बेगूसराय मंडल कारा में लगती है क्लास, 52 निरीक्षर बन रहे हैं  साक्षर

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बेगूसराय (नंद किशोर सिंह)। बेगूसराय जेल भी इन दिनों साक्षरों की संख्या बढ़ रही है। जो पढ़े-लिखे कैदी हैं, उन्हें छोड़ दें तो बाकी कैदी पढ़ कर साक्षर बनने की होड़ में हैं। जिले की इस जेल में कुल 1241 कैदी बंद हैं। इनमें 6 कैदी सजायाफ्ता हैं। विचाराधीन 35 महिलाएं, 96 पुरुष कैदी हैं। बेगूसराय मंडल कारा के जेल अधीक्षक बृजेश सिंह मेहता ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बेगूसराय के जिलाधिकारी राहुल कुमार और एसपी अवकाश कुमार से अनुरोध करने के बाद इस मंडल कारा के अंदर इन दिनों जेल में बंद निरक्षर कैदियों को साक्षर बनाने के लिए जेल के एक हॉल में 52 कैदियों को एक साथ साक्षर बनाया जा रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि कैदी अपना नाम और अपना पता लिख सकें। मौखिक रूप से उन्हें जेनरल नालेज भी सिखाया जा रहा है।

कैदी ही शिक्षक की भूमिका निभाते हैं। बेगूसराय मंडल कारा के अंदर बंद सजायाफ्ता कैदी शिक्षक की भूमिका में उन  सभी निरक्षर कैदियों को साक्षर बना रहे हैं। कैदियों को स्लेट, पेंसिल के माध्यम से प्रारंभिक शिक्षा का ज्ञान लिखवा कर सिखाया  जा रहा है। शिक्षक के रूप में बेगूसराय मंडल कारा के अंदर  दो कैदी मोहम्मद आरिफ और अब्दुल यादव शिक्षक के रूप में शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

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कारा अधीक्षक श्री मेहता ने बताया कि कैदियों की सुविधा के लिए जेल के अंदर टेलीफोन बूथ की सुविधा भी पिछले 10 सितंबर 2018 से चालू है। जेल में बंद कैदी अपने तीन संबंधियों से महीने में में 30 मिनट तक और सप्ताह में मात्र 10 मिनट बात कर सकते हैं। बातचीत करने के दौरान उनकी बातों की रिकॉर्डिंग की जाती है।  इसमें कैदी अपने 3 लोगों में  से एक अधिवक्ता, अपने घर के परिजन और एक डॉक्टर के सिवा किसी दूसरे व्यक्ति से बातचीत नहीं कर सकते हैं। इसके लिए कैदी से तीनों लोगों का पहले नंबर अलग-अलग लिया जाता है और उसके आधार कार्ड के माध्यम से तीनों का वेरिफिकेशन पूरा करने के बाद ही उन तीनों लोगों से मंडल कारा के अंदर बूथ से बातचीत कराया जाता है। जिससे कि अब कैदी को अपने परिजनों के अलावा अन्य दो लोगों से टेलीफोन बूथ से मंडल कारा के भीतर से ही बात कर सकते हैं।

कैदी पूर्वाह्न 8:00 बजे से लेकर 12 बजे तक और अपराहन में 2 से 4 बजे के भीतर ही बातचीत टेलीफोन बूथ से कर सकते हैं। कारा अधीक्षक ने बताया कि फिलहाल  मात्र एक सौ कैदियों का ही वेरिफिकेशन पूरा हुआ है। उन्हें ही बातचीत टेलीफोन बूथ से करायी जा सकती है, अन्य बंद कैदियों को अभी नहीं।

उन्होंने जानकारी दी कि बिहार के गोपालगंज जिला, समस्तीपुर के दलसिंहसराय, सुपौल के बीरपुर और मधुबनी में भी टेलीफोन बूथ की सेवा शीध्र प्रारंभ होने वाली है। बाकी जगह लगभग टेलीफोन बूथ की सेवा मंडल कारा के अंदर प्रारंभ है। इसके अलावा जेल के अंदर तीन कंप्यूटर भी लगे हुए हैं, जिनके माध्यम से कैदियों को कंप्यूटर की  शिक्षा भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि मंडल कारा के अंदर सभी बंद कैदियों के लिए एक मेरा  प्रयास है कि  शिक्षा का माहौल मंडल कारा के भीतर बना कर अधिक से अधिक कैदियों को साक्षर बनाया जा सके।

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