काश, हर साल चुनाव होते! होने लगी है वादों-सौगातों की बरसात

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  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया पटना को मेट्रो
  • मुख्यमंत्री नीतीश ने दी सभी बुजुर्गों को पेंशन
  • प्रियंका का वादा- कांग्रेस आई तो पुरानी पेंशन
  • राणा अमरेश सिंह

पटना। गुवाहाटी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर गैस ग्रिड की आधारशिला रखी। उन्होंने कामरूप, सिलचर, हेलाकांडी और करीमगंज जिलों में सिटी गैस वितरण नेटवर्क की भी आधारशिला रखी। इससे घरों, उद्योगों और वाणिज्यिक इकाइयों में स्वच्छ ईंधन (पीएनजी) पहुंचाई जाएंगी। इसके अलावे प्रधानमंत्री ने असम के तिनसुकिया में होलोंग मॉड्यूलर गैस प्रसंस्करण संयंत्र का उद्घाटन किया।लोकसभा चुनाव के करीब आते ही केंद्र और राज्य की सरकारों ने सौगातों की बरसात शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव के करीब आते ही प्रधानमंत्री ने कई योजनाओं की सौगात देनी शुरू की है। असम में उन्होंने पूर्वोत्तर गैस ग्रिड की आधारशिला रखी तो 17 फरवरी को बरौनी में कई परियोजनाओं का आन लाइन-आफ लाइन नींव रखने की प्रधानमंत्री की योजना है। सभी वृद्धों को पेंशन देने की घोषणा कर नीतीश कुमार ने बाजी मार ली है। उन राज्य सरकारों ने भी सौगात बांटने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है, जिनके चुनाव इस या अगले साल संभावित हैं।

यूपी में प्रियंका गांधी ने वादा किया है कि कांग्रेस की सरकार बनती है तो पुरानी पेंशन पद्धति लागू होगी। नीतीश कुमार ने बिहार में हर बुजुर्ग के लिए पेंशन की व्यवस्था कर दी है। केंद्र सरकार ने खैरात की तरह योजनाओं की घोषणा, शिलान्यास और उद्घाटन की झड़ी लगा दी है। बिहार और पड़ोस के झारखंड में 17 फरवरी को प्रधानमंत्री कई योजनाओं का आन-आफ लाइन उद्घाटन व शिलान्यास करने वाले हैं। इसमें सबसे बड़ी योजना बरौनी के बंद पड़े कारखाने को चालू करने की है तो दूसरी पटना की मेट्रो रेल परियोजना है। ऐसे में आम आदमी के मन में बरबस यह बात आती ही होगी कि काश, चुनाव हर साल होते और नेता उनकी सुविधाओं के लिए इतने ही सक्रिय दिखते।

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सियासत के सिपहसलार लोकसभा के 2019 चुनाव को बिहार विधानसभा के 2020 के चुनाव की झांकी भी मान रहे हैं। ऐसे में तो सरकार की कृपा बरसनी लाजमी है। प्रदेश के साथ-साथ केंद्र सरकार की भी। ऐसे भी देखा जाये तो जनता जनार्दन को चुनावी वर्ष में अच्छे लाभांश और तोहफे की उम्मीद रहती है। इसका नजारा सीएम नीतीश कुमार के चालू वित्तीय बजट में भी देखने को मिला। केंद्र के बजट में तो किसान, कमजोर और नौकरी-पेशा मध्य वर्ग के लिए जितनी चिंता दिखाई पड़ी, शायद ही किसी सरकार ने इतनी चिंता पहले की हो।

केंद्र सरकार ने पटना मेट्रो की मंजूरी कैबिनेट से दिलवाई। 31.39 किलोमीटर में बननेवाली इस प्रोजेक्ट को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य बताया गया है। वहीं, बिहार सरकार ने आंकड़ों की जादूगरी दिखाई और योजनाओं की झड़ी लगा दी। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, ऊर्जा आदि संबंधी कई आकर्षक मुद्दों पर फोकस किया है। परंतु सबसे आकर्षक और वोट बटोरू घोषणा वृद्धा पेंशन और पत्रकार पेंशन योजना है। बिहार सरकार उन सभी बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन देगी, जो सरकारी सेवा निवृत्ति के बाद पेंशन नहीं पाते हैं। इस दायरे में बीपीएल और एपीएल के साथ सभी सामान्य वर्ग के लोग भी शामिल होंगे। बताते चलें कि वृद्धावस्था पेंशन अब तक बीपीएल में शामिल लोगों को ही मिलती थी, लेकिन अब इसके दायरे में सभी लोग आ जायेंगे। इन्हें चार हजार रुपये प्रति माह पेंशन मिलेगी।

