कन्हैया कुमार ने की आन लाइन चंदे की अपील, खाते में आये 30 लाख

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8 अप्रैल को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे, प्रचार के लिए हार्दिक पटेल व जिग्नेश मेवाणी 

बेगूसराय। कन्हैया कुमार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के टिकट पर बिहार के बेगूसराय से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने चुनाव खर्च जुटाने के लिए नायाब तरीका अपनाया है। उन्होंने अपनी एक वीडियो क्लिप जारी कर लोगों से आर्थिक मदद की अपील की है। सूचना के मुताबिक अपील के 30 घंटे के भीतर उनके खाते में 30 लाख रुपये आ गये है। वे 8 अप्रैल को नामांकन करेंगे।

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कन्हैया कुमार जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष हैं। वैसे वे हैं भाकपा के उम्मीदवार, लेकिन सभी वाम दलों ने उनका समर्थन किया है। नामांकन का पर्चा दाखिल करने के बाद उनके प्रचार के लिए हार्दिक पटेल भी बेगूसराय आएंगे। कन्हैया के करीबी सूत्रों ने बताया कि हार्दिक के अलावा देशभर से नेता, अभिनेता और बुद्धिजीवियों का जुटान कन्हैया के प्रचार के लिए होना है।

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बिहार में राजद के नेतृत्व में बने महागठबंधन में वाम दलों को शामिल करने की पहल हुई थी। लेकिन राजद बेगूसराय सीट कन्हैया के लिए छोड़ने के लिए तैयार नहीं था। आखिरकार पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार घोषित कर दिया। उनका मुकाबला भाजपा के गिरिराज सिंह और राजद के प्रत्याशी से होगा। राजद ने इस सीट को छोड़ने से इसलिए मना कर दिया था कि पिछले 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद राजद का उम्मीदवार लगभग 60 हजार वोटों से पीछे रह गया था। राजद को उम्मीद है कि इस बार मोदी लहर नहीं है, इसलिए उसका उम्मीदवार निकल सकता है।

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कन्हैया और गिरिराज एक ही जाति के हैं, इसलिए जाति के आधार पर वोटों का बंटवारा हो गया तो राजद की मंशा पूरी हो सकती है, लेकिन इतना तो तय है कि टक्कर कांटे की होगी। गिरिराज सिंह पिछला चुनाव भाजपा के टिकट पर नवादा से जीते थे। इस बार पार्टी ने उन्हें बेगूसराय सीट दी है। पहले तो उन्होंने पार्टी के प्रांतीय नेतृत्व के प्रति इस पर नाराजगी जतायी, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कहने पर वह बेगूसराय से उतरने के लिए तैयार हो गये हैं।

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कन्हैया ने पहले योजना बनायी थी कि एक वोट के एक रुपया पब्लिक से लेंगे। लेकिन नयी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने आन लाइन सहयोग मांगा। उनका यह प्रयोग कारगर रहा। पहले 30 घंटे में ही उनके खाते में 30 लाख रुपये जमा होने की खबर है। 33 दिनों के चंदा बटोरो अभियान के तहत उन्होंने 70 लाख रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है, लेकिन आन लाइन चंदे की आवक की रफ्तार बताती है कि यह रकम करोड़ रुपये से ऊपर जा सकती है।

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