नई तकनीक से परिवहन विभाग में पारदर्शिता आएगीः नीतीश

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पटना। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज रिमोट के माध्यम से ‘‘मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना’’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन विभाग को इस बात के लिए बधाई देता हूं कि 15 अगस्त को जिस योजना की घोषणा मेरे द्वारा कि गई थी, उसका क्रियान्वयन आज से प्रारंभ कर दिया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दो जिले- समस्तीपुर व  नालंदा  की एक-एक  ग्राम पंचायत  में  यह योजना  लागू  की  गई  है  और आज 9 लाभार्थियों को वाहन वितरित किये गये हैं। मुख्य सचिव मेरे द्वारा घोषित योजनाओं की सख्ती से मॉनिटरिंग कर रहे हैं, जिस कारण कम समय में ही इन योजनाओं का शुभारंभ किया जा सका है। नयी तकनीक के प्रयोग से परिवहन विभाग में ज्यादा पारदर्शिता से और तीव्र गति से काम होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 8 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायत है। एक ग्राम पंचायत में पांच वाहनों का वितरण किया जाएगा, यानि 40 हजार से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिलेगा। लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही आवागमन की सुविधा भी बढ़ेगी। परिवहन विभाग का दायरा बढ़ा है जिसके कारण उसकी जिम्मेवारी भी बढ़ी है। मुझे पूरी उम्मीद है कि परिवहन विभाग लोगों की आकांक्षा एवं अपेक्षा पर खरा उतरेगा।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना की शुरुआत बापू जयंती के दिन विभाग करना चाह रहा था, लेकिन मैंने कहा कि दूसरे दिन इस योजना की शुरुआत की जाए, ताकि लोगों को विस्तारपूर्वक इसके बारे में जानकारी मिल सके। बापू जयंती के दिन हम लोग मुख्यतः बापू के विचारों के बारे में ही बातें करते हैं। इस योजना की शुरुआत पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत वाहनों का परिचालन ग्राम पंचायत से प्रखंड मुख्यालय तक किए जाने हेतु प्रत्येक पंचायत के लिए 5 वाहनों की खरीद पर वाहन के खरीद मूल्य के 50 प्रतिशत तक की राशि अथवा अधिकतम एक लाख रूपये अनुदान स्वरूप परिवहन विभाग द्वारा भुगतान किया जाएगा। 5 लाभार्थियों में 3 अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के होंगे एवं दो लाभुक अत्यंत पिछड़ा वर्ग के होंगे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम जनप्रतिनिधि एवं केंद्र में मंत्री थे, उस समय भी लोगों से क्षेत्र में मिलने जाने के लिए काफी पैदल चलना पड़ता था। आप समझ सकते हैं कि उस समय राज्य में सड़क सुविधा की क्या हालत थी। वर्ष 2005 के बाद से सड़कों का निर्माण बड़े पैमाने पर किया गया। हर गांव को लगभग पक्की सड़क से जोड़ दिया गया है। टोला संपर्क योजना के तहत प्रत्येक टोला को पक्की सड़कों से जोड़ा जा रहा है। अच्छी सड़क बनने के बाद लोग पैदल कम चलना चाहते हैं। उसी को ध्यान में रखते हुए सुदूरवर्ती ग्रामीण लोगों को ब्लॉक तक जाने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है। 4 से 10 लोगों तक की क्षमता वाला यह वाहन होगा। अब सड़क निर्माण के साथ-साथ सड़कों के मेंटेनेंस के लिए सरकार ने नीति बनायी है। यह मेंटेनेंस पॉलिसी सभी ग्रामीण सड़कों पर भी लागू होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत वाहन के रूप में ई-रिक्शा को भी शामिल करना चाहिए। यह कम दूरी के लिए उपयुक्त है, साथ ही पर्यावरण के लिये भी अनुकूल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा चलायी जा रही सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत जीविका समूह के द्वारा वैसे परिवारों का सतत सर्वेक्षण कराया जा रहा है, जो हाशिए पर हैं और उन्हें किसी योजना की जानकारी भी नहीं है और उसका लाभ भी उन्हें नहीं मिल पा रहा है। जो गरीब परिवार शराब चुलायी के काम से जुड़े हुए थे, उनके वैकल्पिक रोजगार के लिए, साथ ही हाशिए पर खड़े वैसे परिवारों के लिए भी गो-पालन, ई-रिक्शा, दुकान का कारोबार आदि की व्यवस्था, जो उनके लिए सुविधाजनक हो की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय के लिए बस सेवा की शुरुआत की गई है। पटना में अनेक रुटों के लिए बस सेवा शुरु की गई है। गया में भी कुछ रुटों पर बस सेवा शुरू की गई हैं। परिवहन विभाग ने एक शहर से दूसरे शहर को जोड़ने के लिए बस सेवा की  शुरुआत की है। बस, यात्रियों की  सुविधाओं के अनुकूल है। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा नयी तकनीक के प्रयोग का लाभ आम जनता को देने के तहत ऑनलाइन वाहन परमिट सिटी बस सेवा के लिए मोबाइल एप्प, आर.टी.ए. का एक्सटेंशन वगैरह की शुरुआत की गई है। इससे वाहनों के निबंधन, खरीददारी में सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में वाहनों की बिक्री बढी है और देश में सबसे ज्यादा मोटरसाईकिल की बिक्री बिहार में होती है। लोगों की आमदनी बढ़ी है। शराबबंदी के बाद जो लोगों की बचत हुई है उसका उपयोग बेहतर जीवनशैली के लिए लोग कर रहे हैं। राज्य में विकेंद्रीकृत तरीके से कार्य कर विकास को गति दी जा रही है। जैसा कि परिवहन विभाग ने जानकारी  दी है  कि अगले  वर्ष  जुलाई  तक  बस  स्टैंड बनकर  तैयार  हो  जाएगा।  परिवहन विभाग अन्य जिलों के बस स्टैंड को भी ठीक करे। अपने सभी बस स्टैंड को भी सुविधायुक्त एवं आधुनिक बनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक बस स्टॉप का निर्माण हो  एवं  प्रत्येक  प्रखंड  मुख्यालय  में  मॉडल  बस  स्टैंड  का  निर्माण  कराया  जाए,  ताकि वाहन परिचालन में सहूलियत हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में परिचालन के क्षेत्र में दुर्घटना एक महत्वपूर्ण समस्या बनकर उभरी है। राज्य में शराबबंदी के बाद दुर्घटनाओं में कमी आयी है। अच्छी सड़कों के निर्माण के बाद वाहनों की संख्या बढ़ी है, तेज गति एवं लापरवाही  से  वाहन  चालन  के  कारण  भी  दुर्घटनाएं  होती  हैं।  लोग  जेबरा  क्रॉसिंग पर भी रुकना नहीं चाहते हैं, इसको सुनिश्चित करें।

