कविता अखबारी दायित्व नहीं निभाती जिससे उसे सामयिकता की कसौटी पर परखा जाय

कविता अखबारी दायित्व नहीं निभाती जिससे उसे सामयिकता की कसौटी पर परखा जाय

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कोर्ट भला कविता के रुप में दी गई गवाही मानता है क्या ? रविकेश मिश्रा पटना: कविता की गवाही भला कोर्ट क्यों माने ? कविता...

कुमार जगदलवी की कविता- लड़ो या मरो………

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कुमार जगदलवी सामने खतरा था मैं उससे लड़ सकता था मगर ज़ेहन ने कहा काहे को लड़ना लड़ने पर जोखिम है बेहतर है कि मैं रास्ता बदल लूं मैंने रास्ता बदल...

ओमप्रकाश अश्क की पांच कविताएं

समस्या है संगिनी समस्याओं का साथ मुझे रास आने लगा है। तभी तो मैंने इसे संगिनी स्वरूप स्वीकृति दे दी है। संज्ञा स्वरूप समस्याएं रोज साथ सोती हैं, जागती हैं,दुत्कारती तो...