कांग्रेस का प्लान B, वैकल्पिक अवसर पर कर रही मंथन

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  • राणा अमरेश सिंह

नयी दिल्ली। साल 2019 की लड़ाई को लेकर कांग्रेस वह हर पैंतरा अपना रही है, जिससे भाजपा को बहुमत न मिलने पर सरकार बनाने से रोका जा सके। मोदी अपराजेय हैं- की धारणा को राहुल गांधी ने तीन विधान सभा चुनावों के नतीजों से करारा झटका दिया है। विधान सभा चुनावी नतीजों से उत्साहित कांग्रेस लोकसभा चुनाव के बाद की संभावनाओं को लेकर योजना बना रही है। इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी से सलाह-मशविरा कर के तीसरे मोर्चे के नेताओं के संपर्क साध रहे हैं, ताकि त्रिशंकु लोकसभा की स्थिति में इसको कैश किया जा सके। कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण सामारोह से ममता, मायावती और अखिलेश यादव की दूरी ने पार्टी के रणनीतिकारों को वैकल्पिक अवसर के प्रति सचेत किया है।

कांग्रेस की नजर खासकर वैसे दलों पर है, जो भाजपा और कांग्रेस से दूरी बना कर चुनावी समर में असरदार साबित हो सकते हैं। कांग्रेस राजग के उन घटक दलों के भी संपर्क में है, जो राम मंदिर के मुद्दे पर भाजपा से असहमत हैं, ताकि राजग को बहुमत नहीं मिलने पर

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धर्मनिरपेक्षता की आड़ में अपनी ओर खींचा जा सके। महागठबंधन की कमजोरी का लाभ राजग के घटक दलों को न मिले, इसके लिए भी कांग्रेस सावधान है।

पिछले दिनों लोजपा संसदीय दल के नेता चिराग पासवान ने राहुल गांधी की प्रशंसा की थी। राहुल गांधी की तारीफ के पीछे चिराग पाहवान का भाजपा से अधिकाधिक सीट हथियाने की रणनीति अवश्य थी, लेकिन पासवान का राहुल और तेजस्वी यादव के संपर्क में रहने के कारणों पर कयास भी लगाया जा सकता है।

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दिल्ली में पिछले दिनों संसद की एनेक्सी में चंद्रबाबू नायडू ने विपक्षी दलों का सम्मेलन किया था। दीगर बात है कि नायडू एक साल से तीसरे मोर्चे के गठन में मशगूल हैं। खबर है कि इस बैठक में ममता, अखिलेश, केजरीवाल के प्रतिनिधियों के अलावा अन्य दलों के भी सांसदों ने शिरकत की थी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बैठक के पीछे सोनिया गांधी के खासमखास समझे जानेवाले अहमद पटेल का हाथ था। चूंकि संसद की एनेक्सी हाल की बुकिंग अहमद पटेल ने कराई थी इसलिए किराए और चाय-पानी का भुगतान भी कांग्रेस खाते से किया गया। इस इवेंट का आयोजन राहुल गांधी की सलाह से अहमद पटेल ने अन्य गैर-भाजपा और गैर कांग्रेसी दलों की तुलना में सहज समझे जानेवाले नायडू से करवाया था।

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