बिहार के लोग अपनी लापरवाही से कोरोना की गिरफ्त में आये

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बिहार को आपदा प्रबंधन के लिए केंद्र से अगले पांच साल में 7,824 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। यह कहना है पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का।
बिहार को आपदा प्रबंधन के लिए केंद्र से अगले पांच साल में 7,824 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। यह कहना है पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का।

पटना। बिहार के लोग लापरवाही के कारण कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। बाहर से हवाई यात्रा कर घर लौटे लोगों से ही कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ा है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्विट कर कहा है कि बिहार के गरीब लोग भी अब हवाई यात्रा करते हैं। वे बैलगाड़ी और बस से सफर कर खाड़ी के देशों में रोजगार पाने नहीं जाते। इनमें से बड़ी संख्या में जो कोरोना संक्रमित लोग राज्य के विभिन्न जिलों में लौटे, उनकी लापरवाही से इस महामारी के विरुद्ध लड़ाई कमजोर हुई।

उन्होंने कहा कि इसी लापरवाही के कारण सीवान में एक ही परिवार के 23 लोग तथा मुंगेर में एक व्यक्ति के कारण 13 लोग संक्रमित हुए और पूरे इलाके को हॉटस्पॉट घोषित करना पड़ा। जो संक्रामक बीमारी न मजहब देखती है, न अमीरी-गरीबी, उससे निपटने में भी भेदभाव की ओछी राजनीति करने वाले दल इंसानियत के गुनहगार माने जाएंगे।

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उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से निपटने में टाटा, महिंद्रा, अम्बानी से लेकर बिल गेट्स तक ने खुल कर सरकार को बिहार दान दिया है। स्थानीय स्तर पर भी संपन्न लोग गरीबों के लिए हर प्रकार की मदद कर रहे हैं। उन्होंने नाम लिये बगैर लालू परिवार पर आरोप लगाया कि जिन लोगों ने सत्ता में आने पर करोड़ों रुपये की बेनामी सम्पत्ति बनायी, काम के बदले जमीन लिखवायी और जांच एजेंसियों को अपनी अकूत अमीरी का बिंदुवार ब्योरा नहीं दिया, वे इस मुश्किल दौर में अवैध तरीके से अर्जित संपत्ति का कुछ हिस्सा दान करने के बजाय सरकार और समाज के योगदान की अनदेखी कर रहे हैं। राजद-कांग्रेस ने अपने राज में गरीबी तो दूर नहीं की, परन्तु उद्योग-व्यापार करने वाले लोगों के खिलाफ भड़का कर लाखों लोगों का पलायन अवश्य कराया। ये लोग आज भी बांटने वाली मानसिकता से बयानबाजी कर रहे हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर 20 अप्रैल से लाकडाउन में रियायत देने के लिए जारी गाइडलाइन में मास्क न पहनने और इधर-उधर थूकने पर जहां सख्ती की गई है, वहीं ई-कामर्स, कुरियर सेवा, आइटी कंपनियों और होटल-लाज को कुछ शर्तों के साथ खोलने की छूट दी गई। इससे ठप पड़ी अर्थव्यवस्था वार्म-अप के लिए तैयार होगी। ग्रामीण इलाकों में भवन और सड़क निर्माण की छूट के साथ बढई, नल मिस्री, कार मैकेनिक, बिजली मिस्री जैसी सेवाओं को भी बहाल करने का निर्णय किया गया है। इससे जरूरी सेवाओं का दायरा बढ़ेगा, सप्लाई चेन मजबूत होगी और हुनरमंद कामगारों को बड़ी राहत मिलेगी।

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