एक्ट्रेस मधुबाला के बारे में नजूमी ने पहले ही बता दिया था

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एक्ट्रेस मधुबाला के बारे में एक नजूमी ने पहले ही भविष्याणी कर दी थी कि उनका वैवाहिक जीवन सफल नहीं होगा। धन-दौलत तो होगी, पर जीवन कष्टमय बीतेगा।
एक्ट्रेस मधुबाला के बारे में एक नजूमी ने पहले ही भविष्याणी कर दी थी कि उनका वैवाहिक जीवन सफल नहीं होगा। धन-दौलत तो होगी, पर जीवन कष्टमय बीतेगा।
एक्ट्रेस मधुबाला के बारे में एक नजूमी ने पहले ही भविष्याणी कर दी थी कि मधुबाला का वैवाहिक जीवन सफल नहीं होगा। धन-दौलत तो होगी, पर जीवन कष्टमय बीतेगा। इस प्रसंग के बारे में बता रहे हैं वीर विनोद छाबड़ा।

मधुबाला की तबीयत उन दिनों खराब चल रही थी। चंद दिनों की मेहमान थी। कोई उनसे मिलने भी नहीं आता था। दिन भर गुमसुम पड़ी रहतीं। वो गहरे अवसाद में चलीं गयीं। डॉक्टर ने उन्हें मशविरा दिया कि इधर-उधर घूम-फिर आया करें, दिल बहलेगा और डिप्रेशन भी कम होगा। वो इधर-उधर घूमने जाने लगीं। सहेलियों और दोस्तों को घर बुलातीं। इससे वो खुश रहतीं। उनकी सेहत में भी थोड़ा सुधार आने लगा।

ऐसे में वो एक दिन अब्बू अत्ताउल्लाह खां के साथ संगीतकार नौशाद के घर जा पहुंचीं। नौशाद मियां उनके ख़ास दोस्तों में थे। मधु को उनके घर जाना अच्छा भी लगता था। एक ताजगी का अहसास होता था। यूं भी नौशाद साहब के पास किस्सों की भरमार रहती थी।

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बहराहल, उस वक़्त वहां एक  नजूमी भी मौजूद थे। उन्होंने मधुबाला को देखा तो देखते ही रह गए। नौशाद मियां ने परिचय कराया। नजूमी साहब ने अत्ताउल्लाह से पूछा- मियां, मुझे पहचाना आपने?

अत्ताउल्लाह ने न में सर हिला दिया। तब नजूमी ने बताया कि मैं वही बरसों पहले वाला शख़्स हूँ, जिसने आपकी बेटी का हाथ देखा था। अत्ताउल्लाह को कुछ याद आया। बरसों पहले जब मधुबाला एक नन्हीं बच्ची थी, तो मधु का हाथ इन्हीं नजूमी ने देखा था। तब अत्ताउल्लाह ने बहुत उत्सुकता से पूछा था- हां तो बताइए मेरी बेटी के भविष्य में क्या लिखा है?

नजूमी साहब ने बताया था- आपकी बेटी के हिस्से में बेशुमार दौलत है, शोहरत है, लेकिन… रुक गए थे नजूमी साहब। अत्ताउल्लाह ने उत्सुकता से पूछा था- आगे? नजूमी साहब ने बताया था- लेकिन शादी के बाद उसका वक्त अच्छा नहीं है। सुनते हैं तब अत्ताउल्लाह ने कहा था- अगर धन-दौलत तो भरपूर है तो मुझे कोई परवाह नहीं। तब नजूमी साहब मुस्कुरा दिए थे। अताउल्लाह को नजूमी साहब की भविष्यवाणी याद आ गयी। मधुबाला का चेहरा फक्क हो गया। मधु ने उनसे सवाल किया- अब आगे क्या होगा? नजूमी साहब ने जवाब दिया- अल्लाह मालिक है। भरोसा रख। यह कह कर नजूमी साहब चले गए। मधु के चेहरे पर पिछले कुछ दिनों से दिख रही रौनक़ गायब हो गयी। अताउल्लाह अपना चेहरा छुपाने लगे। भरे मन से नौशाद साहब के घर से वापस आये।

उसके बाद मधु की सेहत और भी गिरने लगी। पीर-पैगंबर सब हो गया. मधु की सेहत गिरती ही चली गई। आखिर में 14 फ़रवरी 1969 को उनका इंतकाल हो गया।

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