और हरिवंश जी ने सब एडिटर से सीनियर न्यूज एडिटर बना दिया

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ओमप्रकाश अश्क की प्रस्तावित पुस्तक- मुन्ना मास्टर बने एडिटर- का अंश आप लगातार पढ़ रहे हैं। आज उसकी अगली कड़ी के रूप में पढ़ें,...
प्रभात खबर बिकने को तैयाार था। खरीदारों का हुजूम भी उमड़ा था। आखिरकार सौदा दैनिक जागरण की कंपनी के साथ तय हुआ, पर बिकने से प्रभात खबर बच गया। बता रहे हैं ओमप्रकाश अश्क

प्रभात खबर ने बंगाल में हिन्दीभाषियों के हित की चिंता की

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आप पढ़ रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क की प्रस्तावित पुस्तक- मुन्ना मास्टर बने एडिटर- की धारावाहिक कड़ियां। आज के अंश का प्रसंग कोलकाता...
ओमप्रकाश अश्क

और इस तरह प्रभात खबर के कार्यकारी संपादक बने ओमप्रकाश अश्क

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ओमप्रकाश अश्क ने अपने कार्यकारी संपादक बनने की रोचक कहानी आत्मकथा पर आधारित अपनी प्रस्तावित पुस्तक- मुन्ना मास्टर बने एडिटर- में बतायी है। कैसे...
कृपाशंकर चौबे

चंद्रकांत देवताले बड़े आत्मीय स्वभाव के विशिष्ट कवि थे

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बड़े आत्मीय थे चंद्रकांत देवताले। हिंदी के विशिष्ट कवि होने के बावजूद अत्यंत सरल मानुष थे। चंद्रकांत देवताले जी। 7 नवंबर को उनकी जयंती...
कृष्ण बिहारी मिश्र (दायें) के साथ लेखक निराला

जब हिंदी के कमर एतना नाजुक बा, त ओकरा टूटिये जाये में भलाई बा

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बुढ़उती, भोजपुरी और गांधी जी के बारे में कृष्ण बिहारी मिश्र की बेबाक बतकही  निराला केहू कहल कि भोजपुरी आठवां अनुसूची में शामिल हो जाई...

राजमहल की पहाड़ियों में सबसे पहले जन्म हुआ था मानव का

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दुमका। पुरातत्त्वविद् पंडित अनूप कुमार वाजपेयी द्वारा लिखित विश्व की प्राचीनतम सभ्यता नामक शोध पुस्तक का दुमका के जनसम्पर्क विभाग सभागार में प्रयास फाउंडेशन फार टोटल डेवलपमेंट...
ममता कालिया की संस्मरणात्मक पुस्तक ‘अंदाज़-ए-बयाँ उर्फ़ रवि कथा’ में ममता कालिया ने खुद को हाईलाइट होने नहीं दिया है। रवींद्र कालिया केंद्र में हैं और है उनका कथा-समय। पुस्तक केबारे में अच्छी आलोचनात्मक टिप्पणी लिखी हैं प्रो. अरुण होता ने।

ममता कालिया की पुस्तक ‘अंदाज़-ए-बयाँ उर्फ़ रवि कथा’

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ममता कालिया की संस्मरणात्मक पुस्तक ‘अंदाज़-ए-बयाँ उर्फ़ रवि कथा’ में ममता कालिया ने खुद को हाईलाइट होने नहीं दिया है। रवींद्र कालिया केंद्र में...
ओमप्रकाश अश्क

और अविनाश जी की हो गई विदाई, अश्क को मिली पटना की कमान

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वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क का पटना आगमन 1997 के मध्य में हुआ और अगले पड़ाव की ओर वह जून 1999 में प्रस्थान कर गये।...

झारखंड में तेजी से विकसित हो रही है नयी शैली की बैद्यनाथ पेंटिंग

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डॉ आरके नीरद वरिष्ठ पत्रकार अौर जनजातीय जीवन-संस्कृति के गहरे जानकार हैं। झारखंड की कला-संस्कृति पर प्रायः ढाई दशकों से काम कर रहे हैं।...
कृपाशंकर चौबे

बांग्ला दलित आत्मकथाओं का इतिहास और साहित्यकार यतीन बाला

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कृपाशंकर चौबे बांग्ला दलित आत्मकथाओं के आकलन-अध्ययन के क्रम में साहित्यकार यतीन बाला का नाम उल्लेखनीय है। उनका आत्मकथात्मक आख्यान ‘शिकड़ छेंड़ा जीवन’ 353...