लाक डाउन में गर्भवती महिलाएं सेहत व पोषण का रखें ख्याल

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लाक डाउन में गर्भवती महिलाएं अपनी सेहत व पोषण का विशेष ख्याल रखें। यह बहुत जरूरी है। ऐसा न करना उनके लिए खतरनाक हो सकता है।
लाक डाउन में गर्भवती महिलाएं अपनी सेहत व पोषण का विशेष ख्याल रखें। यह बहुत जरूरी है। ऐसा न करना उनके लिए खतरनाक हो सकता है।
  • विटामिन सी युक्त लें आहार व हरी साग सब्जियों का करें सेवन
  • दिन में चार बार लें आहार, आयरन फॉलिक की गोली भी है जरूरी

वाराणसी। लाक डाउन में गर्भवती महिलाएं अपनी सेहत व पोषण का विशेष ख्याल रखें। यह बहुत जरूरी है। ऐसा न करना उनके लिए खतरनाक हो सकता है। हम सभी कोरोना वायरस से बचने के लिए लाक डाउन में रह रहे हैं। बच्चे हों या बुज़ुर्ग सभी को सरकार द्वारा अनेक उपाय बताये गए हैं, जिससे वे स्वस्थ रहें  तथा उनकी प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत रहे। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को भी अपनी देखभाल करनी चाहिए तथा अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए।

कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है कि गर्भवती महिलाओं में आम आदमी की तुलना में कोविड-19 से बीमार होने की संभावना ज्यादा है और न ही इसके परिणामस्वरूप उन्हें गंभीर बीमारी होने की सम्भावना है। गर्भवती महिलाओं को उनके शरीर में होने वाले परिवर्तन से कुछ संक्रमण के खतरे बढ़ सकते हैं। यह कहना है राजकीय जिला महिला अस्पताल की परामर्शदाता डा. अलका सिंह का।

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वह कहती हैं कि इसके कोई प्रमाण नहीं हैं कि कोविड-19 गर्भावस्था के समय बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित करेगा। यदि प्रसव के समय महिला कोविड-19 से संक्रमित है तो नवजात की जांच की जाएगी। इसलिए इससे बचाव का एकमात्र जरिया सावधानी है।  इसलिए हमें उन सभी सलाहों को मानना चाहिए, जो कि हमें हमारे चिकित्सक बता रहे हैं तथा सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए। इसके साथ ही डा. अलका सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए लाक डाउन के नियमों-  सामाजिक दूरी, फेस को कवर कर रखना, बार-बार साबुन और साफ पानी से हाथ धोना बेहद जरूरी है। यदि बुखार, खांसी या सांस लेने में कठिनाई हो तो देखभाल करें के साथ ही पहले कॉल कर चिकित्सीय सलाह लें और उसका पालन करें।

पौष्टिक एवं संतुलित आहार है जरूरी

डा. अलका सिंह बताती हैं कि गर्भावस्था के समय गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक व प्रतिरोधक क्षमता वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। अभी तो हम इस समय कोरोना के संक्रमण  से जूझ रहे हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को अपना अधिक ख्याल रखना चाहिए। ऐसे में हमें अपने भोजन में कार्बोहाइड्रेट, फैट, प्रोटीन, विटामिन, हाई फाइबर व मिनरल्स आदि को शामिल कर संतुलित भोजन का सेवन करना चाहिए। साथ ही प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे विटामिन सी युक्त फल जैसे संतरा, अंगूर, कीवी, अनानास, नींबू, पपीता व हरी साग सब्जी एवं सुपर फ़ूड जैसे हल्दी, अदरक, लहसुन आदि का सेवन करें।

खाना सफाई से बना हुआ, ताजा तथ अच्छे से पका हुआ ही खाएं। फलों व सब्जियों को इस्तेमाल करने से पहले अच्छे से धो लें। गुनगुने पानी का सेवन करें। जंक फ़ूड  का सेवन नहीं करना चाहिए। गर्भवती को दिन में दो घंटे आराम भी करना चाहिए। गर्भवती को दिन में कम से कम चार बार आहार लेना चाहिए। इस दौरान साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए।  गर्भावस्था की पहली तिमाही में कम से कम 1 पौष्टिक नाश्ते के साथ 3 मुख्य भोजन करना चाहिए। साथ ही 5 मिग्रा की फोलिक एसिड की एक गोली रोजाना लेनी चाहिए। आयरन, कैल्शियम या अन्य किसी भी दवाई का सेवन पहली तिमाही में नहीं करना है। लाक डाउन के नियमों का सख्ती से पालन करना है।

रोजाना लें आयरन की गोली

दूसरी और तीसरी तिमाही में 2 पौष्टिक नाश्ते के साथ 3 मुख्य भोजन का सेवन करना चाहिए। साथ ही आयरन फोलिक एसिड (आईएफए) की रोजाना एक गोली का सेवन करना चाहिए, जिसे प्रसव के बाद 6 माह तक जारी रखना चाहिए। गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में एक एल्बेन्डाजोल की टेबलेट का सेवन करना चाहिए। दूसरी व तीसरी तिमाही में भोजन के बाद 2 कैल्शियम की गोली का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। आयरन व कैल्शियम का सेवन एक साथ नहीं करना चाहिए। आयरन को विटामिन सी जैसे नीम्बू पानी, आंवल आदि के साथ लेना चाहिए।  जंक फ़ूड का सेवन नहीं करना चाहिए।

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