर बनने का वक्त आ गया है।

कोरोना के बाद अनुशासित-ईमानदार प्रशासन की जरूरत होगी

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कोरोना के बाद अनुशासित और ईमानदार प्रशासन की पड़ेगी जरूरत होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मानते हैं कि आत्मनिर्भर बनने का वक्त आ गया...
चीन को सीमा से ही नहीं, सीने से भी बाहर करना होगा। अभी समय है। यह नहीं हुआ तो ईस्ट इंडिया कम्पनी की तरह चीन की कंपनियां भी धीरे-धीरे भारत को कब्जे में ले लेंगी।

चीन को सीमा से ही नहीं, सीने से भी बाहर करना होगा भारत को

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चीन को सीमा से ही नहीं, सीने से भी बाहर करना होगा। अभी समय है। यह नहीं हुआ तो ईस्ट इंडिया कम्पनी की तरह...

आनंद बाजार पत्रिका ने संपादकीय में राजनाथ पर तंज कसा

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आनंद बाजार पत्रिका (बांग्ला के दैनिक अखबार) ने संपादकीय में राजनाथ सिंह के शस्त्र पूजन पर तंज कसा है। अखबार ने राफेल पर ऊं...
यह स्वीकार करना कि शैबाल गुप्ता नहीं रहे, मेरे लिए कितना दुखद है, कैसे कहूँ। दशकों से हम मित्र रहे। इतनी यादें और संस्मरण हैं, जिन्हें लिखना मुश्किल होगा।

शैबाल गुप्ता का जाना बिहार के लिए अपूरणीय क्षति !

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प्रेमकुमार मणि शैबाल गुप्ता का जाना बिहार के लिए अपूरणीय क्षति है! यह स्वीकार करना कि शैबाल गुप्ता नहीं रहे, मेरे लिए कितना दुखद...
बेरोजगारी पर बहस नयी नहीं, लेकिन सेन्टर फ़ॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) की ताजा रिपोर्ट ने बहस को नया जीवन दे दिया है।

बेरोजगारी का संकट तो है, पर उलझाइए नहीं, समाधान बताइए

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अनिल भास्कर बेरोजगारी पर बहस नयी नहीं, लेकिन सेन्टर फ़ॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) की ताजा रिपोर्ट ने बहस को नया जीवन दे दिया...
‘हिन्दोस्थान’ अखबार में हिन्दी, उर्दू और अंग्रेजी खबरें साथ छपती थीं। यह अभिनव प्रयोग था। हिन्दी से शुरू होकर बाद में यह बदलाव देखने को मिला।

‘हिन्दोस्थान’ अखबार में हिन्दी, उर्दू और अंग्रेजी खबरें एक साथ

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‘हिन्दोस्थान’ अखबार में हिन्दी, उर्दू और अंग्रेजी खबरें साथ छपती थीं। यह अभिनव प्रयोग था। हिन्दी से शुरू होकर बाद में यह बदलाव देखने...