पृथ्वी दिवस के अवसर पर ऑनलाइन हुए लोक कलाकार

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पृथ्वी दिवस के अवसर पर कई लोक कलाकार ऑनलाइन हुए। सबने लोकगीतों के माध्यम से पेड़ लगाने का संदेश दिया। नीतू कुमारी नवगीत ने भी संदेश दिये।
पृथ्वी दिवस के अवसर पर कई लोक कलाकार ऑनलाइन हुए। सबने लोकगीतों के माध्यम से पेड़ लगाने का संदेश दिया। नीतू कुमारी नवगीत ने भी संदेश दिये।

नीतू नवगीत ने लोकगीतों के माध्यम से दिया पेड़ लगाने का संदेश

पटना। पृथ्वी दिवस के अवसर पर कई लोक कलाकार ऑनलाइन हुए। सबने लोकगीतों के माध्यम से पेड़ लगाने का संदेश दिया। नीतू कुमारी नवगीत ने भी संदेश दिये। वैश्विक महामारी कोरोना के प्रकोप के चलते विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर जब कोई मंचीय कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ तो लोक कलाकारों ने सोशल मीडिया के प्लेटफार्म से लोगों को पृथ्वी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए गीतों के माध्यम से धरती को हरा-भरा बनाए रखने की अपील की।

लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने पृथ्वी दिवस के अवसर पर कहा कि वसुंधरा है तो हम हैं। इसीलिए हम धरती को मां भी कहते हैं। धरा की स्वच्छता और सुंदरता को बनाए रखना हर मनुष्य का कर्तव्य है। लॉक डाउन और गर्मी के चलते अभी पेड़ नहीं लगाए जा सकते हैं, लेकिन जैसे ही वर्षा ऋतु का प्रारंभ हो, हम सभी कम से कम एक पेड़ जरूर लगाएं और धरती को हरा- भरा बनाने में सहयोग करें।

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पृथ्वी दिवस के अवसर पर उन्होंने- जिस धरा पर हमने जनम लिया, उस धरा को स्वर्ग बनाएंगे; मिलकर पेड़ लगाएंगे हम, मिलकर पेड़ लगाएंगे/ मिलजुल के चलो ऐसा कुछ काम हम करें,दुख-दर्द आज पृथ्वी का मिलजुल के हम हरें/ पल में रुकेगी सांसे यदि हवा स्वच्छ ना रहे, तरसेंगे बूंद-बूंद को जो सारे पेड़ कट गए और है नमन तुझको पृथ्वी, तुम करती हो प्रेम की वृष्टि, पंचतत्व के योगदान से बनती है सारी सृष्टि जैसे गीतों के माध्यम से लोगों का मनोरंजन भी किया और उन्हें जल, जीवन और हरियाली का संदेश भी दिया।

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