प्रियंका गांधी भी पटना की रैली में रहतीं, अगर यह मजबूरी न होती

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पटना। बिहार के कांग्रेसियों की मुराद पूरी होते-होते रह गयी। प्रियंका गांधी भी राहुल के साथ 3 फरवरी की पटना के गैंधी मैदान रैली में उपस्थित रहतीं। कांग्रेस में आने के बाद उनकी यह पहली सार्वजनिक रैली होती। राहुल के साथ प्रियंका की उपस्थिति से बिन बुलाये भीड़ आ जाती। अफसोस इस बात का है कि वह फिलवक्त अमेरिका में हैं। वह अपनी बेटी के इलाज के सिलसिले में अमेरिका गयी हैं। बिहार प्रदेश कांग्रेस के भरोसेमंद सूत्र ने यह जानकारी दी। रैली में एक लाख से अधिक की भीड़ जुटने की उम्मीद है। विधायकों के जिम्मे न्यूनतम 60 हजार लोगों को जुटाने का लक्ष्य है।

कांग्रेस गांधी मैदान की रैली को सफल बनाने के लिए जी-जान से जुटी है। तकरीबन तीन दशक बाद कांग्रेस अपने बूते रैली कर रही है। पार्टी की ओर से महागठबंधन के तमाम दलों को न्योता भेजा गया है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने तो रैली में शामिल होने की हामी भी भर दी है। उन्हें राहुल के साथ मंच पर बिठाने का बंदोबस्त पार्टी ने किया है। यह अलग बात है कि राजद ने कांग्रेस की इस रैली में अपने लोगों को बुलाने की खुद कोई पहल नहीं की है।

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कांग्रेस की बिहार प्रदेश इकाई के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि एक लाख से अधिक लोग रैली में शामिल होंगे। रैली को जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव और मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह का समर्थन हासिल है। दोनों की ओर से रैली में भीड़ जुटाने की अपील भी की गयी है। कांग्रेस अपने दम पर एक लाख लोगों को जुटाना चाहती है। समर्थक दलों की अपील पर जो भीड़ आयेगी, वह अतिरिक्त होगी।

पार्टी के बिहार में 30 विधायक हैं। सबको अपने-अपने क्षेत्र से कम से कम दो हजार लोगों को लाने का टास्क दिया गया है। यानी विधायकों के जिम्मे न्यूनतम 60 हजार लोगों को जुटाने का लक्ष्य है। प्रदेश अध्यक्षों को अलग से जिम्मेवारी सौंपी गयी है। यानी 38 जिलाध्यक्षों से 50 हजार लोगों को जुटाने की उम्मीद प्रदेश नेतृत्व को है। यही वजह है कि कांग्रेस भारी भीड़ की उम्मीद कर रही है।

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