बिहार में 13 साल में 5 गुनी बढ़ गई है दूध की सप्लाईः नीतीश

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मुख्यमंत्री ने कहा- हमारी कोशिश है कि बिहार दुग्ध उत्पादन में टाप 3 में शामिल हो

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 47वें डेयरी इंडस्ट्री कॉन्फ्रेंस 2019 का उद्घाटन करते हुए कहा कि बिहार की 89 प्रतिशत आबादी गांवों में निवास करती है। इसमें 76 प्रतिशत लोग आजीविका के लिए आज भी कृषि पर निर्भर हैं। कृषि के साथ-साथ डेयरी, फिशरीज को अपनी आजीविका का साधन बना रहे हैं। गांवों के अंदर पक्की गली-नाली का निर्माण का काम किया जा रहा है। गांवों की सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। इंडियन डेयरी एसोसिएशन ने ईस्टर्न जोन में दुग्ध उत्पादन में बिहार को सबसे अव्वल बताया है। हमारा उद्देश्य है जल्द से जल्द देश के प्रथम तीन स्थानों में दुग्ध उत्पादन में बिहार का नाम शामिल हो। उन्होंने इंडियन डेयरी एसोसिएशन से निवेदन किया कि ईस्टर्न जोन का हेडक्वार्टर बिहार को बनाया जाए, जिससे ज्यादा से ज्यादा एक्टिविटी डेयरी के क्षेत्र में यहां हो सके। इससे बिहार के लोगों में आत्मविश्वास बढ़ेगा। कुरियन साहब के योगदान से जो यहां डेयरी के क्षेत्र में काम शुरु हुआ, वह इंडियन डेयरी एसोसिएशन के सहयोग से और आगे बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि पटना में जब डेयरी प्रोजेक्ट बना तो उस समय श्वेत क्रांति के जनक डॉ कुरियन साहब से भी सहयोग लिया गया। वर्ष 2005 में जहां कॉम्फेड के द्वारा 4 लाख लीटर दूध प्रतिदिन सप्लाई किया जाता था, दिसंबर 2018 तक यह बढ़ कर 20.46 लाख लीटर प्रतिदिन हो गया है। उन्होंने कहा कि मिल्क पाउडर के निर्माण के लिए बिहारशरीफ में ही एक केंद्र को स्थापित किया गया है। यहां 22 हजार 700 दुग्ध सहकारी सोसाइटी हैं, जिनसे 12 लाख लोग जुड़े हुए हैं। इसमें ढाई लाख महिलाएं हैं। हम लोगों का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक इस कार्य से महिलाएं जुड़ें। इंडियन डेयरी एसोसिएशन, नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड, नेशनल डेयरी डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीच्यूट करनाल, इन सभी संस्थाओं से मेंरा निवेदन है कि लोगों की आमदनी कैसे बढ़े, इस पर काम किया जाए। इस कॉन्फ्रेंस का लक्ष्य भी यही है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2008 में पहला कृषि रोड मैप बनाया गया, वर्ष 2012-17 में दूसरा कृषि रोड मैप और वर्ष 2017 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी द्वारा तीसरे कृषि रोड मैप की शुरुआत की गई। कृषि रोड मैप में कृषि के साथ-साथ बिजली, सड़क एवं अन्य चीजों के विकास के लिए योजनाएं बनायी गई हैं और उस पर काम किया जा रहा है। बिहार में बेहतर यातायात के लिए अच्छी सड़कें और पुल-पुलियों का निर्माण किया गया है। गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ा गया है। गांवों के अंदर पक्की गली-नाली का निर्माण किया जा रहा है। हर घर तक नल का जल उपलब्ध कराने के लिए काम किया जा रहा है। हर घर तक बिजली पहुंच गई है। इन सब चीजों से गांवों में रहने वाले लोगों को अपने कारोबार में सहूलियत हो रही है। हम लोगों का उद्देश्य है कि किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्य पालन भी बेहतर ढंग से करें, ताकि उनकी आमदनी बढ़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संकट के कारण जलवायु परिवर्तन हो रहा है। जहां पहले बिहार में 12 सौ से 15 सौ मिमी बारिश होती थी, पिछले 13 वर्षों से यहां औसत वर्षा 800 मिमी से थोड़ी अधिक हो रही है। हालांकि पर्यावरण को नष्ट करने में बिहार के लोगों की भूमिका नहीं है, लेकिन दुनिया में पर्यावरण से छेड़छाड़ का दुष्प्रभाव हमें भी भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए क्रॉप साइकिल के लिए यहां अनुसंधान हो रहा है।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण के दृष्टिकोण से ऑर्गेनिक खेती बेहतर है। ऑर्गेनिक खेती के लिए बॉयो फर्टिलाइजर एवं बॉयो पेस्टिसाइड्स के लिए गाय के गोबर और गोमूत्र की काफी उपयोगिता है। किसानों को अगर प्रेरित किया जाए तो दूध से जितनी आमदनी होती है, उससे दोगुनी आमदनी गाय के मूत्र और गाय के गोबर के उपयोग से होगी। बिहार में पशु विज्ञान  विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है और यहां पर पशु विज्ञान केंद्र बनाने के लिए काम किया जा रहा है। इसके द्वारा पशुपालन से जुड़ी जानकारी लोगों को मिलेगी, जिससे पशु संरक्षण और उसकी उपयोगिता बढ़ाने के लिए किसान प्रेरित होंगे।

उन्होंने कहा कि बिहार में ऑगेर्निक फॉर्मिंग के द्वारा आलू और फूलगोभी का साइज और उसकी क्वालिटी दोनों की प्रशंसा पहले की जा चुकी है। अमेरिका के नॉबेल पुरस्कार विजेता जोसेफ इंस्टुंग्लेट ने बिहारशरीफ के एक किसान द्वारा की जा रही जैविक खेती को देखा था और वहां के उत्पाद को देख कर वह काफी प्रभावित हुए। तब उन्होंने कहा था कि बिहार के किसान कृषि वैज्ञानिकों से ज्यादा समझदार हैं।

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मुख्यमंत्री ने डेयरी के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए पैट्रॉन अवार्ड, फेलोशीप अवार्ड, बेस्ट वुमेन डेयरी इंटरप्रेन्योरशिप अवार्ड एवं क्वालिटी मार्क अवार्ड से लोगों को सम्मानित किया। कार्यक्रम के पश्चात ज्ञान भवन के निचले तल्ले में डेयरी से संबंधित लगायी गयी प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री ने उद्घाटन कर उसका अवलोकन किया। कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस, इंडियन डेयरी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ जीएस राजौरिया, चेयरमैन एनडीडीबी, आनंद, दिलीप रथ, चेयरमैन आईडीए ईस्टर्न जोन डॉ रघु चटोपाध्याय ने भी संबाेधित किया।

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