आपसी स्वार्थ के कारण महागठबंधन में छिड़ी हुई है महाभारत: राजीव रंजन

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Rajeev Ranjan BJP Prawakta

महागठबंधन में छिड़ी हुई है महाभारत केवल आपसी स्वार्थ के कारण

पटना : महागठबंधन में फैली दरार का कारण घटक दलों के स्वार्थ को बताते हुए भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक राजीव रंजन ने कहा  बिहार में महागठबंधन की कलह अब खुल कर सामने आ चुकी है. यह सोचने की बात है कि जो दल उपचुनावों में साथ नही रह सकते, वह चुनाव साथ में क्या ख़ाक लड़ेंगे. दरअसल महागठबंधन बनने के समय से ही लोगों को पता था कि यह गठबंधन ज्यादा दिन चलने वाला नही है. यही कारण है कि जनता ने इनके गठबंधन को ‘महाठगबंधन’ की उपाधि दे दी थी. जनता जानती थी कि इन गठबन्धन के पीछे इन दलों का अपना स्वार्थ छिपा है और मौका मिलते ही यह दल एक दुसरे की पीठ में छुरा घोंपने से परहेज नही करने वाले.

जनता ने करारा सबक सिखाया

यही कारण है कि पिछले लोकसभा चुनाव में जनता की आँखों में धूल झोंकने की इनकी कोई भी चाल कामयाब नही हो पायी और जनता ने इन्हें करारा सबक सिखाया. फ़िलहाल इनके गठबंधन में महागठबंधन में छिड़ी इस महाभारत से किसी को कोई आश्चर्य नही होना चाहिए. लोग शुरू से जानते हैं कि राजद-कांग्रेस हो या महागठबंधन के बाकि दल, सबके सब आला दर्जे के अवसरवादी हैं. इनमे से किसी का उद्देश्य देश या जनता की सेवा करना नही है, बल्कि सत्ता प्राप्त कर अपने बाल-बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना है. हमेशा से ही इन लोगों के लिए राजनीति सेवा नही बल्कि संपत्ति जमा करने का साधन भर रही है. जनता को धोखा देने में मिली शुरूआती सफलता से इन्हें लगा कि यह हमेशा जनता को गुमराह कर के अपनी राजनीति चमकाते रहेंगे.

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लेकिन भाजपा के विकास कार्यों ने इनकी सारी योजनाओं की धज्जियां उड़ा कर रख दी. जनता समझ चुकी है कि इन्हें वोट देने का मतलब इनकी अकूत संपदा में कुछ सौ करोड़ और जोड़ देना है, जिससे आम लोगों को कोई फायदा नही मिलने वाला. इनके नेता यह जान लें कि जनता अब उनके बहकावे में आने वाली नही, इसलिए बेहतर है कि यह अपनी राजनीति का तरीका बदलें.

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