बुद्धिजीवियों के दिलों में अब भी बसते हैं कार्ल मार्क्स
विगत 16 से 20 जून तक ,पटना में , कार्ल मार्क्स (5 . 5 . 1818 - 14 .3 . 1883 ) के दो...
सोशल मीडिया पर फेक सूचनाओं से मीडिया के दुरूपयोग का खतरा
महेश खरे
इन दिनों मीडिया में फेक न्यूज की खूब चर्चा हो रही है। फेक न्यूज का मुद्दा सीधे-सीधे मीडिया की विश्वसनीयता से जुड़ा...
पराजित ‘इन्दिरावाद’ और विजयी ‘मोदीवाद’ में कोई फर्क है?
हेमंत, वरिष्ठ पत्रकार
पिछले लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी विकास ही मुद्दा होगा। विकास का नारा भाजपानीत NDA के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का...
विश्वनाथ प्रताप सिंह वही नहीं थे, जैसे अब दिखते हैं
वीपी सिंह वही नहीं थे, जैसे अब दिखते हैं...लेकिन इस बदलाव में एक अच्छाई है...एक राजनीतिक सूत्र है...
पिछले दिनों योगी आदित्यनाथ सरकार पर इधर...
राजेंद्र माथुर मानते थे, लिखना बदलाव की जमीन तैयार करता है
मिथिलेश कुमार सिंह
पिछले कुछ दिनों से प्रभाष जोशी बनाम राजेंद्र माथुर पर बड़ी गंभीर चर्चा में अपने कुछ साथी मसरूफ हैं। किसी को...
अभी तो वेंटिलेटर से आईसीयू में आई है पोलियोग्रस्त कांग्रेस
के. विक्रम राव
कांग्रेस 2014 चुनाव से पोलियोग्रस्त थी। वेंटिलेटर पर रही। आज दो बूँद (तीन राज्यों से) मिले तो आईसीयू में लौट आई।...
विज्ञान की नजर में भारतीय भाषाएं और सर्वांगीण स्वास्थ्य
डॉ. मनोहर भण्डारी
पढ़ने में यह अटपटा और अविश्वसनीय लगेगा कि भारतीय भाषाएं पढ़ने से सर्वांगीण स्वास्थ्य का क्या कोई नाता भी हो...
माफिया-नेता-अफसर गंठजोड़ पर वोहरा रपट, जिस पर अमल नहीं हुआ
सुरेंद्र किशोर
वोहरा समिति ने 1993 में अपनी सिफारिश केंद्र सरकार को दे दी थी। सिफारिश आर्थिक क्षेत्र में सक्रिय लाॅबियों, तस्कर गिरोहों, माफिया...
बिहार की पॉलिटिक्स पर प्रेमकुमार मणि की बेबाक टिप्पणी
लोकसभा चुनावों के अब कुछ ही महीने शेष हैं। स्वाभाविक है राजनीतिक चर्चाएं तेज होंगी। हो भी रही हैं। चौक-चौराहों, दफ्तरों से लेकर घरेलू...
पुण्यतिथि पर एपीजे अब्दुल कलाम को सलाम
नवीन शर्मा
एपीजे अब्दुल कलाम सबसे यूनिक किस्म के राष्ट्रपति थे। रामेश्वर के छोटे से शहर के एक साधारण से मुस्लिम परिवार में जन्में...