बिहार में 76 प्रतिशत लोगों के जीने का आधार अब भी कृषि

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लाइव स्टॉक मास्टर प्लान से कृषि रोडमैप का लक्ष्य हासिल करने में आसानीः सीएम

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पाँच वर्षीय ‘बिहार लाइव स्टॉक मास्टर प्लान‘ पुस्तिका का विमोचन एवं पशु मत्स्य संसाधन विभाग की विभिन्न जनोन्मुखी योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। राज्य में अगले 15 वर्षों की आबादी को ध्यान में रखते हुए पशुधन संबंधी उत्पाद की आवश्यकताओं एवं इसके राष्ट्रीय लक्ष्य को देखते हुए 15 वर्षों का पशुधन प्रक्षेत्र विश्लेषण करने के पश्चात 5 वर्षीय लाइवस्टॉक मास्टर पालन तैयार किया गया है। इसे अंतर्राष्ट्रीय पशुधन अनुसंधान संस्थान, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की टीम एवं पशुधन प्रक्षेत्र से संबंधित विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक बिहार की ग्रामीण आबादी 89 प्रतिशत है, जहाँ 76 प्रतिशत लोग अपनी आजीविका के लिए आज भी कृषि पर ही निर्भर हैं। आबादी के तीन-चैथाई हिस्से को हम आगे बढ़ाना चाहते हैं।

इसको ध्यान में रखते हुए तीसरे कृषि रोड मैप के स्वरूप को और अधिक व्यापक बना कर इसे क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार में दुग्ध उत्पादन पहले ज्यादा नहीं था इस दिशा में कॉम्फेड के माध्यम से काफी काम हुआ, जिसका नतीजा है कि जहाँ पहले कॉम्फेड द्वारा प्रतिदिन 4 लाख लीटर  दूध  का  संग्रहण  होता  था,  वह  अब  बढ़ कर  पिछले वर्ष  के  दिसंबर  माह  में  18  लाख लीटर से भी ज्यादा हो गया है। 18 लाख लीटर संग्रहित दूध में से प्रतिदिन 14 लाख लीटर सीधे उपयोग में, जबकि शेष दूध की पनीर, दूध पाउडर एवं अन्य उत्पादों के रूप में आपूर्ति की जा रही है। डेयरी के क्षेत्र में 2 लाख से भी ज्यादा महिलाओं ने को-आपरेटिव सोसाइटी बनायी है।

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रिमोट के जरिये शिलापट्ट का अनावरण कर मुख्यमंत्री ने एक साथ कई जनोन्मुखी योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। उद्घाटित होनेवाली योजनाओं में डाटा प्रोसेसर आधारित स्वचालित दुग्ध संग्रहण इकाई की स्थापना, 1000 लीटर दैनिक क्षमता के 20 एवं 500 लीटर दैनिक क्षमता के 10 बल्क मिल्क कूलरों की स्थापना, राज्य के विभिन्न जिलों में मत्स्य हैचरी, तीन ग्लाईकॉल चिलर, 8 मिल्कोस्कैनर इकाई, पटना जिले के मसौढ़ी एवं बख्तियारपुर में फीश फीड मिल के साथ ही सहरसा, मधेपुरा एवं पटना में 4 प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय और 725 मैत्री (कृत्रिम गर्भाधान) केन्द्रों की स्थापना शामिल है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने राज्य के 17 जिलों में 33 प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय, 300 मीट्रिक टन दैनिक क्षमता का पशु आहार कारखाना, वर्तमान 60 हजार लीटर दैनिक क्षमता की डेयरी की क्षमता 2 लाख लीटर दैनिक क्षमता में करने की योजना का भी शिलान्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बिहार लाइव स्टॉक मास्टर प्लान पुस्तिका का विमोचन भी किया।

