मुजफ्फरपुर दुष्कर्म में सीबीआई ने दाखिल किया चार्जशीट

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ब्रजेश ठाकुर की पत्नी और उसकी बेटी से ईडी करेगा पूछताछ

पटना। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में दुष्कर्म मामले के सभी आरोपियों के खिलाफ जांच एजेंसी सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दिया है। 21 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई है। ब्रजेश ठाकुर इस मामले का मुख्य आरोपी है।सीबीआई ने मामले में  चार्जशीट स्पेशल पॉस्को कोर्ट में दाखिल की है। इन सभी पर लड़कियों से दुष्कर्म करने में में सहयोग का मामला है। वहीं प्रर्वतन निदेशालय ने मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की पत्नी आशा ठाकुर 26 दिसंबर और बेटा राहुल आनंद को 24 दिसंबर को पेश होने के लिए सम्मन जारी किया है। दोनों से पटना के ईडी कार्ययालय में पूछताछ की जायेगी।

गौरतलब है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 12 दिसंबर को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया था कि मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में बच्चियों के साथ दुष्कर्म मामले में आरोप पत्र तैयार है। लेकिन, जांच एजेंसी चर्चा कर रही है कि एक समेकित आरोप पत्र दाखिल किया जाये या फिर प्रत्येक पीड़ित के मामले में अलग-अलग आरोप पत्र हो। इस दौरान कोर्ट ने  पूछा था कि आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 377 और पॉक्सो एक्ट के तहत अभी तक मामला दर्ज क्यों
नहीं किया गया? सीबीआई 28 जुलाई से बालिका गृह यौन उत्पीड़न कांड की जांच कर रही है। जेल में बंद तीन अभियुक्तों की 90 दिनों की समय-सीमा गुरुवार को पूरी हो रही थी।

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सीबीआई की ओर स्पेशल पास्को कोर्ट में दायर चार्जशीट को गोपनीय रखा गया है। इस मामले में इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने जेल में उसे यातनाएं देने का आरोप लगाया था। ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि पंजाब के पटियाला जेल में उसे यातनाएं दी जा रही हैं। इसके बाद कोर्ट ने एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया था और इस बोर्ड ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी। बोर्ड ने रिपोर्ट में बताया कि आरोपी ब्रजेश की जांच करने पर उसके शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं मिले हैं। ब्रजेश ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम को तोडे जाने के खिलाफ भी याचिका दायर किया था। कोर्ट ने इसे भी निरस्त कर दिया।

गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में रह रही 44 लड़कियों में 42 की मेडिकल जांच कराए जाने पर उनमें से 34 के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हो चुकी है। इस कांड में नेताओं की भागीदारी की बात भी सामने आई थी। इसी कांड में चर्चा में आने की वजह से मंजू वर्मा को समाज कल्याण मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

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