बार-बार मन पूछे मेरा, बोलो भाई- कहां गइल मोर गांव रे!
ओमप्रकाश अश्क
गांव छूटा तो लगभग सब कुछ गुम हो गया। ऐसा अब लगता है। यह अलग बात है कि गांव भी किसी लोभ...
कर्मेन्दु शिशिरः नवजागरण के मार्क्सवादी व्याख्याकार
हिन्दी के आलोचक- जिनका 26 अगस्त को जन्मदिन है
अमरनाथ
कर्मेन्दु शिशिर हमारे समय के अत्यंत अध्ययनशील, वैज्ञानिक दृष्टि सम्पन्न और हर परिस्थिति में अपने...
हरिवंश नारायण सिंह करेंगे पटना में दो पुस्तकों का लोकार्पण
शुक्रवार (25 जनवरी) को पटना में दो पुस्तकों का अलग-अलग स्थानों पर लोकार्पण करेंगे राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह। पहली पुस्तक विधान पार्षद और...
रेखना मेरी जान : ग्लोबल वार्मिंग की पृष्ठभूमि में खिले प्रेम के फूल
नवीन शर्मा
रतनेश्वर सिंह अपने उपन्यास रेखना मेरी जान ग्लोबल वार्मिंग जैसे अलार्मिंग मुद्दे को प्रमख कथा में गूंथ कर हिंदी भाषी पाठकों को...
नहीं रहे पद्मश्री से अलंकृत पं. श्यामलाल चतुर्वेदी
उनकी आंखों में था एक समृध्द लोकजीवन का स्वप्न
प्रो. संजय द्विवेदी
भरोसा नहीं होता कि पद्मश्री से अलंकृत वरिष्ठ पत्रकार-साहित्यकार पं. श्यामलाल चतुर्वेदी नहीं...
एक गुमनाम साप्ताहिक ‘महावीर’ का सत्याग्रह अंक, लोकार्पण 26 को
रांची। देश की आजादी में पत्र-पत्रिकाओं ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उस समय के आंदोलन के दस्तावेजीकरण का काम इन पत्र-पत्रिकाओं ने बखूबी किया।...
बांग्ला कविता की हजार साल लंबी समृद्ध परंपरा रही है
कृपाशंकर चौबे
बांग्ला कविता की एक हजार साल की लंबी, अनेक आयामी और समृद्ध परंपरा रही है। बांग्ला कविता की यात्रा दसवीं शताब्दी से...
कंटेंट और प्रोफाइल में एक नायाब प्रयोग रहा कारोबार खबर
पत्रकार ओमप्रकाश अश्क की प्रस्तावित पुस्तक- मुन्ना मास्टर बने एडिटर- की अगली कड़ी के रूप में कारोबार खबर की 1995-97 की अल्पावधि की अंतिम...
जब पटना प्रभात खबर में रहते दुखी करने वाले कुछ मौके आये
आप वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क की संस्मरणों पर आधारित प्रस्तावित पुस्तक- मुन्ना मास्टर बने एडिटर- का धारावाहिक अंश लगातार पढ़ते रहे हैं। थोड़े व्यतिक्रम...
जयंती पर विशेषः ओशो आधुनिक युग का विद्रोही संन्यासी
नवीन शर्मा
आचार्य रजनीश जो बाद में ओशो के नाम से जाने जाते हैं, वे आधुनिक भारत की सबसे चर्चित और और विवादास्पद आध्यात्मिक...