झारखंड में अब 6-5-1 के फार्मूले पर बनेगा मंत्रिमंडल

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दिल्ली में सोनिया-राहुल की मौजूदगी में झाविमो के टिकट पर जीते विधायक प्रदीप यादव व बंधु तिर्की ने कांग्रेस का दामन थामा
दिल्ली में सोनिया-राहुल की मौजूदगी में झाविमो के टिकट पर जीते विधायक प्रदीप यादव व बंधु तिर्की ने कांग्रेस का दामन थामा

RANCHI : झारखंड में अब 6-5-1 के फार्मूले पर बनेगा मंत्रिमंडल। यानी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत JMM के 6, कांग्रेस के 5 और RJD का एक सदस्य होंगे। झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर जीते दो विधायकों बंधु तिर्की और प्रदीप यादव के कांग्रेस  में शामिल हो जाने के बाद यह स्थिति पैदा हुई है। यही वजह रही कि हेमंत सोरेन ने राज्यपाल से मिल कर आज होने वाले नये मंत्कियों के शपथ ग्रहण को टालने का राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से अनुरोध किया।

हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल का प्रस्तावित विस्तार रोकने के पीछे जो तर्क दिया, उसमें बताया गया कि पश्चिम सिंहभूम जिले में जो नरसंहार हुआ है, उससे वह काफी व्यथित हैं और ऐसे में शपथ ग्रहण शोभा नहीं देगा। लेकिन इसके पीछ की असल कहानी प्रदीप और बंधु के कांग्रेस में शामिल होने की खबर थी। दोनों कल दिल्ली में राहुल गांधी और सोनिया से मिल कर कांग्रेस में शामिल हो गए।

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इस एक घटना ने झारखंड में जहां बाबूलाल मरांडी के भाजपा में जाने की राह आसान कर दी और जेवीएम के भाजपा में विलय की मुश्किलें खत्म कर दीं, वही कैबिनेट में मंत्री पद की कांग्रेस की मांग को पुख्ता कर दिया। सब कुछ पहले जैसा रहता तो आज दोपहर मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाता। लेकिन प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने दिल्ली में सोनिया और राहुल की मौजूदगी में कांग्रेस का दामन तब थामा, जब सोनिया-राहुल से मिल कर हैमंत सोरेन एक दिन पहले ही दिल्ली से लौटे थे और मंत्रिमंडल विस्तार के लिए राज्यपाल से शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी का आग्रह किया। दो विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद कांग्रेस विधायकों की संख्या अब 18 हो गयी है, इसलिए पहले से निर्धारित बर्थ आवंटन के बने बनाये प्लान पर तत्काल विराम लगाना पड़ा।

कांग्रेस पहले से ही 12 सदस्यीय मंत्रिमंडल में 5 बर्थ की मांग कर रही थी, जबकि हेमंत सोरेन ने संख्या बल के आधार पर एक फार्मूला तैयार किया था। इसमें चार सदस्यों पर एक मंत्री पद देने की बात थी। आखिरकार कांग्रेस उनके दिल्ली दौरे के वक्त उनकी शर्ते मान गई थी और आज कांग्रेस के दो और विधायक मंत्री पद की शपथ लेते। 4 विधायकों पर एक पद के हिसाब से कांग्रेस कोटे में 4 मंत्री पद मिलने थे। दो तो पहले ही शपथ ले चुके हैं और दो को आज शपथ लेनी थी। शपथ ग्रहण की सूचना भी सीएम ने राजभवन को दे दी थी और वहां तैयारियां चल रही थीं।

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रुवार को झाविमो से निष्कासित विधायक बंधु तिर्की और निष्कासन की ओर बढ़ रहे प्रदीप यादव ने दिल्ली पहुंचकर सारा खेल बिगाड़ दिया। अंततः हेमंत सोरेन को राजभवन जाकर शपथ ग्रहण समारोह टालने का आग्रह करना पड़ा। कहा तो यह गया कि पश्चिमी सिंहभूम जिले में 7 लोगों की नृशंस हत्या के कारण मुख्यमंत्री इतना व्यथित हैं कि वे आज शपथ ग्रहण समारोह के पक्ष में नहीं हैं। लेकिन हकीकत कुछ और थी।

अब आगे क्या ?

झारखंड विकास मोर्चा के लिए भारतीय जनता पार्टी में विलय की राह अब आसान हो गई है। बाबूलाल मरांडी के भाजपा में जाने की राह में अब कोई रोड़ा नहीं बचा है। समझा जाता है कि इसी हफ्ते के आखिर तक या फिर अगले हफ्ते के आरंभ में झाविमो का भाजपा में विलय हो जाएगा। हेमंत सोरेन सरकार के लिए अब मुश्किल यह होगी कि उन्हें कांग्रेस की मांग के अनुरूप मंत्री परिषद में 5 बर्थ देने पड़ सकते हैं। इसलिए कि पहले कांग्रेस सदस्यों की संख्या विधानसभा में 16 थी और अब पढ़कर या 18 हो गई है। हेमंत को झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए निर्धारित मंत्री पदों में कम से कम एक की कटौती करनी पड़ सकती है। कांग्रेस के दो मंत्री पहले ही शपथ ले चुके हैं और उम्मीद है कि अब दो की बजाय तीन और मंत्री शपथ लेंगे। बाकी सात मंत्रिमंडलीय सदस्यों में एक राजद के खाते में गया है। यानी 6 सीटों पर झामुमो को काम चलाना पड़ेगा। झामुमो को अब अपने सदस्यों को समझाना पड़ेगा और मंत्रियों के चयन में अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी।

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