अचीवर्स जंक्शन ने मनाया भारत-मॉरिशस मैत्री महोत्सव 

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अचीवर्स जंक्शन ने भारत-मॉरिशस मैत्री महोत्सव मनाया। गिरमिटिया मजदूरों की याद में दोनों देशों के साहित्यकार-पत्रकार शामिल हुए।
अचीवर्स जंक्शन ने भारत-मॉरिशस मैत्री महोत्सव मनाया। गिरमिटिया मजदूरों की याद में दोनों देशों के साहित्यकार-पत्रकार शामिल हुए।

नयी दिल्ली। अचीवर्स जंक्शन ने भारत-मॉरिशस मैत्री महोत्सव मनाया। गिरमिटिया मजदूरों की याद में दोनों देशों के साहित्यकार-पत्रकार शामिल हुए। 186 साल पूर्व भारत से मॉरिशस गए गिरमिटिया मजदूरों की याद में यह कार्यक्रम 2 नवंबर की रात 8 बजे से देर रात तक अचीवर्स जंक्शन पर आयोजित हुआ। इसमें दोनों देशों के डेलीगेट्स, साहित्यकार, कलाकार, गायक, पत्रकार और संस्कृतिकर्मियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन की चेयरपर्सन डॉ. सरिता बुद्धू ने की।

कार्यक्रम का आगाज गीत गवाई स्कूल ऑफ़ मॉरिशस की दो दर्जन गायिकाओं ने किया। धनदेवी और उनकी टीम ने लगभग घंटे भर लोकगीत, संस्कार गीत और घर-आँगन के गीत से न सिर्फ गिरमिटिया मजदूरों की कहानी कही, बल्कि दर्शकों को उनकी जड़ो से जोड़ दिया और अन्दर तक भिंगो दिया। उसके बाद शुरू हुआ काव्य निर्झर, जिसमें भारत से डॉ. कीर्ति काले, डॉ. (कर्नल ) वी. पी. सिंह, गीतकार मनोज कुमार मनोज तो मॉरिशस से प्रोफ़ेसर हेमराज सुन्दर, विश्व हिंदी सचिवालय के महासचिव प्रोफ़ेसर विनोद कुमार मिश्र,  डॉ. सुरीति रघुनंदन, डॉ. शिक्षा गजाधर, लवना रामधनी, वशिष्ट कुमार, अरविन्द सिंह ने अद्भुत काव्य पाठ किया। गीत-गजलों और छंद मुक्त कविताओं की बारिश होती रही।

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चूँकि कार्यक्रम गिरमिटिया की याद में आयोजित था तो मॉरिशस ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन की प्रोड्यूसर-एंकर नर्मदा खेदनाह, महात्मा गांधी संस्थान के डॉ अरविन्द विसेसर, पत्रकार सविता तिवारी और गिरमिटिया फाउंडेशन कोलकाता के दिलीप गिरी ने मॉरिशस पहुंचे गिरमिटिया की दर्द भरी दास्तां और उनकी जिजीविषा से अफ्रीका के एक टापू को धरती का स्वर्ग बनाने की कहानी सुनाई।

कार्यक्रम में गिरमिटिया पर भावपूर्ण वृत्तचित्र भी दिखाया गया। भारत में सूरीनाम की राजदूत महामहिम आशना कन्हाई ने महोत्सव को शुभकामनाएं दीं। अध्यक्षीय भाषण में डॉ. सरिता बुद्धू ने कोरोना काल में भारत सरकार ने मॉरिशस की जो मदद की, उसके लिए धन्यवाद देते हुए अचीवर्स जंक्शन के इस पहल की खूब प्रशंसा की। बॉलीवुड के सुप्रसिद्ध अभिनेता ने कार्यक्रम पर अपनी टिपण्णी देते हुए कहा- ”अचीवर्स जंक्शन एक ऐसा मंच है, जिसने यह सिद्ध कर दिया है कि संस्कृति और परम्पराओं का संरक्षण और संवर्धन ऑनलाइन भी हो सकता है। अचीवर्स जंक्शन अद्भुत मंच है।”

चार घंटे तक चले इस कार्यक्रम के समापन पर अचीवर्स जंक्शन के निदेशक मनोज भावुक ने भावुक होकर कहा कि अपने पुरुखों को याद कर हम अपनी जड़ो से जुड़ते हैं। मॉरिशस में हमारी हीं जड़े हैं जो अब फूल खिला रहीं हैं। हमारी हीं धड़कने हैं जो हमसे छह हज़ार किलोमीटर की दूरी पर धड़क रहीं हैं. हम एक थे, हम एक हैं, हम एक रहेंगे। हिमांशु सिंह के टेक्निकल निर्देशन में आयोजित इस लाइव वर्चुअल समारोह को दुनिया के तमाम देशों से दर्शक ने अपना भरपूर प्यार देकर वायरल कर दिया।

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