‘राजवंशीय’ लोकतंत्र के बढ़ते कदमों के बीच एक और चुनाव
सुरेंद्र किशोर
मशहूर पत्रकार नीरजा चैधरी ने 2003 में लिखा था कि ‘भारतीय राजनीति मात्र 300 परिवारों तक सीमित है।’ नीरजा ने यह भी...
नहीं भूलती इमरजेंसी में विपक्षी नेताओं पर पुलिस की पहरेदारी
25 जून, 1975 को जब देश में आपातकाल लगा तो उस समय जार्ज फर्नांडीस ओडिशा में थे। अपनी पोशाक बदल कर जुलाई में जार्ज...
बकरीद पर विशेष- इस्लाम के लिए सबसे ज्यादा कुर्बानी बकरों ने दी है
डॉ. अमरनाथ
पेशावर के एक विद्यालय में घुसकर एक सौ बत्तीस स्कूली बच्चों की हत्या का समाचार देखकर दिल दहल गया। मानवता के इतिहास...
आरक्षण का मक़सद समाज को मज़बूत करना है, कमजोर करना नहीं
प्राप्त सूचनाओं, जिनमे अटकलों से इंकार नहीं किया जा सकता, के अनुसार केंद्र सरकार राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग पर नए विधेयक लाने की तैयारी में है। चर्चा...
शहीद दिवस पर विशेषः जरा याद करो सरदार भगत सिंह की कुर्बानी
प्रेमकुमार मणि
23 मार्च वह दिन है, जिस रोज भगत सिंह शहीद हुए थे। 28 सितम्बर 1907 को पंजाब सूबे के बांगा में एक...
सवाल राम का नहीं, राम की कथा का सवाल है
नरेंद्र अनिकेत
अयोध्या में राम मंदिर के सवाल पर कई बार उबाल आ चुका है। अदालत भी इस सवाल में उलझी हुई है। लेकिन...
अचानक और इतना बड़ा फैसला क्या नागपुर के इशारे पर लिया गया
यह सही से जांच का विषय है कि कश्मीर में समर्थन वापसी की "मास्टर की" किसके पास थी? नागपुर के पास, या फिर "7 लोक कल्याण मार्ग " के पास? खबर...
सरकार कहती ठीक है, पर बेहाल हैं बिहार में किसान
पटना। बिहार के किसानों की बदहाली को सिस्टम ने मजाक क्यों बना लिया है। किसानों की किसी भी राजनीतिक पार्टी की चिंता नही है।...
भाजपा ने पीडीपी का साथ छोड़ अच्छा काम किया है
जम्मू-कश्मीर में आखिरकार भाजपा और पीडीपी का बेमेल गठबंधन खत्म हो गया। बिना विचारे जो करै, सो पाछे पछताय- वाली कहावत चरितार्थ हुई। अव्वल तो...
अमित शाह का बयान इशारा है आगे की हलचल भरी राजनीति का
सुरेंद्र किशोर
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने परसों पश्चिम बंगाल के दौरे में घोषणा कर दी कि टीकाकरण खत्म होने के बाद सी.ए.ए....