नीतीश सरकार की इस योजना से हर घर में खुशी मिलने की संभावना जताई जा रही है। 60 वां बसंत गुजार चुके लोगों के लिए यह एक बेहतरीन तोहफा है। विरोधी भी मन ही मन नीतीश सरकार की तारीफ करेंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि जिन लोगों की उम्र 60 वर्ष के बार्डर को छूनेवाली होगी, वे भी जल्द इस योजना के फायदे की उम्मीद रखते होंगे। जिन बुजुर्गों को यह फायदा मिलनेवाला है, उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री लालू-राबड़ी के शासन काल की याद जरूर आयेगी। नीतीश कुमार ने विधानसभा में स्वयं कहा कि पेंशन का लाभ 1 अप्रैल 2019 से मिलेगा। आपको बता दें कि अब तक बीपीएल में आने वाले बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत प्रति महीने 400 रुपये दिया जाता है।

सीएम नीतीश कुमार का दूसरा तोहफा ‘बिहार पत्रकार सम्मान योजना है।’ इसके तहत उन पत्रकारों को 6 हजार रुपये जीवन भर दिया जाएगा, जिन्होंने 20 वर्षों तक पत्रकारिता क्षेत्र में बिताए हैं। बुजुर्ग पत्रकार की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी को इस पेंशन के आधे हिस्से को दिया जायेगा। याद रहे, पूर्व में मीडिया कर्मियों की सेवा संबंधी बच्छावत आयोग जैसी कई सिफारिशों ने फाइलों में ही दम तोड़ दीं, लेकिन किसी भी सरकार ने मीडिया हाउस मालिकों के कोपभाजन के भय से इस पर चर्चा करना भी मुनासिब नहीं समझा।

लोकसभा चुनाव में 100 दिन रह गये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भर में घूम-घूम कर बड़ी योजनाओं की आधार शिला रख रहे हैं। साथ ही लोगों को कई बड़ी सौगातें भी दे रहे हैं। इसी क्रम में वह 17 फरवरी को पटना मेट्रो का शिलान्यास भी करेंगे। इस प्रोजेक्ट की मंजूरी केंद्रीय कैबिनेट से 12 फरवरी को दी गई। इस पर 13,411 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। डीपीआर के अनुसार पटना मेट्रो प्रोजेक्ट को 2024 तक पूरा करना है।

गुवाहाटी में प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर गैस ग्रिड की आधारशिला रखी। इससे पूरे क्षेत्र में प्राकृतिक गैस की अबाधित उपलब्धता सुनिश्चित होगी और औद्योगिक विकास में तेजी आएगी। यह ग्रिड सरकार की उस योजना का हिस्सा है, जिसके तहत पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में सस्ती और गुणवत्तापूर्ण गैस उपलब्ध करानी है। प्रधानमंत्री ने कामरूप, सिलचर, हेलाकांडी में बड़ी योजनाओं की आधारशिला रखी। साथ ही लोगों को कई बड़ी सौगातें दीं।

प्रधानमंत्री ने नुमलीगढ़ में एनआरएल बायो रिफाइनरी और बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम एवं असम होते हुए बरौनी से गुवाहाटी तक 729 किलोमीटर गैस पाइपलाइन की भी आधारशिला रखी। करीमगंज जिलों में सिटी गैस वितरण नेटवर्क की भी आधारशिला रखी।  इसके अलावे प्रधानमंत्री ने असम के तिनसुकिया में होलोंग मॉड्यूलर गैस प्रसंस्करण संयंत्र का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने नुमालीगढ़ में एनआरएल बायो रिफाइनरी और बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम एवं असम होते हुए बरौनी से गुवाहाटी तक 729 किलोमीटर गैस पाइपलाइन की भी आधारशिला रखी।

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उधर कांग्रेस भी कहां पीछे रहने वाली। वह घोषमा तो नहीं कर सकती, पर वादे की पोटली तो उसके पास है ही। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने देश के 60 लाख और यूपी के करीब 13 लाख कर्मचारियों को लुभाने के लिए बड़ा दांव खेला है। प्रियंका गांधी ने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने पर पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी जायेगी। इसकी मांग अरसे से देश भर के सरकारी कर्मचारी कर रहे हैं। उन्होंने पिछले दिनों लखनऊ में कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान ऐसा आश्वासन दिया। इससे कर्मचारी निहाल हो उठे। एक जनवरी 2004 को तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने पुरानी पेंशन व्यवस्था को समाप्त करके अंशदाई पेंशन व्यवस्था लागू की थी।

प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे को आगामी लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में शामिल करने का आश्वासन भी दिया। अपने प्रभार वाले लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी की स्थिति की समीक्षा में जुटी प्रियंका गांधी ने नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।

दीगर है कि पूर्व में कर्मचारियों को उनकी आखिरी तनख्वाह का कम से कम 50 प्रतिशत हिस्सा प्रतिमाह पेंशन के रूप में मिलता था, मगर पुरानी पेंशन व्यवस्था खत्म होने से यह आर्थिक सुरक्षा खत्म हो गयी है। देश में करीब 60 लाख पेंशनभागी हैं, जिनमें से 13 लाख उत्तर प्रदेश और बिहार में करीब 9.65 लाख पेंशनभागी बताये जाते हैं। अगले चुनाव में इस घोषणा की चर्चा कितनी होगी, कहना जल्दबाजी होगी।

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