कविता अखबारी दायित्व नहीं निभाती जिससे उसे सामयिकता की कसौटी पर परखा जाय
कोर्ट भला कविता के रुप में दी गई गवाही मानता है क्या ?
रविकेश मिश्रा
पटना: कविता की गवाही भला कोर्ट क्यों माने ? कविता...
रवि यज्ञसेनी की 2 कविताएं- पापा अब परदेश न जाना/ अब ना जाओ दूर...
रवि यज्ञसेनी
पापा अब परदेश ना जाना
हम रूखा-सूखा खा लेंगे।
दूर हुए अपने गाँवो से,
दूर खेत-खलिहानों से,
दूर तीज-त्योहार हुए,
और बासंती मेलों से।
पापा मेरी फिक्र ना...
प्रफुल्ला मिंज की कविताएं…..
आज जिस कवि को हम आपके समक्ष लेकर आए हैं, उसकी कविताओं का रंग चाय के रंग में घुला हुआ है। उत्तर बंगाल के...