मामा लोगों से भाजों, तो सालों से बहनोई के नाराज होने की वजह

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तेज प्रताप यादव व तेजस्वी यादव
तेज प्रताप यादव व तेजस्वी यादव

पटना। राजद राज के दौरान जंगल राज का जो ठप्पा लगा था, उससे राजद सुप्रीमो का कुनबा धो कर साफ-सुथरी छवि जनता के सामने लाना चाहता है। अपने बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप को लालू ने यही सलाह दी है कि जान-बूझ कर ऐसे तत्वों से दूर रहने में ही भलाई है। लालू की नसीहत रंग ला रही है। आंख मूंद कर जीत सुनिश्चित करने वाले अनंत सिंह को तेजस्वी ने बैड एलीमेंट कह दिया तो तेज प्रताप ने मामा को कंस की संज्ञा दे दी। वैसे एक मामा तेज प्रताप के पौरोकार बन कर साथ सटने की कोशिश में लगे थे। उनका कहना था कि तेज के साथ परिवार में नाइंसाफी हो रही है। लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव पिछले दिन जनता दरबार में अपने मामा साधु यादव पर उखड़े दिखे। उन्होंने मीडिया से कहा- कंस का वध कृष्ण ने ही किया था। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। समझा जाता उन्होंने यह बात अपने मामा साधु यादव को लक्ष्य कर कही थी। इसके पूर्व उन्होंने तेजस्वी के फैंस क्लब के एक सदस्य पर भी कार्रवाई करने की धमकी दी। तेज प्रताप यादव लगातार 21 दिसंबर से जनता दरबार लगा कर लोगों की फरियादें सुन रहे हैं और अविलंब कार्रवाई भी करते हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सगे भाई हैं सुभाष यादव व साधु यादव। दोनों अपने भांजे तेज प्रताप यादव के साथ नाइंसाफी की बात और राजद की कमान उन्हें सौंपने की बात कह कर अखबार की सुर्खियों में आये। करीब 20 साल से दोनों के लिए लालू यादव के दरवाजे बंद हैं। आजकल  दोनों बंधु अपने भांजे तेज प्रताप यादव की तरफदारी करते देखे जा रहे हैं। समझा जाता है कि दोनों यादव बंधु फिर से अपनी दीदी राबड़ी देवी से करीबी रिश्ता बनाना चाहते हैं।

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गुरुवार को सुभाष यादव ने मीडिया से तेज प्रताप यादव को योग्य व कर्मठ नेता बताया और पार्टी की कमान उनके हाथ में सौंपने की सलाह दी। साधु यादव तो तेजप्रताप के बुलावे पर 27 दिसंबर को फुलवारीशरीफ थाने के घेराव के मौके पर भी पहुंचे थे। हालांकि साधु यादव ने विवाद को ढ़ंग से सलटा दिया।

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शनिवार को जनता दरबार के बाद मीडिया ने तेजप्रताप को घेरा और कुछ लोग हंसे तो तपाक से तेज प्रताप ने कहा,- कंस भी मामा थे, उनका वध कृष्ण ने ही किया था। हाई प्रोफाइल मामले के कारण किसी तरह का स्पष्टीकरण नहीं मिल सका। उधर, साधु यादव ने कहा, कि हम तेज प्रताप को जरूरत पड़ी तो मदद करेंगे। उन्होंने कहा, मुझे भी गलत ढंग से फंसाया गया था और अब तेज प्रताप को बदनाम किया जा रहा है।

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तेज प्रताप यादव राजद के पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं और जनता की फरियाद सुनने के लिए जनता दरबार लगा रहे हैं। जाहिर है कि परिवार के किसी भी मेंबर ने अभी तक उन पर कमेंट नहीं दिया है। वहीं पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता दबी जुबान से उनका विरोध करते हैं। वहीं साधु यादव ने इसे अच्छा कदम बताया और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री और तेजप्रताप यादव पार्टी को अध्यक्ष बनाने की सलाह दी। साधु यादव ने बताया, तेजप्रताप बचपन से ही संत है और मथुरा जाता है। बता दें कि लालू-राबड़ी के मुख्यमंत्रित्व काल में दोनों भाइयों की खूब चलती थी। समझा जाता है कि दोनों के ही कारण लालू यादव को काफी बदनामी झेलनी पड़ी थी और कोर्ट ने जंगल राज का तंज कसा था। अपनी इसी छवि से निकलने की सलाह लालू ने अपने बेटों को दी है।

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