मलिकाइन के पातीः जेतना के बबुआ ना, ओतना के झुझुना

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मलिकाइन के पाती
मलिकाइन के पाती

मलिकाइन के पाती आइल बा। बाते बात में लिखले बाड़ी- जेतना के बबुआ ना, ओतना के झुनझुना। ई बात ऊ नेता लोगिन के बारे में कहले बाड़ी। पढ़ीं, अपनहूं सभेः

पांव लागीं मलिकार। अपना इहां वोट फेर नियराइल बा का मलिकार। रोजे पांड़े बाबा के दआर पर बतकही हो रहल बा। कैहू नीतीश के टुटिया अबकी गोल होखे के बात कहत बा, त केहू ईहो कहत बा कि नीतीश अइसन नेता बिहार का देश भर में एह टाइम में नइखे, जे सभका के लेके चले। कई जने त ई कहत रहुअन कि नीतीश जीउवा बा कि निमाजो पढ़ लेला और मंदिर में पूजो करेला। सरदार जी लोग के गुरु जी के दरबार में माथा भी टेकेला। सरब धरम खातिर नीतीश जीउवा ठीक बा।

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हमरा त ई धूमगज्जड़ सुन के माथ चकराये लागत बा मलिकार। हमरा त ईहे बुझाला कि केहू राजा होखे, परजा के तबाही कम नइखे होखे के। बड़की मोदी जी के लोग केतना जोर लगा के जितवले रहे। एक बेर ना, दूसरको बेर। लोग एही में अझुराइल-मात रहे कि मोदी जीउआ राम जी के मंदिर अयोध्या में बनवा दी। कश्मीर के ठीक क दी। एही में कवनो अनारसी (एनआरसी) आ काबा (सीएएबी) लेके मोदी जी आ गइल बाड़े। इहो लेके केतने लोग घिरनी अइसन नाचत बा। हमरा त एह कुल से मतलब नइखे मलिकार, बाकिर एके गो बुझाता कि जवन टरेन के किराया पांच बरिस पहिले हम मउसी के बड़की बेटी के बियाह में जाये के बेरा टरेन में जाये के बेरा दिहले रहनी, अबकी बेर मउसी बतावत रहली कि ऊ बढ़ गइल बा। घरे हमहू गैस पर खाना बनाई ले। जवन सिलिंडर 500-600 में मिलत रहे, अब ओकर दाम हजार छूए लागल बा। पढ़ाई के फीस देबे के बेरा बुझाता। दिल्ली में मनेजरी पढ़े वाला पांड़े बाबा के छोटकू बेटा बतावत रहुवन कि पढ़ाई के फीस मोटामोटी दुगुना हो गइल बा। हम अपना बाजार से टैकसी से सीवान-गोपालगंज जेतना में पांच बरिस पहिले जात रहनी, ऊ किराया अब दूना से ऊपर हो गइल बा। लहसुन, पियाज के महंगाई त अइसन भइल बा मलिकार कि पहिलकी जनवरी के लड़िकवा हुरदुंग मचवले सन कि कलिया मंगा दे माई। ऊ कलिया के का दूनी नांव धरे ले सन- मोटन। दू पउवा मंगवनी आ संगे पियाज किलो भर ले आवे के कहनी त मालूम भइल कि सौ रुपिया त पियाजे में लाग जाई। एही के कहल जाला मलिकार, जेतना के बबुआ ना, ओतना के झुनझुना।

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एही से मलिकार, अब हमरा वोट में कवनो रुची ना ह। कवनो जीतिहें सन, दबाई-चंपाई लोगवे। अब सुनत बानी कि बिहार वाला वोट होखे के बाद। सभ पाटी परचा छापे लागल बा। नीतीश बाबू के परचा चार बेर छपा गइल। सगरी परचा में ऊ एके गो बात कहत फिरत बाड़े कि लालू-रबड़ी से उनकर राज केतना नीमन बा। एही के लेके सुने में आवता कि रोजे परचापोस्टर बनत-सटत बा।

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लालू-रबड़ी के राज में बदमाशी त बढ़ल जरूर रहे मलिकार, बाकिर लालू जी एके गो नीमन काम कइले। जे कहियो वोट ना दिहले रहे भा ना दे पावे, ओकरा के वोट देबे के हक दिहले। सांच कहीं त मलिकार, उनकर सार लोग अगर उनकरा ना बिगाड़ित त उनका अइसन दिन देखे का ना परित। नीतीश जी के लोग सुशासन बाबू कहेला, बाकिर मलिकार एह घरी चोर-बदमासन के जेतना आतंक मचल बा, अब उहो दूध के धोवल नइखन रह गइल। कुर्सी खातिर ऊ कवनो काम क सकेले। केहू पांड़े बाबा के दुअरवा बतावत रहुवे कि नीतीश जी जब लालू जी के संगे पिछलका बेर वोट में आइल रहले त इहे कहस कि जहर खा लेब, बाकिर फेर फूल छाप वाला पाटी के संगे ना जायेब। कुरसी खातिर ऊ फेर ओही फूल छाप के संगे सट गइले।

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एगो कवन दूना वोट देब के नोट (नोटा) बटाम (बटन) रहेला। हम त सोचले बानी मलिकार कि अब कवनो वोट होई, हम उहे बटमवा पूछ के दबायेब। एह नेतवन के नौटंकी से मन उबिया गइल बा। सब एके बाड़े सन। देखावे खातिर ई कुकुरभुकान करे ले सन। लोग बुरबुक बन के एकनी संगे हांजी पारत रहे ला लोग। देखेब मलिकार, ठंडा बढ़ गइल बा। बूढ़ लोग खातिर ई ठंडा काल होला। अपने गांव-जवार में कई गो बूढ़ लोग खरचा हो गइल बा लोग। दवादारू करत रहेब।

राउरे

मलिकाइन

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