जाति के समीकरण पर अब चुनाव जीतना कठिन है
आशुतोष
जाति के समीकरण पर अब चुनाव जीतना कठिन है। भाजपा की यह जीत केवल सवर्णों और बनियों के समर्थन से नहीं हुई है।...
जन्मदिन के अवसर पर डा. राम मनोहर लोहिया की याद में कुछ बातें
सुरेंद्र किशोर
वर्ष 1967 में 12 अक्तूबर को लोहिया का निधन हो गया। उस समय वे करीब 57 साल के ही थे। नई दिल्ली के...
झारखंड में दिखा सांप्रदायिकता का एक और चेहरा
सांप्रदायिकता का एक और चेहरा। झारखंड के खूंटी के कोचांग इलाके में पांच युवतियों से सामूहिक दुष्कर्म किया जाता है। यह पांचों लड़कियां मानव...
जयंती पर विशेषः भारत की एकता के सूत्रधार सरदार पटेल
नवीन शर्मा
आज हम भारत का जो राजनीतिक मानचित्र देखते हैं, उसे इस रूप में ढालने का सबसे अधिक योगदान सरदार वल्लभ भाई पटेल...
भीड़ में बदल रहा है इक्कीसवीं सदी का भारत
इक्कीसवीं सदी में भारत भीड़ में बदल रहा है। उसकी नागरिकता अगर राष्ट्रीय स्तर पर बहुसंख्यक धर्म, सेना के प्रति समर्पण, काल्पनिक कथाओं व...
मुद्दों की तलाश में भटक रहा है विपक्ष, हर चाल की काट है भाजपा...
डा. राजेंद्र
एससी, एसटी बिल को लेकर आजकल देश में बहुत चर्चा हो रही है। सर्वोच्च न्यायालय की व्यवस्था को पलटते हुए मोदी सरकार...