चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना ने बनाये 402 इलेक्ट्रिक इंजन

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चित्तरंजन रेल खारखाने में बने इंजन के साथ कर्मी-अधिकारी
चित्तरंजन रेल खारखाने में बने इंजन के साथ कर्मी-अधिकारी

विश्व में रेल इंजनों का सबसे बड़ा निर्माताबना, रेल इंजन निर्माताओं के “एलिट क्लब” में शामिल

चित्तरंजन (पश्चिम बंगाल)। चित्तरंजन रेल कारखाना (चिरेका) ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में 402 रेल इंजनों का रिकॉर्ड उत्पादन किया है। इसके साथ ही चिरेका सबसे बड़ा निर्माता बन गया है। इसके साथ ही यह रेल रेल इंजन निर्माताओं के एलिट क्लब में शामिल हो गया है।

विगत वित्तीय वर्ष 2017-18 में चिरेका ने 350 रेल इंजनों का उत्पादन किया था। उत्पादन में 15% की इस बढ़ोत्तरी से रेल इंजनों की लागत में 7.5% की कमी आई है। डब्ल्यूएजी-9 की यूनिट लागत 10 करोड़ से कुछ अधिक है।

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“मेक इन इंडिया” योजना के तहत चिरेका ने भारतीय रेल के “प्रथम” 9000 एचपी लोकोमोटिव का दिनांक 31.3.2019 को सफलतापूर्वक उत्पादन किया। इसके साथ ही भारतीय रेल 9000 एचपी रेल इंजनों का उत्पादन करने वाले “एलिट क्लब” में शामिल हो गया है।

प्रथम डब्ल्यूएजी-9 एचएच लोकोमोटिव (लोको सं.90001) को श्री घनश्याम सिंह, सदस्य कर्षण, रेलवे बोर्ड एवं श्री प्रवीण कुमार मिश्रा, महाप्रबंधक/चिरेका द्वारा 31.03.2019 को रवाना किया गया। इस रेल इंजन से उच्चत्तर बैलेंसिंग स्पीड पर बेहतर एक्सेलेरेशन द्वारा थ्रू-पुट को उन्नत करने में सुविधा होगी। इसके पूर्व, चिरेका की डानकुनी इकाई से वर्ष 2018-19 का आखिरी डब्ल्यूएजी-9 लोको सं. 32359 को रिमोट द्वारा रवाना किया गया।

इसके अतिरिक्त, चिरेका ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में विभिन्न परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूर्ण किया है। वे इस प्रकार हैः 1- एचओजी क्षमतायुक्त (कंपोजिट कन्वर्टर सहित) हाई स्पीड डब्ल्यूएपी-5 लोकोमोटिव, 2- एयरोडायनेमेकली डिजाइन्ड उच्च गति रेल इंजन, जिसकी गति क्षमता 200 कि.मी. प्रति घंटा है, 3- डब्ल्यूएजी-7 लोकोमोटिव का हाई स्पीड वर्जन (160 किमी. प्रति घंटा), 4- पुश-पुल तकनीकी की टेस्टिंग एवं प्रॉलिफेरेशन।

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