हिंदी सिनेमा को साहित्य से जोडऩेवाली कड़ी बिमल राय
भारतीय सिनेमा को उत्कृष्ट ऊंचाई पर ले जाने वाले प्रारंभिक निर्देशकों में बिमल रॉय सबसे अव्वल माने जाते हैं। 12 जुलाई, 1909 में बांग्लादेश...
बिहार में मैं अपना अगला जन्म लूंगा, कह रहे पत्रकार शंभुनाथ शुक्ल
शंभूनाथ शुक्ल
बिहार में मैं अपना अगला जन्म लूंगा, क्योंकि बिहार के लोग बड़े मोहिल होते हैं। आदमी-औरतें सभी। पिछले वर्ष पटना प्रवास में...
मलिकाइन के पाती- कोउ नृप होई हमें का हानी, चेरी छोड़ ना होखब रानी
पांव लागीं ए मलिकार। कबहूं रउरा के पाती टाइम पर नइखीं पठा पावत। कई बेर त लिखनीहार खोजे के परत बा आ कबो कवनो...
कोरोना का खतरा- कहीं श्रम सस्ता होगा तो कहीं श्रमिक बंधक बनेंगे
कोरोना का खतरा दिख रहा है। इससे कहीं श्रम सस्ता होगा तो कहीं श्रमिक बंधक बनने को विवश होंगे। कोरोना के कारण लाक डाउन...
लालू यादव तो भ्रष्ट साबित हो चुके हैं, फिर भी उनके इतने दीवाने क्यों...
जे.एन. ठाकुर
लालू यादव के लिए पिछड़ी जाति के लोग काफी मायने रखते हैं। पिछड़ी जाति के लोगों के लिए उन्होंने सामाजिक न्याय का...
पंडित जवाहर लाल नेहरू के अवसान पर अटल जी का संदेश
ध्रुव गुप्त
पंडित जवाहर लाल नेहरू के अवसान पर अटल बिहारी वाजपेयी का संदेश एक दस्तावेज है, जो साबित करता है कि राजनीति में...
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर याद करते हुए
Chanchal Bhu
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को याद करते हुए। बलिया से उठा, बुलन्दी छू गया। ठेठ, खुद्दार, गंवई अक्स, खादी की सादगी में मुस्कुराता...
कोयल, बसंत में अब तुम्हारे कूकने का बेसब्री से इंतज़ार है !
कोयल का आवाज में बसंत गाता है। सरसों के पीले फूलों की गंध से बसंत महकता है। आम के मंजर की मादक गंध किसे...
गांव में देवता तो गिनती के थे, पर बचपन में भूतों की भरमार थी
अरविंद चतुर्वेद
गांव में देवता तो गिनती के थे जो आज भी हैं, लेकिन हमारे बचपन में भूतों की भरमार थी। ऐसे में जान...
समरस होना ही समर्थ या सामर्थ्यवान भारत की पहचान है
ओमप्रकाश अश्क
समरस होना ही समर्थ या सामर्थ्यवान भारत की पहचान है। समरसता से मिली ताकत के कारण ही भारत जगत गुरु कहलाया और...




