बिहार लाइवस्टॉक मास्टर प्लान के विमोचन के मौके पर मुख्यमंत्री ने टेट्रापैक एप्पल ड्रिंक, पोषक सुधा मिल्क पाउडर एवं डेयरी व्हाइटनर का लोकार्पण किया। गव्य विकास योजना, समेकित बकरी विकास योजना एवं लेयर मुर्गी फार्म के लाभुकों को मुख्यमंत्री ने चेक भी प्रदान किये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों का तीसरा कृषि रोडमैप चल रहा है। वर्ष 2008 में चार वर्षीय पहला कृषि रोडमैप बना था। उसका काफी प्रभाव देखने को मिला। इसके बाद वर्ष 2012 में दूसरा कृषि रोडमैप (2012-17) लागू किया गया। दूसरे कृषि रोडमैप में हर जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उसका विस्तृत स्वरूप तैयार किया गया, जिसमें कृषि, मत्स्य, राजस्व, सिंचाई जैसे 18 विभागों को शामिल किया गया, जिसकी अच्छी उपलब्धि रही है और अब तीसरे कृषि रोडमैप (2017-22) पर काम आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद बिहार में दूध की खपत और मिठाई की बिक्री काफी बढ़ी है और लोग अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा अपनी जरूरत की चीजों में खर्च कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के क्षेत्र में और अधिक गुंजाइश बनी है। हमलोगों ने अब टेट्रापैक दूध पाउडर भी उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा कि बिहार में मत्स्य पालन की संभावना काफी ज्यादा है। हमलोग मछली उत्पादन में दोगुनी वृद्धि करने में कामयाब हुए है लेकिन खपत के अनुरूप अब भी बिहार आत्मनिर्भर नहीं बन सका है।

इस अवसर पर राजस्व पर्षद के सदस्य व अध्यक्ष श्री सुनील कुमार सिंह, विकास आयुक्त श्री सुभाष शर्मा, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ0 रामेश्वर सिंह, पशु वैज्ञानिक श्री वैरी शातिरो, पशु वैज्ञानिक श्री विजय भास्कर रेड्डी, पशु वैज्ञानिक डॉ एच0एन0 रहमान, सूचना जनसंपर्क विभाग के सचिव श्री अनुपम कुमार, कॉम्फेड की प्रबंध निदेशक श्रीमती शिखा श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, पशुपालन विभाग के निदेशक श्री विनोद सिंह गुन्जियाल, जिलाधिकारी श्री कुमार रवि, वरीय पुलिस अधीक्षक श्रीमती गरिमा मल्लिक सहित पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अन्य अधिकारीगण, वैज्ञानिकगण, पशु विशेषज्ञ एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं।

केसीसी के तर्ज पर डेयरी, फिशरी, पॉल्ट्री को भी कर्ज मिलेः उपमुख्यमंत्री

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कृषि से वर्ष में जहां 180 दिनों का ही रोजगार मिल पाता है वहीं बांकी बचे दिनों के लिए भूमिहीन और छोटी जोत के लघु, सीमांत किसानों की आय का प्रमुख श्रोत पशुपालन है। भारत सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की तरह मात्र 4 फीसदी ब्याज पर डेयरी, फिशरी और पाल्ट्री सेक्टर को भी ऋण देने का निर्णय लिया है। केन्द्र सरकार से आग्रह है कि इसे जल्द लागू किया जाय।

फिशरीज में अब बिहार का उत्पादन इतना बढ़ गया है कि यहां की 32 हजार टन मछलियां नेपाल, सिलीगुड़ी, लुधियाना, गोरखपुर, रांची जैसे अनेक स्थानों पर भेजी गयीं। राज्य में कुल 5 लाख 87 हजार टन मछली का उत्पादन हुआ है। मछली उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भरता के करीब पहुंच गया है।

पहले बिहार में जहां इंसान का टीकाकरण भी ठीक से नहीं हो पाता था, वहीं आज गाय, भैंस, बैल और बकऱी इत्यादि का भी टीकाकरण किया जा रहा है। आधार नंबर के तर्ज पर राज्य में जानवरों को भी एक पहचान नंबर दिया जा रहा है जिससे उनके टीकाकरण समेत अन्य उचित देखभाल किया जा सके।

बिहार लाइवस्टॉक मास्टर प्लान के जरिए अगले 5 वर्ष में 6 हजार 300 करोड़ की राशि पशुपालन एवं उससे जुड़े क्षेत्रों पर खर्च करने की अनुशंसा की गयी है, जिसका केवल 16 प्रतिशत सरकार के माध्यम से और शेष निजी क्षेत्र को खर्च करना है। पॉल्ट्री, फिशरी और डेयरी में असीमित संभावनाओं के माध्यम से राज्य के किसानों की आय में वृद्धि की जाएगी।

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