"मैं कवि हूँ, पाया है प्रकाश" नामक पंक्ति  प्रसिद्ध कविता 'सरोज-स्मृति' में है। यह कवि निराला का आत्म कथन है। स्वयं की उद्घोषणा है।

“मैं कवि हूँ, पाया है प्रकाश” पंक्ति निराला का आत्मकथन है

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भारत यायावर  "मैं कवि हूँ, पाया है प्रकाश" नामक पंक्ति  प्रसिद्ध कविता 'सरोज-स्मृति' में है। यह सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का आत्म कथन है। स्वयं...
प्रभात खबर बिकने को तैयाार था। खरीदारों का हुजूम भी उमड़ा था। आखिरकार सौदा दैनिक जागरण की कंपनी के साथ तय हुआ, पर बिकने से प्रभात खबर बच गया। बता रहे हैं ओमप्रकाश अश्क

जिद्द, जुनून और जिम्मेवारी के आगे घर-परिवार की भी परवाह नहीं की

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वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क की प्रस्तावित पुस्तक की धारावाहिक कड़ी मैं बचपन से ही जिद्दी, जुनूनी और जिम्मेवारी निभाने वाले स्वभाव का रहा हूं। इसके...
फणीश्वरनाथ रेणु का कथा संसार दो भिन्न भारतीय स्‍वरूपों के बीच खड़ा है। प्रेमचंद के बाद फणीश्‍वर नाथ रेणु को आंचलिक कथाकार माना गया है।

फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ सार्वजनिक उपस्थिति के कलाकार थे

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जन्मदिन के अवसर पर फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ को याद करते हुए फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ पैदायशी कलाकार और किस्सागो तो थे ही, वैसे ही पैदायशी आंदोलनकारी...
अलका सरावगी के उपन्यास 'कुलभूषण का नाम दर्ज़ कीजिये'- पर वरिष्ठ साहित्यकार ममता कालिया ने अपनी टिप्पणी दर्ज की है।

अलका सरावगी के उपन्यास ‘कुलभूषण का नाम दर्ज़ कीजिये’- पर ममता कालिया की टिप्पणी

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अलका सरावगी के उपन्यास 'कुलभूषण का नाम दर्ज़ कीजिये'- पर वरिष्ठ साहित्यकार ममता कालिया ने अपनी बेबाक टिप्पणी दर्ज की है। सीधे कहें तो...
फणीश्वरनाथ रेणु का कथा संसार दो भिन्न भारतीय स्‍वरूपों के बीच खड़ा है। प्रेमचंद के बाद फणीश्‍वर नाथ रेणु को आंचलिक कथाकार माना गया है।

कोरोना और COVID-19 सेे ऊब गये हों तो रेणु को जरूर पढ़ लें

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कोरोना, कोरोना वायरस और COVID-19 या नोवेल कोरोना सुनते-सुनते अगर आप ऊब गये हैं तो थोड़ा फणीश्वर नाथ रेणु के बारे में भी पढ़...
'दुखाँ दी कटोरी : सुखाँ दा छल्ला'- प्रो. रूपा सिंह की अद्भुत कहानी है।

‘दुखाँ दी कटोरी : सुखाँ दा छल्ला’- प्रो. रूपा सिंह की अद्भुत कथा-यात्रा

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'दुखाँ दी कटोरी : सुखाँ दा छल्ला'- प्रो. रूपा सिंह की अद्भुत कहानी है। इस कहानी के बहाने प्रो. मंगला रानी ने रूपा के...
मीडिया का शिक्षक हो तो पुष्पेंद्रपाल सिंह जैसा। पुष्पेंद्रपाल सिंह पिछले पांच वर्षों से मध्य प्रदेश शासन के जनसंपर्क विभाग के उपक्रम मध्यप्रदेश माध्यम के प्रधान संपादक हैं।

मीडिया का शिक्षक हो तो पुष्पेन्द्र पाल सिंह जैसा

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मीडिया का शिक्षक हो तो पुष्पेंद्रपाल सिंह जैसा। पुष्पेंद्रपाल सिंह पिछले पांच वर्षों से मध्य प्रदेश शासन के जनसंपर्क विभाग के उपक्रम मध्यप्रदेश माध्यम...
भारत यायावर

हिन्दी भाषा के एक दुर्लभ प्रसंग का उद्घाटन- हिन्दी  तेरी वह दशा !

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उन्नीसवीं शताब्दी में उर्दू का इतना प्रसार और दबदबा था कि हिन्दी उसके नीचे दबी हुई थी। उसके उन्नायक तब दो ही लेखक थे-...

हिन्दी ग्रेजुएट को हरिवंश जी ने बिजनेस अखबार का प्रभारी बना दिया

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पत्रकार ओमप्रकाश अश्क की प्रस्तावित पुस्तक- मुन्ना मास्टर बने एडिटर- की अगली कड़ी पढ़ें। कल आपने पढ़ा कि वह जनसत्ता छोड़ प्रभात खबर समूह...
कमल किशोर गोयनका

प्रेमचंद के अद्वितीय व्याख्याता : कमल किशोर गोयनका

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अमरनाथ बुलंदशहर (उ.प्र.) के एक व्यवसायी परिवार में जन्मे और जाकिर हुसेन कॉलेज (साँध्य), दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे कमल किशोर गोयनका (11.10.1938 )...