एक छत के नीचे कई काम, हाईटेक हो रहे बिहार के पंचायत भवन

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अगर काम को आधार बना कर वोट मिलते हैं तो नीतीश बिहार में सर्वाधिक वोट हासिल करने का पूरा बंदोबस्त कर चुके हैं
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पटना। जमाना बदल रहा है। सब कुछ हाईटेक होने लगा है। ऐसे में बिहार सरकार भी अपने सारे तंत्र को हाईटेक करने में जुटी हुई है। पंचायती राज विभाग डिजिटल पंचायत भवन बना कर एक नई मिसाल पेश करने का काम कर रहा है। पंचायत भवन के डिजिटल हो जाने पर गांव की भोली भाली जनता को भागृदौड़ से निजात मिलेगी। अपने किसी भी काम के लिए लगातार इधर-उधर अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधियों को ढूंढने में समय गांव के लोग जाया करते थे। उनके लिए यह भवन बहुत ही कारगर साबित हो रहा है। आम जनता की सुविधा के लिए सूबे की सरकार अब सीधे आपके द्वार तक पहुंच रही है। पंचायतों में लोगों को अब वे सारी सुविधाएं मिला करेंगी, जिनके लिए उन्हें प्रखंड मुख्यालयों तक आना पड़ता था। बिहार सरकार की पहल पर अब जिले की विभिन्न पंचायतों में आरटीपीएस (लोक सेवा का अधिकार) काउंटर खोले जा रहे हैं। इन काउंटरों को खोले जाने से अब लोगों को पंचायतों में ही आरटीपीएस के तहत निःशुल्क जाति, आय एवं आवासीय प्रमाणपत्र मिल जाया करेंगे। इससे पंचायतवासियों को प्रखंड कार्यालय के अनावश्यक चक्कर से भी मुक्ति मिलेगी।

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ये काउंटर पंचायतों के पंचायत भवन में स्थापित किए जा रहे हैं। पंचायत के लोग अपने पंचायत में बन रहे इन आरटीपीएस काउंटर में जाति, आवासीय, आय प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करेंगे। तत्पश्चात कार्यपालक सहायक सीओ के द्वारा निर्गत डिजिटल हस्ताक्षर को प्रमाण पत्र पर अपलोड करेंगे। इसके बाद पहचान पत्र देख कर संबंधित पंचायतवासी को प्रमाणपत्र निर्गत कर दिया जाएगा।

राज्य सरकार ने प्रदेश  में 1700 पंचायत सरकार भवन बनाने का काम शुरू किया था। इनमें से 1100 पंचायत सरकार भवन बन कर तैयार हैं। अब लोगों को गांव में ही जाति, आवासीय व  अन्य प्रमाणपत्र मिलेंगे। पंचायत सरकार भवन में ही लोक सेवा केंद्र की स्थापना की जा रही है, ताकि लोगों को अपने काम को कराने में देर का सामना करना नहीं पड़े। पंचायत सचिव व राजस्व कर्मचारी अब इन्हीं पंचायत सरकार भवनों में बैठेंगे। साथ ही मुखिया-सरपंच भी इसी भवन से अपने कार्य का निष्पादन करेंगे। इससे सबसे बड़ा फायदा ग्रामीण जनता को होगा। अब उन्हें किसी को भी ढूंढने के लिए इधर-उधर की भागदौड़ से छुटकारा मिल जाएगा।

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आरटीपीएस काउंटरों का संचालन पंचायती राज विभाग के कार्यपालक सहायक करेंगे। बिहार लोक सेवा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सामान्य प्रशासन विभाग से दी जाने वाली सेवाएं जैसे जाति, आय, आवासीय प्रमाणपत्र से संबंधित आवेदन पत्र को कार्यपालक सहायक आरटीपीएस काउंटर से ऑनलाइन जमा कराएंगे। उसके बाद संबंधित पर्ची लाभुकों को निर्गत की जाएगी। इसके बाद अंचलाधिकारी द्वारा निर्गत डिजिटल हस्ताक्षर युक्त जाति, आय एवं आवासीय प्रमाणपत्र आरटीपीएस के ऑनलाइन वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे। कुछ प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद आवेदक को कार्यपालक सहायकों द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

सरकार का लक्ष्य है कि गांव-गांव तक के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। पूर्व में जहां ग्राम परिवहन योजना के द्वारा ग्राम पंचायतों को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने की पहल की गई है, वहीं अब लोक सेवाओं के अधिकार के तहत आरटीपीएस काउंटरों के स्थापना विभिन्न पंचायतों में की जा रही है, जिससे अब लोगों को जाति, आय, आवास जैसे प्रमाणपत्र उनकी पंचायत में ही उपलब्ध होंगे।

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पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के अपने प्रयास के क्रम में राज्य सरकार द्वारा पंचायत सरकार भवनों को डिजीटल बनाया जा रहा है। ग्राम पंचायतों के क्रियाकलापों से संबंधित अभिलेख के डिजीटल संधारण के लिए पंचायत सरकार भवनों को आवश्यक आधारभूत सुविधाएं जैसे कंप्यूटर, प्रिंटर, इंटरनेट, डाटा इंट्री ऑपरेटर, लेखापाल इत्यादि उपलब्ध करायी जा रही है। डिजीटल पंचायत सरकार भवन में लोक सेवा अधिकार अधिनियम के तहत आरटीपीएस केंद्रों की भी स्थापना करायी जा रही है। पंचायत सरकार भवनों में असुविधा से ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों का जीवन अत्यंत सरल हो रहा है। अब जाति प्रमाण-पत्र, आवासीय प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण-पत्र, राशन कार्ड बनवाने जैसी तमाम सरकारी सेवाएं लोगों को उनके अपने ग्राम पंचायत में ही प्राप्त होने लगी हैं। डिजीटल पंचायत सरकार भवन स्थानी शासन व्यवस्था को पारदर्शी, समावेशी एवं उत्तरदायी बनाने में भी सहायक हो रही है।

सरकार बिहार के चप्पे-चप्पे में इंटरनेट का जाल बिछा रही है। सूबे की करीब साढ़े आठ हजार ग्राम पंचायतें इंटरनेट सेवा से जुड़ेंगी। इस पर तेजी से काम हो रहा है। सभी ग्राम पंचायतों को हाई स्पीड ब्राडबैंड सुविधा से जोड़ने के लिए केंद्र ने बिहार सरकार को एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी के मुताबिक पहले चरण के तहत 50 परसेंट ग्राम पंचायतों को हाई स्पीड ब्रॉडबैंड से जोड़ने का लक्ष्य है। इस संबंध में केंद्रीय संचार मंत्रालय ने विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग को पत्र भेजा है।

इससे यह उम्मीद बंधी है कि नये वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य की 50 परसेंट ग्राम पंचायतों में हाई स्पीड इंटरनेट सेवा सुलभ हो जाएगी। ये पंचायतें भारतनेट प्रोजेक्ट के तहत इंटरनेट सेवा से जुड़ेंगी। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसे 17 जिलों का भी चयन किया जा रहा है, जहां पर वाइ-फाइ स्थापित करने की योजना है।

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