हेलमेट का प्रयोग वाहन चालन के समय जरूर करना चाहिए। भारी वाहनों को सबसे बांयी तरफ चलनी चाहिए, लेकिन इन सब चीजों पर ध्यान नहीं दिया जाता है। परिवहन में संरक्षा के लिए राष्ट्रीय नीति बनायी गई है। साथ ही सड़क सुरक्षा के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमिटी बनायी गयी है जिसमें घनी आबादी क्षेत्रों में सड़क पार करने के लिए फूट ओवरब्रीज, अंडरग्राउंड पाथ आदि का निर्माण किया जाना है। यह इस तरह का बने कि सड़क को पार करने में दिव्यांगो एवं मवेशियों को किसी प्रकार की कठिनाई ना हो साथ कृषि कार्य से जुड़े हुये ग्रामीणों को कृषि संयंत्र एवं अन्य कृषि उत्पादों को ले जाने में सहूलियत हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों में अनुशासन एवं सामाजिक जागृति पैदा करने की जरुरत है ताकि सड़क सुरक्षा के प्रति लोग सचेत हों। चालक से लेकर सभी लोगों को यातायात के नियम का पालन करने के लिए जागरुक करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के साथ-साथ नई-नई चीजें उभरती हैं उसके लिए सतर्क रहने की जरुरत है। सिर्फ स्ट्रक्चर निर्माण कर लेने से काम पूरा नहीं होता, बल्कि उसके लिए वॉचफूल भी होने की जरुरत है। परिवहन विभाग इन सब चीजों पर नजर रखेगा।

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