भाजपा पर असहिष्णुता का आरोप, पर खुद कितनी सहिष्णु है माकपा?
के विक्रष्णुम राव
आरोप लगता रहा भाजपा पर कि वह असहिष्णुता से लबरेज है। अब इसी रोग ने संक्रामक बनकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को...
कांग्रेस का चरित्रः जानिए क्यों इस्तीफा देना पड़ा था चरण सिंह को
कई दल मिल कर जब सरकार बनाते हैं तो क्या होता है? कभी-कभी वैसा ही होता है, जैसा चौधरी चरण सिंह की सरकार के...
जनमुद्दों की पत्रकारिता पर पत्रकारों ने किया मंथन
रांची। सही मायने में जन मुद्दों से ही पत्रकारिता का सरोकार है। पत्रकार की जिम्दामेवारी होती है कि वह उसे कितनी संजीदीगी से उठाता...
बुरे वक्त में भी लालू की राजनीति कभी शून्य पर नहीं रही
लालू की राजनीति बुरे वक़्त में भी शून्य पर कभी नहीं रही। यह तो विरोधी भी मानते हैं कि लालू न सिर्फ़ बिहार की...
‘राजवंशीय’ लोकतंत्र के बढ़ते कदमों के बीच एक और चुनाव
सुरेंद्र किशोर
मशहूर पत्रकार नीरजा चैधरी ने 2003 में लिखा था कि ‘भारतीय राजनीति मात्र 300 परिवारों तक सीमित है।’ नीरजा ने यह भी...
एक देश, एक चुनाव पर इतना जोर क्यों, इससे समझिए फंडा
सुनील जयसवाल
एक देश, एक चुनाव पर इतना जोर क्यों दे रही सरकार, यह जानना जरूरी है। लोकसभा चुनाव 2019 सम्पन्न हुए एक माह...
सड़ गई है हमारी जाति व्यवस्था
भारतीय समाज में जाति व्यवस्था का काफी महत्व रहा है। ऐतिहासिक विकास क्रम में इसका भी विस्तार होता चला गया है। जाति व्यवस्था के...
प्राण की बलि भले न हो, पर मानसिक बलि ले रहा ME TOO अभियान
आयातित विदेशी सामान आदमी के पास रहे तो वह इतराता-इठलाता है। समाज में रौब दिखाता है। लेकिन विदेश में जन्म लेकर जब MEE TOO...
बुद्धिजीवियों के दिलों में अब भी बसते हैं कार्ल मार्क्स
विगत 16 से 20 जून तक ,पटना में , कार्ल मार्क्स (5 . 5 . 1818 - 14 .3 . 1883 ) के दो...
सोशल मीडिया पर फेक सूचनाओं से मीडिया के दुरूपयोग का खतरा
महेश खरे
इन दिनों मीडिया में फेक न्यूज की खूब चर्चा हो रही है। फेक न्यूज का मुद्दा सीधे-सीधे मीडिया की विश्वसनीयता से जुड़ा...