मलिकाइन के पाती- सांचे बतिया कह के गइले पहिले के पुरनिया

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मलिकाइन के पाती
मलिकाइन के पाती

मलिकाइन के पाती आइल बा। पाती में लिखले बाड़ी कि पहिले के पुरनिया लोग सांचे बात कह गइल बा मलिकार, लात के दावता बात से ना मानस। मलिकाइन काहें एतना रिसिआइल बाड़ी, ई जाने खातिर पढ़ीं, उनकर पातीः

पांव लागी मलिकार। हमार मन एने कई दिन से किचकिचाइले रहल आ आज भोरे से से अइसन भइल बा कि कुछऊ नीक नइखे लागत। कबो अब त इहे बुझाता कि पहिले के पुरनिया लोगवा ठीके कहे कि लात के देवता बात से ना मानस। आज हमार मन तनी जरकसाइल रहल हा। भोरे तनी नीन लाग गउवे। एतने में बहरी हुड़दुंग सुन के अचकचा के आंख खुल गउवे।

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लुगा-आंचर सरिया के दोगहा में अउवीं त देखत का बानी कि पांड़े बाबा के दुआर पर खबर कागज हाथ में लोग दू गोला चइता अइसन हो-हो कइले बा। पहिले त कुछऊ समझ में ना अउवे कि काहें खातिर ई होता, बाकिर तनी कान पात के सुनवीं आ पांड़े बाबा खेत-बारी घूम के तनी देर से पहुंचल नरहन वाला फूफा जी के पूछला पर बतावे लगवीं त असली बात समझ में अउवे।

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पांड़े बाबा बतावत रहवीं कि पाकिस्तान में कवनों सरदार जी लोग के देवता के मंदिर बा। ओह मंदिर के पुजारी के बेटी के कवनो मियां उठा ले गइल। सुने में आवत बा कि ऊ ढेर पइसा वाला बा। पुलिस केहूं गतिया लड़की के पुजारी के घरे पहुंचा दिहलस, बाकिर लोग के चढ़वला पर फेर ओकरा के ऊ बदमाश उठा ले गइल।

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एकरा के लेके काल्ह सरदार जी के जुटान ओह मंदिर में भइल रहुवे। सभे एकरा खातिर पुलिस के दोषी बतावत रहुवे। बाकिर पुलिस ना जाने कहां लुका गइले रहे आ सरदार जी लोग पर ओइजा के मियां लोग ईंटा-रोड़ा बूनी नियर बरसावे लगुवे। कई गो सरदार जी लोग घायल गोइल बा। बाद में पुलिस अउवे। अब ओइजा के मियां लोग कहत बा कि इहवां सरदार जी लोग के मंदिर ना रही। ओह जगहा के नामो बदल दिहल जाई।

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एतना सुनला के बाद मलिकार, हमार माथ घिरनी नियर नाचे लगुवे। दू गो बात से मन खराब हो गउवे। पहिला ई बात कि दुनिया में केहू के कहीं आवे-जाये भा रहे से केहू रोक ना सकेला। पांड़े बाबा बुध भगवान के एगो कहानी ढेर दिन पहिले सुनवले रहनी, तनी-मनी इयाद परत बा। बुध भगवान के बाबूजी पानी के बंटवारा करे के चाहत रहनी आ बुध भगवान के कहनाम ई रहे कि धरती-पानी केहू के बपौती ना ह। ई परकिरती के दिहल ह। एह से एकर बंटवारा त होइए ना सकेला। इहे लेके उहां के घर छोड़ दिहनी आ भगवान बुध के नाम से परसिद्ध भइनी। लरिकाईं के नाम उहां के का दूनी बतवले रहनी पांड़े बाबा, इयाद नइखे परत।

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अब रउरे बताई मलिकार कि पाकिस्तान में उहां के लोग हिन्दू, सिख, इसाई के नारहे दी त एहीं गतिया दोसरको मुलुक के लोगवो नू देखादेखी करे लागी। तब एह दुनिया के का होई। केहू के ई काहें नइखे बुझात मलिकार कि सब एही जा रह जाई आ आदमी खाली हाथ आइल बा आ खाली हाथ चल जाई। एइजा उहे बांची, जवन आदमी कइले रही। जवना के लोग मुअला को बादो गावेला।

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गांव-जवार के हाल नीक बा। खरवांस बाद माई के ममहर उनका मामी के बड़की बेटी के बियाह तय होखे वाला बा। हमरो बोलाहट बा। हमरा इहे नइखे बुझात कि खेती-बारी के टाइम बा, कइसे जायेब। अबही ले खेत फरहर ना भइले सन। कब जोई-बोआई, अकर ठीक नइघखे। आपना खेयाल राखेब।

राउरे मलिकाइन  

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