हिंदी सिनेमा को साहित्य से जोडऩेवाली कड़ी बिमल राय

0
भारतीय सिनेमा को उत्कृष्ट ऊंचाई पर ले जाने वाले प्रारंभिक निर्देशकों में बिमल रॉय सबसे अव्वल माने जाते हैं। 12 जुलाई, 1909 में बांग्लादेश...
कल से पितृ पक्ष है। पितरों का तर्पण कल से शुरू होगा। पितृपक्ष में कुश की जरूरत पड़ती है।गया में पिंडदान का काफी महत्व है

बिहार में मैं अपना अगला जन्म लूंगा, कह रहे पत्रकार शंभुनाथ शुक्ल

शंभूनाथ शुक्ल बिहार में मैं अपना अगला जन्म लूंगा, क्योंकि बिहार के लोग बड़े मोहिल होते हैं। आदमी-औरतें सभी। पिछले वर्ष पटना प्रवास में...

मलिकाइन के पाती- कोउ नृप होई हमें का हानी, चेरी छोड़ ना होखब रानी

0
पांव लागीं ए मलिकार। कबहूं रउरा के पाती टाइम पर नइखीं पठा पावत। कई बेर त लिखनीहार खोजे के परत बा आ कबो कवनो...
राहत पैकेज में कितनी राहत! लाक डाउन-3 के अंत समय में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5.94 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज-2 का ब्यौरा पेश किया। इसे विस्तार से समझा रहे वरिष्ठ पत्रकार श्याम किशोर चौबे

कोरोना का खतरा- कहीं श्रम सस्ता होगा तो कहीं श्रमिक बंधक बनेंगे

कोरोना का खतरा दिख रहा है। इससे कहीं श्रम सस्ता होगा तो कहीं श्रमिक बंधक बनने को विवश होंगे। कोरोना के कारण लाक डाउन...
वक्त-वक्त की बात है- 2015 की दोस्ती

लालू यादव तो भ्रष्ट साबित हो चुके हैं, फिर भी उनके इतने दीवाने क्यों...

0
जे.एन. ठाकुर लालू यादव के लिए पिछड़ी जाति के लोग काफी मायने रखते हैं। पिछड़ी जाति के लोगों के लिए उन्होंने सामाजिक न्याय का...
अटल बिहारी वाजपेयी ने पंडित जवाहर लाल नेहरू के निधन पर यह कह कर श्रद्धांजलि दी थी- उनकी देशभक्ति के प्रति हमारे हृदय में आदर के अतिरिक्त और कुछ नहीं है।

पंडित जवाहर लाल नेहरू के अवसान पर अटल जी का संदेश

ध्रुव गुप्त पंडित जवाहर लाल नेहरू के अवसान पर अटल बिहारी वाजपेयी का संदेश एक दस्तावेज है, जो साबित करता है कि राजनीति में...
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को याद करते हुए। बलिया से उठा, बुलन्दी छू गया। ठेठ, खुद्दार, गंवई अक्स, खादी की सादगी में मुस्कुराता चेहरा। अब नही दिखेगा।

पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर याद करते हुए

Chanchal Bhu पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को याद करते हुए। बलिया से उठा, बुलन्दी छू गया। ठेठ, खुद्दार, गंवई अक्स, खादी की सादगी में मुस्कुराता...
कोयल का आवाज में बसंत गाता है। सरसों के पीले फूलों की गंध से बसंत महकता है। आम के मंजर की मादक गंध किसे न भाती।

कोयल, बसंत में अब तुम्हारे कूकने का बेसब्री से इंतज़ार है !

0
कोयल का आवाज में बसंत गाता है। सरसों के पीले फूलों की गंध से बसंत महकता है। आम के मंजर की मादक गंध किसे...
गांव में देवता तो गिनती के थे जो आज भी हैं, लेकिन हमारे बचपन में भूतों की भरमार थी। ऐसे में जान सकते हैं कि देवताओं पर कितना लोड रहा होगा।

गांव में देवता तो गिनती के थे, पर बचपन में भूतों की भरमार थी

0
अरविंद चतुर्वेद गांव में देवता तो गिनती के थे जो आज भी हैं, लेकिन हमारे बचपन में भूतों की भरमार थी। ऐसे में जान...
समरस होना ही समर्थ या सामर्थ्यवान भारत की पहचान है। समरसता से मिली ताकत के कारण ही भारत जगत गुरु कहलाया और यही ताकत उसे और आगे ले जाएगी।

समरस होना ही समर्थ या सामर्थ्यवान भारत की पहचान है

ओमप्रकाश अश्क समरस होना ही समर्थ या सामर्थ्यवान भारत की पहचान है। समरसता से मिली ताकत के कारण ही भारत जगत गुरु कहलाया और...