भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 साल बीत गये। आखिरकार भारत जीता। पाकिस्तान हारा। पाकिस्तान की सेना ने सरेंडर कर दिया। इंदिरा गांधी को श्रेय मिला।

भारत-पाकिस्तान यूद्ध के 50 साल, विजय दिवस की जय गाथा

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लोकनाथ तिवारी  भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 साल बीत गये। आखिरकार भारत जीता। पाकिस्तान हारा। पाकिस्तान की सेना ने सरेंडर कर दिया। इंदिरा गांधी को...

शहादत दिवस पर नमनः साहसी और प्रेरक चंद्रशेखर आजाद

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नवीन शर्मा भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में सबसे अधिक प्रभावशाली क्रांतिकारियों में चंद्रशेखर आजाद को गिना जाता है। उनका जन्म 23 जुलाई ...
मंडल कमीशन के प्रणेता बीपी मंडल

मंडल आयोग की सिफारिशें याद हैं, पर भूल गये लोग बीपी मंडल को

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पटना। मंडल आयोग की सिफारिशें जिनके सौजन्य से लागू हुईं, वे थे बीपी मंडल। उनकी जयंती पर अकेले उनके परिजनों ने ही उनकी प्रतिमा...

शहीद दिवस पर विशेषः जरा याद करो सरदार भगत सिंह की कुर्बानी 

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प्रेमकुमार मणि  23  मार्च वह दिन है, जिस रोज भगत सिंह शहीद हुए थे। 28  सितम्बर 1907  को पंजाब  सूबे के बांगा में एक...

बर्थ डे खासः स्मिता पाटिल एक संवेदनशील अभिनेत्री 

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नवीन शर्मा स्मिता पाटिल हिंदी सिनेमा की सबसे प्रतिभावान अभिनेत्रियों में से एक हैं। उन्होंने अपनी कई फिल्मों में एक से बढ़कर एक यादगार...

जन्मदिन पर विशेषः वाह जाकिर हुसैन, बोलिए जनाब!

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नवीन शर्मा  जिन दिनों अपने देश में सिर्फ दूरदर्शन ही एकमात्र टीवी चैनल हुआ करता था। उस दौरान टीवी पर ताजमहल चायपत्ती का एक विज्ञापन...
टीवी चैनेल और अखबार से लोग अब परहेज क्यों करने लगे हैं। सच तो यह है कि क्यों कोई टीवी खोले और प्रायोजित खबरें-तस्वीरें देखे। यही मूल वजह है।

टीवी चैनेल और अखबार से लोग अब परहेज क्यों करने लगे हैं !

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अमित प्रकाश सिंह टीवी चैनेल और अखबार से लोग अब परहेज क्यों करने लगे हैं। सच तो यह है कि क्यों कोई टीवी खोले...
रामदेव शुक्ल व्याख्यात्मक आलोचना के अंतिम स्तंभ हैं। ‘बिहारी- सतसई का पुनर्पाठ’ उनकी नवीनतम प्रकाशित आलोचना-कृति है। वे अच्छे कथाकार भी हैं।

रामदेव शुक्लः व्याख्यात्मक आलोचना के अंतिम स्तंभ

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रामदेव शुक्ल व्याख्यात्मक आलोचना के अंतिम स्तंभ हैं। ‘बिहारी- सतसई का पुनर्पाठ’ उनकी नवीनतम प्रकाशित आलोचना-कृति है। वे अच्छे कथाकार भी हैं। ‘बिहारी- सतसई...
कृषि कानून ठीक है, पर उसमें कुछ खामियां भी हैं। उनको ठीक किया जाना चाहिए, नहीं तो वे नतीजे नहीं निकलेंगे, जो निकलना चाहिए।

कृषि कानून अच्छा तो है, पर उसमें कुछ खामियां भी हैं

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कृषि कानून ठीक है, पर उसमें कुछ खामियां भी हैं। उनको ठीक किया जाना चाहिए, नहीं तो वे नतीजे नहीं निकलेंगे, जो निकलना चाहिए।...
Corporate की मदद के बिना राजनीति असंभव है

धीरू भाई अंबानी और चंद्रशेखर जब कलकत्ता में एक होटल में गुपचुप मिले, जानिए...

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सच बात यही है कि कोई दल/ नेता कितना भी कॉर्पोरेट के खिलाफ बोल ले, कम्युनिस्ट पार्टियों को छोड़कर हर दल को उद्योगपतियों से...