नहीं जानते तो जान लें सुभाषचंद्र गुप्ता उर्फ मुद्राराक्षस को

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शूद्रों के चित्रकार थे मुद्राराक्षस! एक चित्रकार था- बादलों का चित्रकार! वह ताजिंदगी बादलों का चित्र बनाता रहा- काले, भूरे, मटमैले बादलों का। बादलों के चित्र कभी...
भारत का पहला हिन्दी अखबार

हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर एक वरिष्ठ पत्रकार के तल्ख विचार

हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर एक वरिष्ठ पत्रकार के तल्ख विचार आप भी पढ़ें। पत्रकारिता में जिन्हें बेबाकी की तलाश है, वे तो अवशय पढ़ें।...

अटल बिहारी वाजपेयी जी के 1942 में रोल की सत्यता 

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के विक्रम राव जब तक अटल बिहारी वाजपेयी चुनावी राजनीति से रिटायर नहीं हुये थे,  उन पर हर लोकसभाई निर्वाचन के दौरान आरोप लगाया...
नेहरू ने जम्मू-कश्मीर को पटेल के नियंत्रण से निकालकर इसे गोपाल स्वामी अयंगर के नियंत्रणाधीन दे दिया। इससे पटेल की भावनाएं गहराई से आहत हुईं।

सरदार पटेल न होते तो भारत का विभाजन रोकना कठिन था

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पुण्यतिथि पर विशेष नवीन शर्मा आज हम भारत का जो राजनीतिक मानचित्र देखते हैं, उसे इस रूप में ढालने में सबसे अधिक योगदान सरदार वल्लभ...
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को काशी में कहा कि ‘‘भारत में जब भी औरंगजेब पैदा हुआ, तब इस मिट्टी से शिवाजी का भी उदय हुआ.’’

बंगलादेश की मान्यता के लिए जनसंघ ने आन्दोलन किया था, यह सच है

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शेष नारायण सिंह बंगलादेश की मान्यता के लिए जनसंघ ने आन्दोलन किया था, यह सच है। मेरे कई मित्र शामिल भी हुए थे। संभव...

भीड़ में बदल रहा है इक्कीसवीं सदी का भारत

इक्कीसवीं सदी में भारत भीड़ में बदल रहा है। उसकी नागरिकता अगर राष्ट्रीय स्तर पर बहुसंख्यक धर्म, सेना के प्रति समर्पण, काल्पनिक कथाओं व...

एक देश, एक चुनाव पर इतना जोर क्यों, इससे समझिए फंडा

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सुनील जयसवाल एक देश, एक चुनाव पर इतना जोर क्यों दे रही सरकार, यह जानना जरूरी है। लोकसभा चुनाव 2019 सम्पन्न हुए एक माह...
बंगाल के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का नारा था 'जय हिन्द'। ममता ने उसे छोटा कर 'जॉय बांग्ला' बना दिया। मायने कि 'आमरा बंगाली बनाम बहिरागत।' इससे बढ़कर मूर्खता क्या होगी?

बंगाल के नेताजी के ‘जय हिन्द’ को ममता ने ‘जॉय बांग्ला’ बना दिया

के. विक्रम राव पश्चिम बंगाल के ''खेला'' में जो भी शेष रहा हो, अब एक तथ्य स्पष्ट रूप से उभरा है, जो भारत को...

बुद्धिजीवियों के दिलों में अब भी बसते हैं कार्ल मार्क्स

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विगत 16 से 20 जून तक ,पटना में , कार्ल मार्क्स (5 . 5 . 1818 - 14 .3 . 1883 ) के दो...

पार्टियों में कार्यकर्ताओं के घटने की वजह कहीं वंशवाद तो नहीं!

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- सुरेंद्र किशोर यह खुशी की बात है कि जिस समस्या की ओर मैं लिख-लिख  कर वर्षों से लोगों का ध्यान खींचता रहा हूं, उस...