संपूर्ण क्रांति के लिए जेपी ने पुलिस से जो कहा, वही अमेरिका में हो रहा

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संपूर्ण क्रांति का आह्वान करते जेपी ने भी पुलिस व सेना से कहा था कि वे असंवैधानिक आदेशों का उल्लंघन करें। तब उन्हें देशद्रोही कहा गया। आज वही अमेरिका में हो रहा है।
संपूर्ण क्रांति का आह्वान करते जेपी ने भी पुलिस व सेना से कहा था कि वे असंवैधानिक आदेशों का उल्लंघन करें। तब उन्हें देशद्रोही कहा गया। आज वही अमेरिका में हो रहा है।

संपूर्ण क्रांति का आह्वान करते जेपी ने भी पुलिस व सेना से कहा था कि वे असंवैधानिक आदेशों का उल्लंघन करें। तब उन्हें देशद्रोही कहा गया। आज वही अमेरिका में हो रहा है। संपूर्ण क्रांति दिवस को याद करते हुए वरिष्ठ पत्रकार विपेंद्र  का यह लेखः

  • विपेंद्र 
वरिष्ठ पत्रकार बिपेंद्र
वरिष्ठ पत्रकार बिपेंद्र

आज  पांच जून यानी संपूर्ण क्रांति दिवस है। और इस आलेख के साथ टंका अमेरिका की एक हालिया तसवीर है। आपके मन में, खासकर युवा पीढ़ी के मन में सवाल उठ सकता है, इस तसवीर का संपूर्ण क्रांति या जेपी से क्या लेना-देना।लेकिन मैंने संपूर्ण क्रांति दिवस को कुछ शब्दों में याद करने को सोचा तो यह तसवीर आँखों के सामने आ गई। अभी यह तसवीर वायरल जो हो रही!!

अमेरिका में  पुलिस के हाथों एक अश्वेत जॉर्ज फ़्लॉयड की मौत के बाद  यह पूरी दुनिया में लोकतंत्र की रक्षा की प्रतीकात्मक तसवीर बनी हुई है। तसवीर में अमेरिकी पुलिसकर्मी एक घुटना ज़मीन पर टेके पुलिसिया हिंसा के लिए माफी मांग रहे हैं। यूस्टन के पुलिस प्रमुख आर्ट एकावीडो ने राष्ट्रपति ट्रंप को ज़िम्मेदारी से बोलने की नसीहत भी दी है। पुलिस की इस नसीहत को लोकतंत्र के हित में माना जा रहा है।

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भारत के लोगों के लिए आज जेपी को याद करने का दिन है। बिहार आंदोलन या संपूर्ण क्रांति आंदोलन के दौरान पुलिसिया जुल्म चरम पर पहुँच गया था। उंस वक्त जेपी ने पुलिस और सेना से क्या कहा था, पुराने लोगों को याद होगा।जेपी ने पुलिस और सेना से असंवैधानिक एवं अनैतिक आदेशों को मानने से इनकार करने का आह्वान किया था। तत्कालीन सत्तासीन लोगों, उनके समर्थक दलों एवं इतिहासकारों ने जेपी के इस आह्वान को देशद्रोह बताया था। इन सबों ने मिलकर अगस्त क्रांति के नायक को देशद्रोही बताने की हिमाकत की थी। ऐसे नामी इतिहासकारों की  कतार है, जिन्होंने जेपी के इस आह्वान को देशद्रोह बताने वाली हेंकड़ी अपनी किताबों में कैद कर रखी है।

लेकिन आज!!  जेपी के उंस आह्वान के 45 वर्ष बाद अमेरिकी पुलिस वही काम तो कर रही। और पुलिस के इस काम की दुनिया भर में सराहना हो रही। लोग कह रहे ऐसी ही वजहों से तो लोकतंत्र बचा हुआ है। अमेरिकी पुलिस की कार्रवाई के पक्ष में आज वे लोग भी खड़े हैं, जिन्होंने जेपी के आह्वान के लिए उन्हें  देशद्रोही करार दिया था। ऐसे लोगों को नहीं पता कि हकीकत को किताबों या आरोपों में नहीं झुठलाया जा सकता। देशद्रोही या देशभक्त की पहचान वक्त खुद कर लेता है। आरोपों या कुछ लिख देने  से यह पहचान नहीं बनती।

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