कांग्रेस का दही-चूड़ा भी नहीं पिघला पाया राजद के तेजस्वी का दिल

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  • राणा अमरेश सिंह

पटना। राजधानी पटना में मकर संक्रांति के बहाने सदाकात आश्रम में दही-चूड़ा भोज में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने राजद के कर्ता-धर्ता तेजस्वी यादव समेत अन्य सहयोगी दलों का स्वागत तो गर्मजोशी से किया, लेकिन सदाकात आश्रम से तेजस्वी यादव के निकलते ही मदन मोहन झा मीडिया के सामने मुखर दिखे। उन्होंने राजद को संकेतों में बताया कि ताली एक हाथ से नहीं बजती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुर्बानी सिर्फ कांग्रेस नहीं, बल्कि सभी को करनी होगी। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि तेजस्वी यादव ने कहा कि कांग्रेस को महागठबंधन के घटक दलों को ध्यान में रखते हुए सीटों की मांग करनी चाहिए। तेजस्वी यादव की यह नसीहत कांग्रेस को नागवार गुजरी। इसको यह समझा जाये कि तेजस्वी यादव ने कांग्रेस को धीरे से मगर जोर का झटका दिया है।

सूबे के जदयू समेत अन्य सियासी दलों की तरह कांग्रेस ने भी बड़े ही धूमधाम से खरमास की विदाई का जश्न मनाया। इस मौके पर जुटे महागठबंधन के अन्य दलों की तरह कांग्रेस को भी सीट शेयरिंग का हिसाब-किताब तेजस्वी यादव से मिलने की आशा थी, लेकिन उत्तर-प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन को बधाई देकर लौटे तेजस्वी यादव कांग्रेस को मजबूर दल के रूप में आंकने लगे हैं। हालांकि लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने मीडिया से कहा कि तेजस्वी को कांग्रेस को कमजोर आंकना भूल होगी। इसी तरह से राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी तेजस्वी से कांग्रेस को तरजीह देने की वकालत की थी। इसके बावजूद राजद का रवैया कांग्रेस के प्रति दबाव वाला लगातार दिख रहा है।

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वहीं, मदन मोहन झा ने सीट शेयरिंग संबंधी किसी तरह की जानकारी नहीं दी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तेजस्वी ने कांग्रेस को फिलहाल 12 सीटें देने की बात कही है और स्वयं 18 सीटों पर प्रत्याशी देने के संकेत दिये। तेजस्वी यादव ने कांग्रेस को समझाने का प्रयास किया कि महागठबंधन में आधे दर्जन से अधिक दल हैं। उन्होंने कहा कि राजद सूबे की सबसे अधिक जनाधार वाली पार्टी है। इसलिए राजद को जदयू से कम सीटों पर चुनाव लड़ना स्वीकार नहीं होगा।

दरअसल तेजस्वी ने प्रदेश में विधायकों की संख्या के आधार पर अपनी दावेदारी को धारदार बनाने की बात कही। वहीं मदन मोहन झा का मानना है कि कांग्रेस की तुलना क्षेत्रीय दलों से करना मुनासिब नहीं होगा। दही-चूड़ा भोज के बाद आधे घंटे की बैठक में वीआईपी पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी, रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा, हम के वृष्ण पटेल समेत कांग्रेस के कद्दावर नेता शकील अहमद समेत कई राजनेता शामिल थे।

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