ब्रिटेन, जर्मनी को पछाड़ दुनिया का चौथा धनी देश बन जाएगा भारत

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पटना। केंद्र सरकार द्वारा पिछले चार वर्षों में किए गए विकास कार्यों से पूरी दुनिया में भारत का मान-सम्मान बढ़ने की बात कहते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक श्री राजीव रंजन ने कहा कि विगत चार वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा किए गए अभूतपूर्व विकास कार्यों के कारण आज भारत की साख पूरे विश्व में मजबूत हुई है। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में आज देश ना सिर्फ पूरी रफ्तार, बल्कि सही दिशा में भी निरंतर आगे बढ़ रहा है, जिसका सबसे बड़ा सबूत विश्वस्तर पर देश द्वारा अर्जित की जा रही उपलब्धियां हैं। अगर देश इसी रफ्तार से प्रगति करता रहा तो 2027 तक भारतब्रिटेन और जर्मनी को पछाड़ दुनिया का चौथा सबसे धनी देश बन जाएगा।

उन्होंने कहा कि यह अनायास नहीं है कि आज भारत 8,230 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ विश्व का छठा सबसे धनी देश बन चुका है। अफ्रएशिया बैंक की वैश्विक संपत्ति पलायन समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार अगर देश इसी रफ्तार से प्रगति करता रहा तो 2027 तक भारतब्रिटेन और जर्मनी को पछाड़ दुनिया का चौथा सबसे धनी देश बन जाएगा। इसके अलावा मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से भारतटॉप 10 की सूची में दुनिया का 8वां सबसे बड़ा बाजार बन गया है। दरअसल भारतीय शेयर बाजार में आई जबरदस्त तेजी का दौर मार्केट कैपिटलाइजेशन की रैंकिंग में लगातार बड़े बदलाव कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारतीय शेयर बाजार ने अपने मार्केट कैपिटलाइजेशन में आई 49 % की तेजी के चलते कनाडा को पीछे छोड़कर यह स्थान बनाया है। 

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उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों को आज जनता भी समझ रही है और सरकार का साथ दे रही है। यही वजह है कि विश्व आर्थिक मंच (WEF) के एक सर्वे में प्रधानमंत्री मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार को दुनिया की तीसरी सबसे भरोसेमंद सरकार बताया गया है। सर्वे के अनुसार देश में भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम और टैक्स सुधारों के कारण मौजूदा सरकार में भरोसा बढ़ा है।

श्री रंजन ने आगे कहा कि यह पिछले चार वर्षों में केंद्र द्वारा किए गए कार्यों का ही नतीजा है कि आज भारत कई मामलों में चीन को कड़ी टक्कर दे रहा है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस 2018 की रिपोर्ट ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत उद्योग जगत को एक बेहतर माहौल देने में अभी चीन से होड़ में है। इस रिपोर्ट में चीन को समग्र तौर पर 78वां स्थान दिया गया है, जबकि भारत का स्थान सौवां है। वहीं कर अदायगी के मामले में भारत का स्थान 119वां है, जबकि चीन को 130वां स्थान मिला है। छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के मामले में भारत को चौथा स्थान दिया गया है, जबकि चीन का स्थान 119वां है। इसके अलावा कर्ज लेने के मामले में भारत को 29वेंजबकि चीन को 68वें स्थान पर रखा गया है। बिजली कनेक्शन लेने के मामले में भी चीन से बेहतर स्थिति भारत की है। केंद्र की प्रतिबद्धता से आज भारत न्यू इंडिया की राह पर तेजी से दौड़ रहा है।

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