महाराणा प्रताप ने घास की रोटी खाई, पर अकबर की अधीनता कबूल नहीं की….पुण्यतिथि...
                    
मध्यकाल के इतिहास लेखन के बारे में नेहरू युग के कम्युनिस्ट इतिहासकारों ने नये इतिहास लेखकों को यह निदेश दिया था कि महाराणा प्रताप...                
            कुलदीप नैयर को श्रद्धांजलिः आप जानते हैं, वह मुल्जिम कौन था?
                    
 	
 	मिथिलेश कुमार सिंह
फर्ज करिये, देश में इमरजेंसी लगी है। आपके सोचने- समझने, लिखने- पढ़ने की आजादी पर पहरे बिठा दिये गये हैं।...                
            रामनिरंजन परिमलेन्दुः अनुसंधानपरक आलोचना का अन्यतम योद्धा
                    
 	डॉ. अमरनाथ
पुरानी पीढ़ी के गिने चुने महान अनुसंधानकर्ताओं की तरह नि:स्वार्थ भाव सेएकान्त साधना करने वालेअनुसंधानपरक आलोचना के अन्यतम  योद्धा रामनिरंजन परिमलेन्दु (25.8.1934-29.9.2020)...                
            विज्ञान की नजर में भारतीय भाषाएं और सर्वांगीण स्वास्थ्य
                    
 	डॉ. मनोहर भण्डारी 
पढ़ने में यह अटपटा और अविश्वसनीय लगेगा कि भारतीय भाषाएं पढ़ने से सर्वांगीण स्वास्थ्य का क्या कोई नाता भी हो...                
            रामदेव शुक्लः व्याख्यात्मक आलोचना के अंतिम स्तंभ
                    
रामदेव शुक्ल व्याख्यात्मक आलोचना के अंतिम स्तंभ हैं। ‘बिहारी- सतसई का पुनर्पाठ’ उनकी नवीनतम प्रकाशित आलोचना-कृति है। वे अच्छे कथाकार भी हैं। ‘बिहारी- सतसई...                
            महात्मा गांधी के जितने प्रशंसक हैं, उससे कम आलोचक भी नहीं
                    महात्मा गांधी के जितने प्रशंसक हैं, उससे कम आलोचक भी नहीं। कल तक बड़ी तादाद वैसे लोगों की थी, जो महात्मा गांधी के हत्यारे...                
            तेरह वर्ष की उम्र में हुआ था गांधी जी और कस्तूरबा का विवाह
                    
 	राज्यवर्द्धन
तेरह वर्ष की आयु में गांधी जी का ब्याह कस्तूरबा से हुआ था। गांधी जी लिखते हैं-"हम भाइयों को तो सिर्फ तैयारियों से...                
            फणीश्वरनाथ रेणु के व्यक्तित्व में विनम्रता स्वाभाविक छंद था
                    
 	भारत यायावर 
फणीश्वरनाथ रेणु के व्यक्तित्व में विनम्रता और सहजता स्वाभाविक छंद था। उन्हें आक्रोश और गुस्से में देखना दुर्लभ संयोग था। वे मुश्किलों...                
            राजेश खन्ना को सुपर स्टार बनने से पहले मैंने देखा है
                    
 	वीर विनोद छाबड़ा
राजेश खन्ना को सुपर स्टार बनने से पहले मैंने देखा है। मैं उन चंद खुशकिस्मतों में हूं, जिन्होंने राजेश खन्ना को...                
            पं. अच्युतानंद मिश्र, जनसत्ता और महाश्वेता देवी का स्तंभ
                    
 	कृपाशंकर चौबे
पं. अच्युतानंद मिश्र जब ‘जनसत्ता’ के संपादक थे तो वे महाश्वेता देवी से स्तंभ लिखवाते थे। महाश्वेता जी बांग्ला में लिखकर देतीं।...                
            