रांची में लालू से मिले तेजस्वी संग सन आफ मल्लाह व कुशवाहा

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  • राणा अमरेश सिंह

रांची। जैसे-जैसे फिंजा का पारा गिर रहा है, वैसे-वैसे बिहार महागठबंधन के घटक दलों का पारा चढ़ रहा है। लालू यादव के अघोषित उत्तराधिकारी व पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शुक्रवार की शाम सन आफ मल्लाह के नाम से मशहूर मुकेश सहनी को लेकर रांची के लिए रवाना हुए। दोनों वहां रिम्स में भर्ती सजायाफ्ता व राजद सुप्रीमो लालू यादव से मिलेंगे। शनिवार के दिन जेल मैन्युल के अनुसार तीन मुलकाती ही मिल सकते हैं। समझा जाता है कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग की दिशा में राजद की नजर में कांग्रेस के बाद मुकेश सहनी की अहमियत बढ़ी है। इस खबर से महागठबंधन के अन्य घटक दलों में बेचैनी बढ़ी है। उपेंद्र कुशवाहा भी लालू से मिलने पहुंचे हैं।

मुंबई में फिल्मी सेट बनाने का कारोबार करने वाले मुकेश सहनी के महागठबंधन में आने से राजद का हौसला बढ़ा है। मुकेश सहनी की जाति मल्लाह दरभंगा, सहरसा, सुपौल समेत एक दर्जन से अधिक सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाती है। बीस साल से मल्लाह जाति का वोट एकतरफा मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार के पक्ष में गिरता रहा है। नीतीश कुमार के इस जनाधार को तोड़ने की दिशा में मुकेश सहनी मुख्य भूमिका में देखे जा रहे हैं। मुकेश सहनी ने राजद से दरभंगा के अलावा एक और सीट की मांग की है।

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राजग में सीट शेयरिंग के बाद महागठबंधन के मुखिया होने के कारण राजद पर घटक दलों का दबाव अधिक बढ़ गया है। वहीं, लालू यादव ने सीट शेयरिंग फार्मूले को  14 जनवरी ’19 के बाद घोपणा करने का आश्वासन दिया है। जाहिर है कि राहुल गांधी ने बिहार महागठबंधन के बड़े घटक राजद को सीट शेयरिंग का अधिकार सौंपा है।  रिम्स में लालू यादव से कांग्रेस के शकील अहमद के बाद मुकेश सहनी मिलनेवाले दूसरे घटक दल के नेता है। इससे महागठबंधन में मुकेश की अहमियत का अंदाजा लगाया जा सकता है।

राजद सूत्रों ने बताया, रालोसपा मुखिया उपेंद्र कुशवाहा की अपेक्षा  मुकेश सहनी पर लालू यादव परिवार को अधिक यकीन है। मुकेश सहनी मल्लाह जाति के बीच काफी मशहूर हैं। मल्लाह जाति के हजारों युवक उनके फैन हैं। उन्होंने बताया कि मुकेश सहनी के सात वर्षों के निरंतर आंदोलन के कारण केंद्र सरकार ने मल्लाह जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा दिया है। सहनी अपने समाज की जमात का वोट महागठबंधन प्रत्याशियों के पक्ष में गिराने का जरिया बन सकते हैं।

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वहीं, उपेंद्र कुशवाहा ऐसा नहीं कर पाते हैं। उपेंद्र कुशवाहा के प्रभाव क्षेत्र का दायरा मुकेश सहनी से कम है। मुकेश सहनी बिहार की कुल जनसंख्या के 14 फीसदी मल्लाहों के नेता होने का दावा करते हैं। पिछले दो चुनावों में मुकेश सहनी ने राजग के पक्ष में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ प्रचार किया था।

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