‘राजवंशीय’ लोकतंत्र के बढ़ते कदमों के बीच एक और चुनाव 

0
सुरेंद्र किशोर मशहूर पत्रकार नीरजा चैधरी ने 2003 में लिखा था कि ‘भारतीय राजनीति मात्र 300 परिवारों तक सीमित है।’ नीरजा ने यह भी...
समरस होना ही समर्थ या सामर्थ्यवान भारत की पहचान है। समरसता से मिली ताकत के कारण ही भारत जगत गुरु कहलाया और यही ताकत उसे और आगे ले जाएगी।

भीष्म नारायण सिंह का जाना भोजपुरी भाषियों का बड़ा नुकसान

0
उमेश चतुर्वेदी हम भोजपुरीभाषियों की एक कमी है, जैसे ही हम थोड़ा पढ़-लिख जाते हैं, सार्वजनिक जगहों पर आपसी लोगों से बातचीत में भोजपुरी...
how to win an indian election

चुनाव के खेल को समझना चाहते हैं तो पढ़ लें यह किताब

0
चुनाव के खेल को समझना है तो यह किताब एक बार जरूर पढ़ें। शिवम शंकर सिंह की चुनाव जीतने के तरीकों पर आयी किताब...
त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार

माणिक सरकार ने त्रिपुरा का सीएम रहते 9700 में समय बिताये

0
माणिक सरकार ने त्रिपुरा का सीएम रहते 9700 में समय बिताये। माणिक सरकार लगातार चार टर्म त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रहे। अब निवर्तमान हैं। माणिक...

न हमेशा अतीत में जीयो और न कभी अतीत को भूलने की कोशिश करो

0
कृष्णबिहारी मिश्र अतीतजीवी होना और अतीत-अभिज्ञता से रिक्त होना दो स्वतंत्र स्थितियं हैं और दोनों स्वतंत्र रूप से गलत हैं। गलत है वर्तमान सवालों...
सुरेंद्र किशोर, वरिष्ठ पत्रकार

हिंसा के कारण हर साल 80 लाख करोड़ का नुकसान

0
एक बात की कल्पना कीजिए। यदि केंद्र सरकार अपने प्रत्येक कर्मचारी के वेतन में से हर साल चार हजार रुपए की भी कटौती करने...

नहीं भूलती इमरजेंसी में विपक्षी नेताओं पर पुलिस की पहरेदारी

0
25 जून, 1975 को जब देश में आपातकाल लगा तो उस समय जार्ज फर्नांडीस ओडिशा में थे। अपनी पोशाक बदल कर जुलाई में जार्ज...

मीडिया में बेरोजगारी का तेजी से बढ़ रहा है संकट

0
उमेश चतुर्वेदी दिल्ली की हिंदी पत्रकारिता में एक जबर्दस्त चलन है। जिन्हें रोजगार की तलाश होती है, वे रोजगार दे सकने वाले लोगों...
मजार पर चादर चढ़ाने जाते नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

नीतीश की चुप्पी किसी बड़े तूफान का संकेत तो नहीं

नीरज सिंह पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हफ्ते भर से चुप हैं। आधिकारिक तौर पर यही एक लाइन की सूचना छन कर बाहर आयी...

शहीद दिवस पर विशेषः जरा याद करो सरदार भगत सिंह की कुर्बानी 

0
प्रेमकुमार मणि  23  मार्च वह दिन है, जिस रोज भगत सिंह शहीद हुए थे। 28  सितम्बर 1907  को पंजाब  सूबे के बांगा में एक...