भोजपुरिया रुपहले पर्दे पर रोहित राज की धमाकेदार इंट्री

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भेोजपुरिया रूपहले पर्दे के अभिनेता रोहित राज यादव
भेोजपुरिया रूपहले पर्दे के अभिनेता रोहित राज यादव

पटना। भोजपुरिया रुपहले पर्दे पर रोहित राज यादव की धमाकेदार इंट्री हुई है। पटना जिला के बिहटा के बेला गांव के निवासी हैं रोहित। रोहित ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत भोजपुरी फिल्म- धूम मचा ले राजा जी- से की थी। उसके बाद उनकी दूसरी  फिल्म- बल्लू लोहार- थी। इस हफ्ते प्रदर्शित हुई भोजपुरी फिल्म- ये इश्क बड़ा बेदर्दी है- में रोहित भोजपुरी की दो बड़ी हीरोइन गुंजन पंत और रानी चटर्जी के साथ कास्ट किए गए हैं।

बेला गांव के बृजलाला प्रसाद और शांति देवी के घर पुत्र रत्न के रूप में जन्मे रोहित बचपन से ही विद्रोही स्वभाव के रहे हैं। रोहित कहते हैं कि जब वह आठवीं क्लास में थे, तभी से उन्हें फिल्मों में काम करने का चस्का लगा। ग्रामीण परिवेश में होने के कारण कोई मार्गदर्शक नहीं था। उनके गांव के एक सज्जन रेडियो में काम करते थे। उन्होंने इन्हें रेडियो में काम दिलाने का प्रलोभन दिया। इसी लोभ में ये उनको  अपनी साइकिल के पीछे बैठा कर हफ्तों रेडियो स्टेशन का चक्कर लगाते रहे, लेकिन इन्हें कोई काम नहीं मिला।

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पढ़ाई चलती रही, लेकिन दिल में हीरो बनने की ललक कम न हुई। किसान पिता इन्हें डॉक्टर बनने के लिए प्रेरित करते थे, लेकिन रोहित ठान चुके थे कि इन्हें हीरो बनना है। मैट्रिक की परीक्षा पास की तो अखबारों में एक्टिंग का विज्ञापन देखकर परिजनों से पैसे की डिमांड की। दो दिनों तक भूख हड़ताल चली। मां शांति देवी इनके पक्ष में खड़ी हुईं तथा दो दिनों की भूख हड़ताल के बाद परिजनों से 9000 रुपए मिले।

सबसे पहले रोहित दिल्ली के फिल्म मेकर कंपनी के पास पहुंचे, जहां पर ₹3500  इंट्री फी के नाम पर ली गई। फिर से ₹10000 की मांग की गई। पैसे नहीं होने के कारण  वापस पटना आ गए। फिर मुंबई सुरेश शर्मा के यहां जा पहुंचे। वहां भी पैसा लेकर चलता कर दिया गया। अपने दम पर इन्होंने खुद के पैरों पर खड़ा होने की ठानी।

12वीं की पढ़ाई के दौरान  कांट्रैक्टर का काम करने के लिए दौड़ने लगे, लेकिन उम्र कम होने के कारण कॉन्ट्रैक्टर का काम नहीं मिला। उसके बाद वह प्रॉपर्टी डीलिंग के काम में लगे, जहां इनकी गाड़ी चल पड़ी।  पढ़ाई भी चलती रही। बीएस कॉलेज दानापुर से स्नातक किया। इसी बीच पैक्स के अध्यक्ष भी बने, लेकिन दिल में फिल्मों में काम करने का शौक कम नहीं हुआ। शादी हुई, दो बच्चे हुए, जिंदगी  की गाड़ी तेजी से सरपट भागने लगी।

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इसी बीच इन्होंने अपनी मां शांति देवी के नाम पर मां शांति इंटरटेनमेंट की स्थापना की तथा भोजपुरी फिल्म- ये इश्क बड़ा बेदर्दी है- का निर्माण किया। फिल्म बिहार के 27 सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में रोहित के दोनों बच्चों ने भी अपने अभिनय यात्रा की शुरुआत की है। रोहित कहते हैं कि नफा-नुकसान से परे उन्होंने दिल से दर्शकों के इंटरटेनमेंट के लिए फिल्म बनाई है। फिल्म दर्शकों को पसंद आ रही है।

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