मेक इन इंडिया से भारत बन रहा आर्थिक महाशक्तिः भाजपा

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पटना। स्वदेशी विनिर्माण क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गयी मेक इन इंडिया योजना भारत के विकास दिशा में उठा एक महत्वपूर्ण कदम है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक श्री राजीव रंजन ने कहा कि आज केंद्र सरकार की कुशल नीतियों की बदौलत भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। इस उपलब्धि को हासिल करने में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू किए गए ‘मेक इन इंडिया’ कैंपेन का काफी बड़ा योगदान है। यह मेक इन इंडिया की ही देन है कि आज भारत पूरी दुनिया में एक मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर उभर रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा इस कार्यक्रम की घोषणा के बाद से देश के अनेक क्षेत्रों में निर्माण अब भारत में ही होने लगा है। रक्षा, तकनीक, इलेक्ट्रॉनिक, ऑटो-मोबाइल समेत सभी क्षेत्रों की बड़ी कंपनियों ने पिछले चार सालों में भारत में बड़ी मात्रा में निवेश किया है। ग्राहकों की संख्या के हिसाब से तो भारत एक बड़ा बाजार पहले भी था, लेकिन अब निर्माण के क्षेत्र में भी भारत अपनी भूमिका मजबूत कर रहा है। आज भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा स्टील निर्माता है। वहीं कई बड़े देशों को पीछे छोड़ आज भारत चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता भी बन चुका है।

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इसके अलावा बिजली के निर्माण में भी आगे बढ़ते हुए भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर काबिज हो चुका है। इस पहल के अंतर्गत आज नोकिया, एलजी और सैमसंग जैसी कंपनियां भी भारत में अपने उत्पादों का निर्माण शुरू कर चुकी है, वहीं शाओमी भी भारत में अपने 3 वेयरहाउस का निर्माण शुरू कर चुकी है। इन मोबाइल परियोजनाओं से आज लाखों लोगों को आजीविका मिल रही है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि याद करें तो मेक इन इण्डिया पहल के अंतर्गत प्रधानमन्त्री जी ने मिसाइल, गोला-बारूद, टैंक आदि निर्मित करने के लिए विदेशी कंपनियों के बजाय स्वदेशी कंपनियों को तरजीह देने के निर्देश दिए थे।  आज ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए रक्षा मंत्रालय ने एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत की है। यह पैसा पिछले दो वर्षों में छह एयर डिफेंस और एंटी टैंक मिसाइल प्रोजेक्ट को किसी विदेशी कंपनी के बजाय स्वदेशी डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) को देने की वजह से बचा है। सिर्फ यही प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि रक्षा मंत्रालय की तमाम ऐसी परियोजनाएं हैं, जिन्हें स्वदेशी कंपनियों को दिया गया है और आने वाले दिनों में इनसे करोड़ों रुपये की बचत होगी। हकीकत में मेक इन इंडिया भारत को भविष्य की आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।

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