डॉ अरुणा “अनु” की लघु कथा- जीवन की सीख

सुनीला की बोर्ड-परीक्षा का आज अंतिम दिन था। वह बहुत खुश थी। परीक्षा अच्छी जो हुई थी। घर लौटते हुए तरह-तरह के विचार उसके...

झारखंड में तेजी से विकसित हो रही है नयी शैली की बैद्यनाथ पेंटिंग

डॉ आरके नीरद वरिष्ठ पत्रकार अौर जनजातीय जीवन-संस्कृति के गहरे जानकार हैं। झारखंड की कला-संस्कृति पर प्रायः ढाई दशकों से काम कर रहे हैं।...
कर्मेन्दु शिशिरः नवजागरण के मार्क्सवादी व्याख्याकार

कर्मेन्दु शिशिरः नवजागरण के मार्क्सवादी व्याख्याकार

हिन्दी के आलोचक- जिनका 26 अगस्त को जन्मदिन है अमरनाथ कर्मेन्दु शिशिर हमारे समय के अत्यंत अध्ययनशील, वैज्ञानिक दृष्टि सम्पन्न और हर परिस्थिति में अपने...

तब प्रभात खबर के प्रिंटलाइन में संपादकीय प्रभारी का नाम छपा

आप जहां रहते हैं, उसके इर्द-गिर्द हर दिन, हर पल कई ऐसी चीजें घटित होती हैं कि जब कभी किस्सागोई में उन्हें समेटना चाहें...
फणीश्वरनाथ रेणु का कथा संसार दो भिन्न भारतीय स्‍वरूपों के बीच खड़ा है। प्रेमचंद के बाद फणीश्‍वर नाथ रेणु को आंचलिक कथाकार माना गया है।

फणीश्वरनाथ रेणु से जेपी आंदोलन के दौरान हुई बातचीत के अंश

सुरेंद्र किशोर फणीश्वरनाथ रेणु से जेपी आंदोलन (1974) के दौरान उनकी जेल यात्रा से लौटने के बाद ‘प्रतिपक्ष’ के लिए मैंने लंबी बातचीत की...

जय प्रकाश नारायण की लिखी एक कहानी- टामी पीर

लोक नायक जयप्रकाश नारायण की 11 अक्तूबर को देश जयंती मना रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए उनकी लिखी एक कहानी हम...
ओमप्रकाश अश्क

ओमप्रकाश अश्क की पुस्तक- मुन्ना मास्टर बने एडिटर

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आप अब तक पढ़ते रहे हैं ओमप्रकाश अश्क की पुस्तक के अंश। आज समग्र रूप से उसे हम दे रहे हैं  जीवन में कई बार...

एमलिन बोदरा की सादरी भाषा में लिखी कविताएं……

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उत्तर बंगाल के चाय बागानों में नयी रचनात्मक पौध खड़ी हो रही है। इसमें एमलिन बोदरा एक खास नाम है। एमलिन कविताएं लिखती हैं।...
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

इतनी कहियो जायिः निराला ने लिख दिया- बांधो न नाव इस ठांव बंधु

मिथिलेश कुमार सिंह महाप्राण निराला को जिन कुछेक गीतों ने हिंदी में पूरी ताकत से स्थापित किया और उन्हें दाखिल दफ्तर होने से बचा...
श्यामरुद्र पाठक, जिसे कभी कोई पुरस्कार या सम्मान नहीं मिला। हाँ, लाठियां और जेल की हवा जरूर मिली किन्तु कभी हार नहीं माना।

श्यामरुद्र पाठकः हिन्दी के योद्धा, जिनका आज जन्मदिन है

श्यामरुद्र पाठक, जिसे कभी कोई पुरस्कार या सम्मान नहीं मिला। हाँ, लाठियां और जेल की हवा जरूर मिली किन्तु कभी हार नहीं माना। अमरनाथ हिन्दी...