शून्य की ओर बढ़ते बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

वैसे राजनीति में किसी के बारे में अगर कह दिया जाए की फलां शून्य की ओर बढ़ रहा है तो लोग अनायास ही उसके...

नवरात्र खासः कलश स्थापना बुधवार को, कैदी भी करेंगे पूजन

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बेगूसराय। शारदीय नवरात्र 10 अक्टूबर (बुधवार) से शुरू हो रहा है। 9 दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों का पूजन किया जाएगा। आश्विन...
क्वारंटाइन से कोरोना की बीमारी से बचाव हो सकता है। इससे इतना भय क्यों? यह काला पानी जैसी कोई सजा भी नहीं है। फिर भी इसका कई जगहों पर बेतुका विरोध हो रहा है।

कोविड- 19 से आर्थिक तबाही की ओर तेजी से बढ़ रही दुनिया

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ओमप्रकाश अश्क कोविड- 19 की वजह से देश बड़ी आर्थिक तबाही की ओर बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। अर्थव्यवस्था का आकलन करने वाली...

दिल्ली में अब नहीं सुहाती मेट्रो की सवारी, पिछले साल के मुकाबले पांच लाख...

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आठ माह पहले दिल्ली मेट्रो में लोगों की आवाजाही रवाँ-दवाँ चल रही थी, मगर बेतहाशा बढ़े किराये ने लोगों की रफ़्तार पर ब्रेक लगा दी। वजह, बसों के मुक़ाबले...
अशोक वाजपेयी ने न सिर्फ संस्थाएं खड़ी कीं, बल्कि वे खुद में एक संस्था थे। बहुलता को बचाने और बढ़ाने का निरंतर यत्न किया। विस्तार से बता रहे हैं कृपाशंकर चौबे

अशोक वाजपेयी ने न सिर्फ संस्थाएं खड़ी कीं, बल्कि खुद में एक संस्था थे

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अशोक वाजपेयी ने न सिर्फ संस्थाएं खड़ी कीं, बल्कि वे खुद में एक संस्था थे। बहुलता को बचाने और बढ़ाने का निरंतर यत्न किया।...

जयंती पर विशेषः साहित्य की अप्रतिम शख्यियत अमृता प्रीतम 

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नवीन शर्मा वैसे तो अमृता प्रीतम पंजाबी लेखिका हैं, लेकिन हिंदी भाषा के पाठकों में भी वे खासा लोकप्रिय  हैं। वे हिंदी फिल्मों की...

इस वर्ष 12.5 लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड देगी झारखंड सरकार

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रांची। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि किसान अन्नदाता है। उनके जीवन में खुशहाली लाना हमारा लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक किसानों की...

राजेंद्र माथुर मानते थे, लिखना बदलाव की जमीन तैयार करता है

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मिथिलेश कुमार सिंह पिछले कुछ दिनों से प्रभाष जोशी बनाम राजेंद्र माथुर पर बड़ी गंभीर  चर्चा में अपने कुछ साथी मसरूफ हैं। किसी को...

अमिताभ को बनारसी पान खिलाने वाला गंगा किनारे का छोरा अंजान

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जन्मदिन पर विशेष नवीन शर्मा अमिताभ बच्चन की डॉन फिल्म के मशहूर गीत खाईके पान बनारस वाला ने हिंदी सिनेमा के गानों की दुनिया में...
इमरजेंसी के दौर को समझने के लिए कविताएं, गजल आदि तो अहम दस्तावेज हैं हीं, उस दौर में जेल में लिखी गयीं डायरियां सबसे प्रामाणिक स्रोत हैं।

इमरजेंसी के दौर को समझने के लिए जेल डायरियां प्रामाणिक स्रोत हैं

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हरिवंश इमरजेंसी के दौर को समझने के लिए कविताएं, गजल आदि तो अहम दस्तावेज हैं हीं, उस दौर में जेल में लिखी गयीं डायरियां...